"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-77 - Open Books Online2024-03-29T13:32:19Zhttps://openbooks.ning.com/forum/topics/77-3?xg_source=activity&feed=yes&xn_auth=noबहुत धन्यवाद विनय जी tag:openbooks.ning.com,2021-08-31:5170231:Comment:10675642021-08-31T17:50:53.754Zअजय गुप्ता 'अजेयhttps://openbooks.ning.com/profile/3tuckjroyzywi
<p>बहुत धन्यवाद विनय जी </p>
<p>बहुत धन्यवाद विनय जी </p> जी आपका संशय उचित है। रचना पर…tag:openbooks.ning.com,2021-08-31:5170231:Comment:10677392021-08-31T17:50:30.239Zअजय गुप्ता 'अजेयhttps://openbooks.ning.com/profile/3tuckjroyzywi
<p>जी आपका संशय उचित है। रचना पर उपस्थिति के लिए बहुत आभार </p>
<p>जी आपका संशय उचित है। रचना पर उपस्थिति के लिए बहुत आभार </p> रचना पर टिप्पणी के प्रति बहुत…tag:openbooks.ning.com,2021-08-31:5170231:Comment:10675632021-08-31T17:49:42.902Zअजय गुप्ता 'अजेयhttps://openbooks.ning.com/profile/3tuckjroyzywi
<p>रचना पर टिप्पणी के प्रति बहुत बहुत आभार प्रतिभा जी </p>
<p>रचना पर टिप्पणी के प्रति बहुत बहुत आभार प्रतिभा जी </p> बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय तेजव…tag:openbooks.ning.com,2021-08-31:5170231:Comment:10677382021-08-31T17:48:33.858Zअजय गुप्ता 'अजेयhttps://openbooks.ning.com/profile/3tuckjroyzywi
<p>बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय तेजवीर जी </p>
<p>बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय तेजवीर जी </p> आभार मोहन जी tag:openbooks.ning.com,2021-08-31:5170231:Comment:10675612021-08-31T17:48:02.418Zअजय गुप्ता 'अजेयhttps://openbooks.ning.com/profile/3tuckjroyzywi
<p>आभार मोहन जी </p>
<p>आभार मोहन जी </p> बहुत बढ़िया लघुकथा, ऐसा विरोधा…tag:openbooks.ning.com,2021-08-31:5170231:Comment:10677362021-08-31T17:08:02.366Zविनय कुमारhttps://openbooks.ning.com/profile/vinayakumarsingh
<p>बहुत बढ़िया लघुकथा, ऐसा विरोधाभास बहुधा देखने को मिलता है. बहुत बहुत बधाई आ अजेय जी</p>
<p>बहुत बढ़िया लघुकथा, ऐसा विरोधाभास बहुधा देखने को मिलता है. बहुत बहुत बधाई आ अजेय जी</p> वाह, बहुत बेहतरीन और प्रभावशा…tag:openbooks.ning.com,2021-08-31:5170231:Comment:10676602021-08-31T17:02:54.243Zविनय कुमारhttps://openbooks.ning.com/profile/vinayakumarsingh
<p>वाह, बहुत बेहतरीन और प्रभावशाली लघुकथा आ प्रतिभा पांडे जी, लड़कियां हर क्षेत्र में बेहतर कर सकती हैं बशर्ते उन्हें प्रोत्साहन मिले.</p>
<p>वाह, बहुत बेहतरीन और प्रभावशाली लघुकथा आ प्रतिभा पांडे जी, लड़कियां हर क्षेत्र में बेहतर कर सकती हैं बशर्ते उन्हें प्रोत्साहन मिले.</p> आज जब सुबह मैं सैर कर रहा थ…tag:openbooks.ning.com,2021-08-31:5170231:Comment:10675592021-08-31T16:59:28.207Zमोहन बेगोवालhttps://openbooks.ning.com/profile/DrMohanlal
<p> आज जब सुबह मैं सैर कर रहा था , तब इक आवाज़ मेरे कानों से टकराई ,साहिब जी नमस्कार ।<br></br>मैंने खुद को रोका और उस पर नज़र डाली, आज उसने बहुत सुंदर लाल कमीज़,काली ऐनक और सिर पे टोपी पहनी हुई थी ।<br></br>धीरे से उस ने अपनी ट्राई साइकिल मेरे पास लाते हुए कहा,"साहिब जी, आज भोले नाथ का जन्मदिन है ,आज कुछ हो जाए,ये मुझे समझ आ गया था ।"क्योंकि वह जब भी मुझे मिलता, उस को उम्मीद होती कि मैं उसे कुछ पैसे दूं।"<br></br>"नहीं भाई, आज शिव रात्रि नहीं, भाई आज तो जन्माष्टमी है ।"<br></br>"मैंने उस की ट्राईविलर के पास…</p>
<p> आज जब सुबह मैं सैर कर रहा था , तब इक आवाज़ मेरे कानों से टकराई ,साहिब जी नमस्कार ।<br/>मैंने खुद को रोका और उस पर नज़र डाली, आज उसने बहुत सुंदर लाल कमीज़,काली ऐनक और सिर पे टोपी पहनी हुई थी ।<br/>धीरे से उस ने अपनी ट्राई साइकिल मेरे पास लाते हुए कहा,"साहिब जी, आज भोले नाथ का जन्मदिन है ,आज कुछ हो जाए,ये मुझे समझ आ गया था ।"क्योंकि वह जब भी मुझे मिलता, उस को उम्मीद होती कि मैं उसे कुछ पैसे दूं।"<br/>"नहीं भाई, आज शिव रात्रि नहीं, भाई आज तो जन्माष्टमी है ।"<br/>"मैंने उस की ट्राईविलर के पास जाते हुए कहा।"<br/>"आप को किस ने बताया है कि आज भोले नाथ का दिन ।"<br/>"सभी लोग कह थे।"मगर मुझे क्या पता, मैं तो तैयार हो कर मंदिर की और जा रहा हूं।"<br/>"अब क्या कह रहे हो?" मैंने फिर उस से पूछा<br/>"जो आप कह रहे हैं , सर जी ,हो जाए फिर ,<br/>हो जाए का उसका मतलब ,मेरी तरफ से कुछ जेब ढ़ीली करना है।<br/> "मैं भी मंदिर में चढ़ावा चडाना चाहता हूं , उस ने मुझे ज़िंदगी दी है,मुझे भी तो उसकी दी ज़िंदगी की कुछ कीमत अदा करनी होगी, उस ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा।"<br/>उस की नज़र मेरे चेहरे पर आ टिकी , और मैं सोच रहा था ,ये क्या चुका पाएगा,जिस को खुद का घर तो चला नहीं पाता, ये जो अर्पण भी करता है, वो दूसरों से लेकर अपनी ज़मीर की कीमत दे रहा है।</p>
<p>मौलिक व अप्रकाशित</p> सुंदर सीख भरी लघु कथा। बधाई आ…tag:openbooks.ning.com,2021-08-31:5170231:Comment:10675562021-08-31T16:16:33.800ZDayaram Methanihttps://openbooks.ning.com/profile/DayaramMethani
<p>सुंदर सीख भरी लघु कथा। बधाई आदरणीय तेजवीर सिंह जी।</p>
<p>सुंदर सीख भरी लघु कथा। बधाई आदरणीय तेजवीर सिंह जी।</p> हार्दिक आभार आदरणीय महेन्द्र…tag:openbooks.ning.com,2021-08-31:5170231:Comment:10676562021-08-31T15:47:12.471Zpratibha pandehttps://openbooks.ning.com/profile/pratibhapande
<p>हार्दिक आभार आदरणीय महेन्द्र कुमार जी</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय महेन्द्र कुमार जी</p>