"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-60 (विषय: धरोहर) - Open Books Online2024-03-28T14:57:25Zhttps://openbooks.ning.com/forum/topics/60-3?xg_source=activity&id=5170231%3ATopic%3A1002508&feed=yes&xn_auth=noआपकी बात से सहमत हूँ। मुसीबत…tag:openbooks.ning.com,2020-03-31:5170231:Comment:10039092020-03-31T18:25:11.446Zpratibha pandehttps://openbooks.ning.com/profile/pratibhapande
<p>आपकी बात से सहमत हूँ। मुसीबत को स्पष्ट किया जाना चाहिये था। रचना पर सार्थक टिप्पणी के लिये हार्दिक आभार आदरणीय ऊस्मानी जी</p>
<p>आपकी बात से सहमत हूँ। मुसीबत को स्पष्ट किया जाना चाहिये था। रचना पर सार्थक टिप्पणी के लिये हार्दिक आभार आदरणीय ऊस्मानी जी</p> हार्दिक आभार आदरणीय बागी जीtag:openbooks.ning.com,2020-03-31:5170231:Comment:10037242020-03-31T18:22:00.789Zpratibha pandehttps://openbooks.ning.com/profile/pratibhapande
<p>हार्दिक आभार आदरणीय बागी जी</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय बागी जी</p> हार्दिक आभार आदरणीय मनन जीtag:openbooks.ning.com,2020-03-31:5170231:Comment:10036902020-03-31T18:21:11.350Zpratibha pandehttps://openbooks.ning.com/profile/pratibhapande
<p>हार्दिक आभार आदरणीय मनन जी</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय मनन जी</p> हार्दिक आभार आदरणीय रवि भसीन…tag:openbooks.ning.com,2020-03-31:5170231:Comment:10036892020-03-31T18:20:28.733Zpratibha pandehttps://openbooks.ning.com/profile/pratibhapande
<p>हार्दिक आभार आदरणीय रवि भसीन जी</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय रवि भसीन जी</p> हार्दिक आभार आदरणीय महेन्द्र…tag:openbooks.ning.com,2020-03-31:5170231:Comment:10038342020-03-31T18:19:40.697Zpratibha pandehttps://openbooks.ning.com/profile/pratibhapande
<p>हार्दिक आभार आदरणीय महेन्द्र जी। मन्नत के धागे वो धरोहर है जो लोग पीपल पर बाँध कर जाते हैं।</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय महेन्द्र जी। मन्नत के धागे वो धरोहर है जो लोग पीपल पर बाँध कर जाते हैं।</p> हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सि…tag:openbooks.ning.com,2020-03-31:5170231:Comment:10039082020-03-31T18:17:07.179Zpratibha pandehttps://openbooks.ning.com/profile/pratibhapande
<p>हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी</p> सादर नमस्कार। रचना पटल पर समय…tag:openbooks.ning.com,2020-03-31:5170231:Comment:10037232020-03-31T18:17:06.431ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>सादर नमस्कार। रचना पटल पर समय देकर मुझे यूं प्रोत्साहित करने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया भाई सतविंदर राणा साहिब।</p>
<p>सादर नमस्कार। रचना पटल पर समय देकर मुझे यूं प्रोत्साहित करने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया भाई सतविंदर राणा साहिब।</p> हार्दिक आभार आदरणीय योगराज प्…tag:openbooks.ning.com,2020-03-31:5170231:Comment:10036882020-03-31T18:16:08.239Zpratibha pandehttps://openbooks.ning.com/profile/pratibhapande
<p>हार्दिक आभार आदरणीय योगराज प्रभाकर जी</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय योगराज प्रभाकर जी</p> हार्दिक आभार आदरणीय सतविन्दर…tag:openbooks.ning.com,2020-03-31:5170231:Comment:10039072020-03-31T18:14:58.654Zpratibha pandehttps://openbooks.ning.com/profile/pratibhapande
<p>हार्दिक आभार आदरणीय सतविन्दर भाई</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय सतविन्दर भाई</p> आदाब। सांकेतिक शैली में वर्तम…tag:openbooks.ning.com,2020-03-31:5170231:Comment:10033062020-03-31T18:02:04.161ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>आदाब। सांकेतिक शैली में वर्तमान परिदृश्य को बढ़िया संदेश के साथ शाब्दिक किया है आपने। हार्दिक बधाई जनाब मनन कुमार सिंह साहिब। सामान्य पाठक शैली समझने में कठिनाई महसूस कर सकते हैं।</p>
<p>आदाब। सांकेतिक शैली में वर्तमान परिदृश्य को बढ़िया संदेश के साथ शाब्दिक किया है आपने। हार्दिक बधाई जनाब मनन कुमार सिंह साहिब। सामान्य पाठक शैली समझने में कठिनाई महसूस कर सकते हैं।</p>