"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-82 (विषय: 'सैन्य जीवन) - Open Books Online2024-03-28T16:07:36Zhttps://openbooks.ning.com/forum/topics/82-4?commentId=5170231%3AComment%3A1078443&feed=yes&xn_auth=noआ. भाई ओमप्रकाश जी, बेहतरीन ल…tag:openbooks.ning.com,2022-01-31:5170231:Comment:10786552022-01-31T17:51:02.927Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'https://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई ओमप्रकाश जी, बेहतरीन लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।</p>
<p>आ. भाई ओमप्रकाश जी, बेहतरीन लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।</p> आ. भाई तेजवीर ही, हाल ही मे घ…tag:openbooks.ning.com,2022-01-31:5170231:Comment:10786542022-01-31T17:42:45.916Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'https://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई तेजवीर ही, हाल ही मे घटित सत्यकथा पर आधारित बेहतरीन लघुकथा हुई है । हार्दिक बधाई।</p>
<p>आ. भाई तेजवीर ही, हाल ही मे घटित सत्यकथा पर आधारित बेहतरीन लघुकथा हुई है । हार्दिक बधाई।</p> सादर नमस्कार। दूसरी शादी को स…tag:openbooks.ning.com,2022-01-31:5170231:Comment:10783812022-01-31T16:47:38.700ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>सादर नमस्कार। दूसरी शादी को सकारात्मक प्रतीक देती बहुत भावपूर्ण भक्ति पूर्ण लघुकथा। हार्दिक बधाई आदरणीय ओमप्रकाश क्षत्रिय 'प्रकाश' जी।</p>
<p>सादर नमस्कार। दूसरी शादी को सकारात्मक प्रतीक देती बहुत भावपूर्ण भक्ति पूर्ण लघुकथा। हार्दिक बधाई आदरणीय ओमप्रकाश क्षत्रिय 'प्रकाश' जी।</p> आदाब। विषय को परिभाषित करती ब…tag:openbooks.ning.com,2022-01-31:5170231:Comment:10786522022-01-31T16:44:35.844ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>आदाब। विषय को परिभाषित करती बढ़िया रचना। हार्दिक बधाई आदरणीया अनिता रश्मि जी।</p>
<p>आदाब। विषय को परिभाषित करती बढ़िया रचना। हार्दिक बधाई आदरणीया अनिता रश्मि जी।</p> आदाब। यूँ प्रोत्साहित करनेहेत…tag:openbooks.ning.com,2022-01-31:5170231:Comment:10786512022-01-31T16:41:49.331ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>आदाब। यूँ प्रोत्साहित करनेहेतु हार्दिक धन्यवाद जनाब तेजवीर सिंह साहिब।</p>
<p>आदाब। यूँ प्रोत्साहित करनेहेतु हार्दिक धन्यवाद जनाब तेजवीर सिंह साहिब।</p> सादर नमस्कार। रचना पटल पर समय…tag:openbooks.ning.com,2022-01-31:5170231:Comment:10784562022-01-31T16:40:44.392ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>सादर नमस्कार। रचना पटल पर समय देकर मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु शुक्रिया आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी। इस रचना में सुधार हेतु भी कुछ बताइएगा। आप सभी की विषयांतर्गत लघुकथायें पढ़कर इस विषय पर बेहतर लिखने की कोशिश करूँगा।</p>
<p>सादर नमस्कार। रचना पटल पर समय देकर मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु शुक्रिया आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी। इस रचना में सुधार हेतु भी कुछ बताइएगा। आप सभी की विषयांतर्गत लघुकथायें पढ़कर इस विषय पर बेहतर लिखने की कोशिश करूँगा।</p> सादर नमस्कार। प्रविष्टि पर प्…tag:openbooks.ning.com,2022-01-31:5170231:Comment:10785672022-01-31T16:30:29.384ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>सादर नमस्कार। प्रविष्टि पर प्रथम टिप्पणी व प्रोत्साहन हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय ओमप्रकाश क्षत्रिय जी।</p>
<p>सादर नमस्कार। प्रविष्टि पर प्रथम टिप्पणी व प्रोत्साहन हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय ओमप्रकाश क्षत्रिय जी।</p> एक भावुक कर देने वाली लघुकथा।…tag:openbooks.ning.com,2022-01-31:5170231:Comment:10784542022-01-31T16:23:22.840Zआशीष यादवhttps://openbooks.ning.com/profile/Ashishyadav
<p>एक भावुक कर देने वाली लघुकथा। पढ़कर बहुत अच्छा लगा।</p>
<p>एक भावुक कर देने वाली लघुकथा। पढ़कर बहुत अच्छा लगा।</p> बात बात में एक गंभीर बात कह द…tag:openbooks.ning.com,2022-01-31:5170231:Comment:10786492022-01-31T16:19:41.585Zआशीष यादवhttps://openbooks.ning.com/profile/Ashishyadav
<p>बात बात में एक गंभीर बात कह देना लघुकथा का मूल उद्देश्य होता है जो यहां पूरा होता दिखाई देता है। </p>
<p>बात बात में एक गंभीर बात कह देना लघुकथा का मूल उद्देश्य होता है जो यहां पूरा होता दिखाई देता है। </p> बहुत अच्छी लघुकथाओ में से एक।…tag:openbooks.ning.com,2022-01-31:5170231:Comment:10786462022-01-31T16:16:05.039Zआशीष यादवhttps://openbooks.ning.com/profile/Ashishyadav
<p>बहुत अच्छी लघुकथाओ में से एक। बहुत सुंदर तरीके से बातों को रखते हुए एक फौजी और एक नक्सली के दिल को टटोला है आपने।</p>
<p>बहुत अच्छी लघुकथाओ में से एक। बहुत सुंदर तरीके से बातों को रखते हुए एक फौजी और एक नक्सली के दिल को टटोला है आपने।</p>