"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-84 - Open Books Online2024-03-29T15:56:54Zhttps://openbooks.ning.com/forum/topics/84-4?commentId=5170231%3AComment%3A1082086&feed=yes&xn_auth=noबेघर
सड़क के बीचो-बीच गायों क…tag:openbooks.ning.com,2022-03-31:5170231:Comment:10821332022-03-31T18:11:06.961ZKALPANA BHATT ('रौनक़')https://openbooks.ning.com/profile/KALPANABHATT832
<p>बेघर</p>
<p></p>
<p>सड़क के बीचो-बीच गायों का झुण्ड बैठा था| सड़क के दोनों तरफ से गाड़ियाँ दौड़ रही थीं| रात के समय में गाड़ी की हेडलाइट की रौशनी उनकी आँखों को चुन्धियाँ रही थी ऐसे में एक गाय ने दूसरी गाय से कहा, "क्या तुमको याद है, ऐसे एक हेडलाइट रौशनी के कारण पिछले हफ्ते अपने एक साथी गाय के बछड़े की मृत्यु हो गयी और साथ में...!"</p>
<p>दूसरी गाय ने उसकी बात काटते हुए कहा, "वह दृश्य मैं भुलाए नहीं भूल सकती! उस दिन दो बच्चो की लाशों के साक्षी बनना पडा था| मोटरसाइकिल सवार जो तेज़ रफ़्तार से अपनी बाईक…</p>
<p>बेघर</p>
<p></p>
<p>सड़क के बीचो-बीच गायों का झुण्ड बैठा था| सड़क के दोनों तरफ से गाड़ियाँ दौड़ रही थीं| रात के समय में गाड़ी की हेडलाइट की रौशनी उनकी आँखों को चुन्धियाँ रही थी ऐसे में एक गाय ने दूसरी गाय से कहा, "क्या तुमको याद है, ऐसे एक हेडलाइट रौशनी के कारण पिछले हफ्ते अपने एक साथी गाय के बछड़े की मृत्यु हो गयी और साथ में...!"</p>
<p>दूसरी गाय ने उसकी बात काटते हुए कहा, "वह दृश्य मैं भुलाए नहीं भूल सकती! उस दिन दो बच्चो की लाशों के साक्षी बनना पडा था| मोटरसाइकिल सवार जो तेज़ रफ़्तार से अपनी बाईक चला रहा था, वह भी तो पलटकर गिर पडा था, और वह भी सड़क पर घिसटता हुआ उस पार गिर गया था |"</p>
<p>पहली गाय ने कहा, "हाँ ! उस दिन उसकी भी मृत्यु हो गयी थी पर मेरा मन आज दूसरी बात से दुखी हो रहा है!"</p>
<p>"वो क्या है?"</p>
<p>"हम बेघर हो गये हैं! जब तक हम काम आती रहीं हमारा ध्यान रखा गया और हम जैसी ही बूढ़ी हो गयीं हमको आवारा पशुओं की श्रेणी में खडा कर दिया गया | कितने स्वार्थी है मानव ..."</p>
<p>"यह तुम किसकी शिकायत कर रही हो? ये प्रजाति तो अपने ही प्रजाति के बुज़ुर्ग लोगों को...तो अपन तो पशु हैं...!" </p>
<p>तभी चर्र्र्रर की आवाज़ आई, दोनों गायों की नज़रे पुनः चलती हुई सडको पर दौड़ती हुई गाड़ियों की ओर ...</p>
<p></p>
<p>मौलिक, अप्रकाशित एवं अप्रसारित </p> इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई…tag:openbooks.ning.com,2022-03-31:5170231:Comment:10820042022-03-31T17:45:54.583ZKALPANA BHATT ('रौनक़')https://openbooks.ning.com/profile/KALPANABHATT832
<p>इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय चेतन प्रकाश जी | </p>
<p>इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय चेतन प्रकाश जी | </p> अच्छा प्रयास हुआ है आदरणीया न…tag:openbooks.ning.com,2022-03-31:5170231:Comment:10820892022-03-31T17:44:07.078ZKALPANA BHATT ('रौनक़')https://openbooks.ning.com/profile/KALPANABHATT832
<p>अच्छा प्रयास हुआ है आदरणीया नयना ताई | बधाई स्वीकारें| </p>
<p>अच्छा प्रयास हुआ है आदरणीया नयना ताई | बधाई स्वीकारें| </p> विषय में नया पण नहीं है एवं अ…tag:openbooks.ning.com,2022-03-31:5170231:Comment:10821322022-03-31T17:40:19.231ZKALPANA BHATT ('रौनक़')https://openbooks.ning.com/profile/KALPANABHATT832
<p>विषय में नया पण नहीं है एवं अनावश्यक (...) आशा करती हूँ आप अन्यथा न लेंगी | बहरहाल बधाई स्वीकारें| </p>
<p>विषय में नया पण नहीं है एवं अनावश्यक (...) आशा करती हूँ आप अन्यथा न लेंगी | बहरहाल बधाई स्वीकारें| </p> प्रदत्त विषय पर अच्छी लघुकथा…tag:openbooks.ning.com,2022-03-31:5170231:Comment:10820032022-03-31T17:37:57.973ZKALPANA BHATT ('रौनक़')https://openbooks.ning.com/profile/KALPANABHATT832
<p>प्रदत्त विषय पर अच्छी लघुकथा लिखी है आपने आदरणीय तेज वीर सिंह जी | अंत नहीं जमा | सादर!</p>
<p>प्रदत्त विषय पर अच्छी लघुकथा लिखी है आपने आदरणीय तेज वीर सिंह जी | अंत नहीं जमा | सादर!</p> अच्छी लघुकथा लिखी है आपने आदर…tag:openbooks.ning.com,2022-03-31:5170231:Comment:10821312022-03-31T17:34:22.156ZKALPANA BHATT ('रौनक़')https://openbooks.ning.com/profile/KALPANABHATT832
<p>अच्छी लघुकथा लिखी है आपने आदरणीया दिव्या जी बधाई प्रेषित है| आप ने एक वृद्ध को बच्चे द्वारा सम्झईश दिलवाई है वह बाल-हठ प्रतीत हो रहा है परन्तु हठ के माध्यम से वृद्ध की समस्या का हल... बात थोड़ी सी असहज सी लग रही है! बहरलाल बधाई स्वीकार करें | </p>
<p>अच्छी लघुकथा लिखी है आपने आदरणीया दिव्या जी बधाई प्रेषित है| आप ने एक वृद्ध को बच्चे द्वारा सम्झईश दिलवाई है वह बाल-हठ प्रतीत हो रहा है परन्तु हठ के माध्यम से वृद्ध की समस्या का हल... बात थोड़ी सी असहज सी लग रही है! बहरलाल बधाई स्वीकार करें | </p> गोष्ठी में प्रथम रचना हेतु बध…tag:openbooks.ning.com,2022-03-31:5170231:Comment:10821282022-03-31T17:17:32.886ZKALPANA BHATT ('रौनक़')https://openbooks.ning.com/profile/KALPANABHATT832
<p>गोष्ठी में प्रथम रचना हेतु बधाई स्वीकारें। </p>
<p>सुंदर सन्देश देती हुई इस अच्छी लघुकथा हेतु बधाई स्वीकारें।</p>
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<p>गोष्ठी में प्रथम रचना हेतु बधाई स्वीकारें। </p>
<p>सुंदर सन्देश देती हुई इस अच्छी लघुकथा हेतु बधाई स्वीकारें।</p>
<p></p> प्रदत्त विषय पर लघुकथा कहने क…tag:openbooks.ning.com,2022-03-31:5170231:Comment:10820012022-03-31T16:46:01.004Zयोगराज प्रभाकरhttps://openbooks.ning.com/profile/YograjPrabhakar
<p>प्रदत्त विषय पर लघुकथा कहने का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें आ० चेतन प्रकाश जी. </p>
<p>प्रदत्त विषय पर लघुकथा कहने का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें आ० चेतन प्रकाश जी. </p> लघुकथा अच्छी है, मगर इससे कही…tag:openbooks.ning.com,2022-03-31:5170231:Comment:10820862022-03-31T16:44:17.374Zयोगराज प्रभाकरhttps://openbooks.ning.com/profile/YograjPrabhakar
<p>लघुकथा अच्छी है, मगर इससे कहीं अच्छी बन सकती है. इसे और कसने का प्रयास करें और मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करें नयना ताई.</p>
<p>लघुकथा अच्छी है, मगर इससे कहीं अच्छी बन सकती है. इसे और कसने का प्रयास करें और मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करें नयना ताई.</p> //मुझे भी अपने डोगी के साथ पा…tag:openbooks.ning.com,2022-03-31:5170231:Comment:10819022022-03-31T16:40:17.990Zयोगराज प्रभाकरhttps://openbooks.ning.com/profile/YograjPrabhakar
<p>//<span>मुझे भी अपने डोगी के साथ पार्क में घुमाने ले जाया करो..// बहुत ही मार्मिक व प्रभावोत्पादक पंक्ति है. <br/>लघुकथा अच्छी हुई है, साथियों की राय पर गौर करें और मेरी बधाई स्वीकार करें. </span></p>
<p>//<span>मुझे भी अपने डोगी के साथ पार्क में घुमाने ले जाया करो..// बहुत ही मार्मिक व प्रभावोत्पादक पंक्ति है. <br/>लघुकथा अच्छी हुई है, साथियों की राय पर गौर करें और मेरी बधाई स्वीकार करें. </span></p>