"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-66 (विषय: "देश") - Open Books Online2024-03-29T11:23:22Zhttps://openbooks.ning.com/forum/topics/66-4?commentId=5170231%3AComment%3A1021263&feed=yes&xn_auth=noआदाब। बहुत-बहुत शुक्रिया आदरण…tag:openbooks.ning.com,2020-09-30:5170231:Comment:10224342020-09-30T18:23:43.937ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>आदाब। बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीया दिव्या राकेश शर्मा जी।</p>
<p>आदाब। बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीया दिव्या राकेश शर्मा जी।</p> कब्र बिज्जू से मेरा पहला परिच…tag:openbooks.ning.com,2020-09-30:5170231:Comment:10224302020-09-30T18:20:55.030ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p dir="ltr">कब्र बिज्जू से मेरा पहला परिचय हमारे आकाशवाणी केंद्र शिवपुरी के प्रांगण में हुआ और वहीं के सहकर्मियों के वार्तालाप से। नज़दीक़ से देखा है आकाशवाणी में नैमित्तिक उद्घोषक की सांध्यकालीन प्रसारण सभा की ड्यूटी करते समय रात आठ-नौ बजे के दरमियाँ अंदर गलियारे व वॉशरूम में! दिखने में भी डरावना! उस समय स्टूडियोज़ व कैम्पस में चार-पाँच सहकर्मी ही ड्यूटी पर थे। उसे भागमभाग करते हमने देखा था। फ़िर वह पेड़ों की तरफ़ भाग गया।</p>
<p dir="ltr">उसके भोजन की उसकी अपनी व्यवस्था है प्रकृति द्वारा!</p>
<p dir="ltr">कब्र बिज्जू से मेरा पहला परिचय हमारे आकाशवाणी केंद्र शिवपुरी के प्रांगण में हुआ और वहीं के सहकर्मियों के वार्तालाप से। नज़दीक़ से देखा है आकाशवाणी में नैमित्तिक उद्घोषक की सांध्यकालीन प्रसारण सभा की ड्यूटी करते समय रात आठ-नौ बजे के दरमियाँ अंदर गलियारे व वॉशरूम में! दिखने में भी डरावना! उस समय स्टूडियोज़ व कैम्पस में चार-पाँच सहकर्मी ही ड्यूटी पर थे। उसे भागमभाग करते हमने देखा था। फ़िर वह पेड़ों की तरफ़ भाग गया।</p>
<p dir="ltr">उसके भोजन की उसकी अपनी व्यवस्था है प्रकृति द्वारा!</p> बढिया लघुकथा है सर।tag:openbooks.ning.com,2020-09-30:5170231:Comment:10225192020-09-30T17:57:58.728ZDivya Rakesh Sharmahttps://openbooks.ning.com/profile/DivyaRakeshSharma
<p>बढिया लघुकथा है सर।</p>
<p>बढिया लघुकथा है सर।</p> रचना पर आपकी उपस्थिति और रचना…tag:openbooks.ning.com,2020-09-30:5170231:Comment:10224252020-09-30T17:49:32.309ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>रचना पर आपकी उपस्थिति और रचना के अनुमोदन के साथ मेरी हौसला अफ़ज़ाई हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय गोष्ठी संचालक महोदय श्री योगराज प्रभाकर साहिब।</p>
<p>रचना पर आपकी उपस्थिति और रचना के अनुमोदन के साथ मेरी हौसला अफ़ज़ाई हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय गोष्ठी संचालक महोदय श्री योगराज प्रभाकर साहिब।</p> आदाब। रचना पर समय देकर बढ़िया…tag:openbooks.ning.com,2020-09-30:5170231:Comment:10224222020-09-30T17:47:39.534ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>आदाब। रचना पर समय देकर बढ़िया सवाल उठाने हेेतु शुक्रिया आदरणीय मनन कुमार सिंह जी। आपके सवाल का जवाब भी रचना में ही है। एक पल या क्षण की बात है। एक ही दृश्य है लघुकथा विधागत।</p>
<p></p>
<p>(जनता अर्थात पाँचवें स्तंभ से ही मुख्य चार स्तंभों की सार्थकता और वजूद है। अतः उसे ही उभारा गया है परिवेश और वर्तमान परिदृश्य अनुसार। )</p>
<p></p>
<p>सभी स्तंभ मुखरित होने पर पृथक पाँच लघुकथायें या एक उपन्यास रूप सृजित किया जा सकता है।</p>
<p>आदाब। रचना पर समय देकर बढ़िया सवाल उठाने हेेतु शुक्रिया आदरणीय मनन कुमार सिंह जी। आपके सवाल का जवाब भी रचना में ही है। एक पल या क्षण की बात है। एक ही दृश्य है लघुकथा विधागत।</p>
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<p>(जनता अर्थात पाँचवें स्तंभ से ही मुख्य चार स्तंभों की सार्थकता और वजूद है। अतः उसे ही उभारा गया है परिवेश और वर्तमान परिदृश्य अनुसार। )</p>
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<p>सभी स्तंभ मुखरित होने पर पृथक पाँच लघुकथायें या एक उपन्यास रूप सृजित किया जा सकता है।</p> अलग विषय पर एक अच्छी लघुकथा क…tag:openbooks.ning.com,2020-09-30:5170231:Comment:10225072020-09-30T16:56:04.499ZDeepalee Thakurhttps://openbooks.ning.com/profile/DeepaleeThakur
अलग विषय पर एक अच्छी लघुकथा के लिए बधाई दिव्या शर्मा जी
अलग विषय पर एक अच्छी लघुकथा के लिए बधाई दिव्या शर्मा जी आभार सर।tag:openbooks.ning.com,2020-09-30:5170231:Comment:10223632020-09-30T16:43:03.615ZDivya Rakesh Sharmahttps://openbooks.ning.com/profile/DivyaRakeshSharma
<p>आभार सर।</p>
<p>आभार सर।</p> आभार सर।tag:openbooks.ning.com,2020-09-30:5170231:Comment:10222722020-09-30T16:42:43.198ZDivya Rakesh Sharmahttps://openbooks.ning.com/profile/DivyaRakeshSharma
<p>आभार सर।</p>
<p>आभार सर।</p> आभार सर।tag:openbooks.ning.com,2020-09-30:5170231:Comment:10222692020-09-30T16:42:26.711ZDivya Rakesh Sharmahttps://openbooks.ning.com/profile/DivyaRakeshSharma
<p>आभार सर।</p>
<p>आभार सर।</p> आभार सर।tag:openbooks.ning.com,2020-09-30:5170231:Comment:10223622020-09-30T16:42:07.867ZDivya Rakesh Sharmahttps://openbooks.ning.com/profile/DivyaRakeshSharma
<p>आभार सर।</p>
<p>आभार सर।</p>