"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-83 - Open Books Online2024-03-29T11:20:13Zhttps://openbooks.ning.com/forum/topics/83?commentId=5170231%3AComment%3A859203&feed=yes&xn_auth=noहौसला अफजाई के लिए दिल से शुक…tag:openbooks.ning.com,2017-05-27:5170231:Comment:8594552017-05-27T18:47:57.284Zsunanda jha https://openbooks.ning.com/profile/sunandajha840
हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया आदरणीय ।मैं पूरी कोशिश करूँगी इसे बह्र में लाने की ।
हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया आदरणीय ।मैं पूरी कोशिश करूँगी इसे बह्र में लाने की । हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक…tag:openbooks.ning.com,2017-05-27:5170231:Comment:8592862017-05-27T18:45:55.903Zsunanda jha https://openbooks.ning.com/profile/sunandajha840
हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया आदरणीय ।मैं जरूर इसे बह्र में लाने की पूरी कोशिश करूँगी ।
हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया आदरणीय ।मैं जरूर इसे बह्र में लाने की पूरी कोशिश करूँगी । जो सर पे बाँधे कफ़न अपने घर से…tag:openbooks.ning.com,2017-05-27:5170231:Comment:8593722017-05-27T18:28:39.369Zनादिर ख़ानhttps://openbooks.ning.com/profile/Nadir
<p><span>जो सर पे बाँधे कफ़न अपने घर से निकला था</span><br/><span>वो मर्दे हक़ की तरह इस नगर से निकला था .. बहुत खूब कहा आदरणीय ....</span></p>
<p><span>जो सर पे बाँधे कफ़न अपने घर से निकला था</span><br/><span>वो मर्दे हक़ की तरह इस नगर से निकला था .. बहुत खूब कहा आदरणीय ....</span></p> आदरणीय मुनीश तन्हा जी उम्दा क…tag:openbooks.ning.com,2017-05-27:5170231:Comment:8595322017-05-27T18:23:56.663Zनादिर ख़ानhttps://openbooks.ning.com/profile/Nadir
<p>आदरणीय मुनीश तन्हा जी उम्दा कोशिश हुयी है बहुत मुबारकबाद कहन को और स्पष्ट करें तो गज़ल और प्रभावी हो जाएगी </p>
<p>आदरणीय मुनीश तन्हा जी उम्दा कोशिश हुयी है बहुत मुबारकबाद कहन को और स्पष्ट करें तो गज़ल और प्रभावी हो जाएगी </p> अच्छी गज़ल कहीआदरणीय डॉ आशुतोष…tag:openbooks.ning.com,2017-05-27:5170231:Comment:8593712017-05-27T18:19:28.255Zनादिर ख़ानhttps://openbooks.ning.com/profile/Nadir
<p>अच्छी गज़ल कहीआदरणीय डॉ <span>आशुतोष जी आपकी मेहनत दिखाई पड़ रही है ... मुबारकबाद आपको</span></p>
<p>अच्छी गज़ल कहीआदरणीय डॉ <span>आशुतोष जी आपकी मेहनत दिखाई पड़ रही है ... मुबारकबाद आपको</span></p> आदरणीया शर्मिंदा होने की ज़रूर…tag:openbooks.ning.com,2017-05-27:5170231:Comment:8594542017-05-27T18:13:01.876Zनादिर ख़ानhttps://openbooks.ning.com/profile/Nadir
<p>आदरणीया शर्मिंदा होने की ज़रूरत नहीं ... लेखनी खुद ब खुद बोलती है आपकी लेखनी और ज्ञान हमसे ज्यादा है तो उसे स्वीकारने मे हमें झिझक नहीं है</p>
<p>हमारी बेटी क्लास 12 मे है वो काफी होशियार है लेकिन कभी कभी जल्द बाजी मे या किसी और कारण से वो भी गलतियाँ कर जाती है मगर मुझे पता है वो intelligent है | कम से कम हमसे तो ज्यादा ही है ।</p>
<p>आदरणीया शर्मिंदा होने की ज़रूरत नहीं ... लेखनी खुद ब खुद बोलती है आपकी लेखनी और ज्ञान हमसे ज्यादा है तो उसे स्वीकारने मे हमें झिझक नहीं है</p>
<p>हमारी बेटी क्लास 12 मे है वो काफी होशियार है लेकिन कभी कभी जल्द बाजी मे या किसी और कारण से वो भी गलतियाँ कर जाती है मगर मुझे पता है वो intelligent है | कम से कम हमसे तो ज्यादा ही है ।</p> आपका हार्दिक आभार आदरणीय मुनी…tag:openbooks.ning.com,2017-05-27:5170231:Comment:8594532017-05-27T18:00:08.355ZMahendra Kumarhttps://openbooks.ning.com/profile/Mahendra
आपका हार्दिक आभार आदरणीय मुनीश तनहा जी। हार्दिक अबार्ड। सन्डे
आपका हार्दिक आभार आदरणीय मुनीश तनहा जी। हार्दिक अबार्ड। सन्डे Abhaar Mahendra Jitag:openbooks.ning.com,2017-05-27:5170231:Comment:8594522017-05-27T17:59:05.750Zअजय गुप्ता 'अजेयhttps://openbooks.ning.com/profile/3tuckjroyzywi
Abhaar Mahendra Ji
Abhaar Mahendra Ji shukriya mohan jitag:openbooks.ning.com,2017-05-27:5170231:Comment:8593702017-05-27T17:58:44.993Zअजय गुप्ता 'अजेयhttps://openbooks.ning.com/profile/3tuckjroyzywi
shukriya mohan ji
shukriya mohan ji सुझावों का हमेशा स्वागत है आद…tag:openbooks.ning.com,2017-05-27:5170231:Comment:8592852017-05-27T17:54:17.443ZMahendra Kumarhttps://openbooks.ning.com/profile/Mahendra
सुझावों का हमेशा स्वागत है आदरणीय नादिर जी। आपका बहुत-बहुत शुक्रिया हार्दिक आभार।
सुझावों का हमेशा स्वागत है आदरणीय नादिर जी। आपका बहुत-बहुत शुक्रिया हार्दिक आभार।