"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-79 (विषय: मेरे देश में) - Open Books Online2024-03-29T06:32:15Zhttps://openbooks.ning.com/forum/topics/79-4?commentId=5170231%3AComment%3A1072666&feed=yes&xn_auth=noविषयांतर्गत बढ़िया प्रविष्टियो…tag:openbooks.ning.com,2021-10-31:5170231:Comment:10726662021-10-31T18:25:58.657ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>विषयांतर्गत बढ़िया प्रविष्टियों के साथ हमने गोष्ठी से लाभ लिया। सभी सहभागियों को हार्दिक बधाई। सभी को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयां और शुभकामनाएं।</p>
<p>विषयांतर्गत बढ़िया प्रविष्टियों के साथ हमने गोष्ठी से लाभ लिया। सभी सहभागियों को हार्दिक बधाई। सभी को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयां और शुभकामनाएं।</p> रचना पटल पर आपकी उपस्थिति और…tag:openbooks.ning.com,2021-10-31:5170231:Comment:10725922021-10-31T16:02:19.882ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>रचना पटल पर आपकी उपस्थिति और प्रोत्साहक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर सिंह जी। कृपया सम्प्रषणीयता और क्लिष्टता आदि की लघुकथागत पक्षों पर मार्गदर्शन भी प्रदान कीजिएगा इस रचना पर।</p>
<p>रचना पटल पर आपकी उपस्थिति और प्रोत्साहक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर सिंह जी। कृपया सम्प्रषणीयता और क्लिष्टता आदि की लघुकथागत पक्षों पर मार्गदर्शन भी प्रदान कीजिएगा इस रचना पर।</p> रचना पर टिप्पणी हेतु बहुत-बहु…tag:openbooks.ning.com,2021-10-31:5170231:Comment:10726652021-10-31T15:52:36.983ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>रचना पर टिप्पणी हेतु बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय मनन कुमार सिंह जी। लेखक यही जानने को इच्छुक है कि पाठक तक क्या संदेश पहुँच पाया। ...प्रतीत होती लगी... आपको। कृपया स्पष्ट कीजिएगा कि रचना क्या सम्प्रेषित कर रही पाठकों को, ताकि लेखक को पाठकीय राय/ प्रतिक्रिया अधिक स्पष्ट हो सके। रचना की कमियाँ कृपया इंगित कीजिएगा मार्गदर्शन सहित। अर्थात कृपया सम्प्रषणीयता और क्लिष्टता आदि की लघुकथागत पक्षों पर मार्गदर्शन भी प्रदान कीजिएगा इस रचना पर।</p>
<p>रचना पर टिप्पणी हेतु बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय मनन कुमार सिंह जी। लेखक यही जानने को इच्छुक है कि पाठक तक क्या संदेश पहुँच पाया। ...प्रतीत होती लगी... आपको। कृपया स्पष्ट कीजिएगा कि रचना क्या सम्प्रेषित कर रही पाठकों को, ताकि लेखक को पाठकीय राय/ प्रतिक्रिया अधिक स्पष्ट हो सके। रचना की कमियाँ कृपया इंगित कीजिएगा मार्गदर्शन सहित। अर्थात कृपया सम्प्रषणीयता और क्लिष्टता आदि की लघुकथागत पक्षों पर मार्गदर्शन भी प्रदान कीजिएगा इस रचना पर।</p> यानी रिश्ते कबाड़ में चले गए?…tag:openbooks.ning.com,2021-10-31:5170231:Comment:10724962021-10-31T14:35:47.307ZManan Kumar singhhttps://openbooks.ning.com/profile/MananKumarsingh
<p>यानी रिश्ते कबाड़ में चले गए?या रिश्तों के कबाड़ से बाहर निकल आया एकल आदमी? संशय की स्थिति को दर्शाती हुई लघुकथा प्रतीत होती है;बधाइयां।</p>
<p>यानी रिश्ते कबाड़ में चले गए?या रिश्तों के कबाड़ से बाहर निकल आया एकल आदमी? संशय की स्थिति को दर्शाती हुई लघुकथा प्रतीत होती है;बधाइयां।</p> बेहद प्रेरक लघुकथा हुई है,आ.त…tag:openbooks.ning.com,2021-10-31:5170231:Comment:10724952021-10-31T14:28:17.855ZManan Kumar singhhttps://openbooks.ning.com/profile/MananKumarsingh
<p>बेहद प्रेरक लघुकथा हुई है,आ.तसदीक की;बधाइयां।</p>
<p>बेहद प्रेरक लघुकथा हुई है,आ.तसदीक की;बधाइयां।</p> बहुत संदेशप्रद लघुकथा हुई है…tag:openbooks.ning.com,2021-10-31:5170231:Comment:10725892021-10-31T14:25:16.258ZManan Kumar singhhttps://openbooks.ning.com/profile/MananKumarsingh
<p>बहुत संदेशप्रद लघुकथा हुई है आ.तेजवीर जी;बधाइयां।</p>
<p>बहुत संदेशप्रद लघुकथा हुई है आ.तेजवीर जी;बधाइयां।</p> आभार आ.तेजवीर जी।tag:openbooks.ning.com,2021-10-31:5170231:Comment:10726642021-10-31T14:23:28.616ZManan Kumar singhhttps://openbooks.ning.com/profile/MananKumarsingh
<p>आभार आ.तेजवीर जी।</p>
<p>आभार आ.तेजवीर जी।</p> आभार जनाब तसदीक साहिब।tag:openbooks.ning.com,2021-10-31:5170231:Comment:10726632021-10-31T14:22:47.451ZManan Kumar singhhttps://openbooks.ning.com/profile/MananKumarsingh
<p>आभार जनाब तसदीक साहिब।</p>
<p>आभार जनाब तसदीक साहिब।</p> हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार…tag:openbooks.ning.com,2021-10-31:5170231:Comment:10727532021-10-31T13:35:24.293ZTEJ VEER SINGHhttps://openbooks.ning.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार जी।व्यवस्था पर सीधा प्रश्न चिन्ह। बहुत सुन्दर लघुकथा।</p>
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार जी।व्यवस्था पर सीधा प्रश्न चिन्ह। बहुत सुन्दर लघुकथा।</p> हार्दिक बधाई आदरणीय शेख़ शहज़…tag:openbooks.ning.com,2021-10-31:5170231:Comment:10725862021-10-31T13:32:14.663ZTEJ VEER SINGHhttps://openbooks.ning.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय शेख़ शहज़ाद साहब जी।बेहतरीन लघुकथा।आजकल के हालात का लाजवाब वर्णन।</p>
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय शेख़ शहज़ाद साहब जी।बेहतरीन लघुकथा।आजकल के हालात का लाजवाब वर्णन।</p>