ग़ज़ल-संक्षिप्त आधार जानकारी-9 - Open Books Online2024-03-29T11:48:14Zhttps://openbooks.ning.com/forum/topics/5170231:Topic:97686?groupUrl=kaksha&feed=yes&xn_auth=noआप की इस तालिका के माध्यम से…tag:openbooks.ning.com,2011-07-20:5170231:Comment:1109142011-07-20T07:44:40.324Zआवाज शर्माhttps://openbooks.ning.com/profile/1pa4joknxdyuu
<p>आप की इस तालिका के माध्यम से कुछ सिख रह हूँ / १२२२२ १२२२२ १२२ को इस तरह से देखा जाए तो कैसा होगा ?<br/>१२२२ २१२ २२२ १२२ बहर हजज अस्तर अखरम महजुफ</p>
<p>आप की इस तालिका के माध्यम से कुछ सिख रह हूँ / १२२२२ १२२२२ १२२ को इस तरह से देखा जाए तो कैसा होगा ?<br/>१२२२ २१२ २२२ १२२ बहर हजज अस्तर अखरम महजुफ</p> रमल मुसम्मन् मक्तुअ
2122 21…tag:openbooks.ning.com,2011-07-03:5170231:Comment:1010452011-07-03T17:59:00.395ZTilak Raj Kapoorhttps://openbooks.ning.com/profile/TilakRajKapoor
<table border="1" cellspacing="0">
<tbody><tr><td colspan="2" valign="top" width="211"><p>रमल मुसम्मन् मक्तुअ</p>
</td>
<td colspan="2" valign="top" width="240"><p>2122 2122 2122 22</p>
</td>
</tr>
<tr><td valign="top" width="91"><p>फायलातुन्</p>
</td>
<td valign="top" width="120"><p>फायलातुन्</p>
</td>
<td valign="top" width="108"><p>फायलातुन्</p>
</td>
<td valign="top" width="132"><p>फैलुन्</p>
</td>
</tr>
<tr><td valign="top" width="91"><p>2122…</p>
</td>
</tr>
</tbody>
</table>
<table cellspacing="0" border="1">
<tbody><tr><td colspan="2" width="211" valign="top"><p>रमल मुसम्मन् मक्तुअ</p>
</td>
<td colspan="2" width="240" valign="top"><p>2122 2122 2122 22</p>
</td>
</tr>
<tr><td width="91" valign="top"><p>फायलातुन्</p>
</td>
<td width="120" valign="top"><p>फायलातुन्</p>
</td>
<td width="108" valign="top"><p>फायलातुन्</p>
</td>
<td width="132" valign="top"><p>फैलुन्</p>
</td>
</tr>
<tr><td width="91" valign="top"><p>2122</p>
</td>
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</td>
<td width="108" valign="top"><p>2122</p>
</td>
<td width="132" valign="top"><p>22</p>
</td>
</tr>
</tbody>
</table>
<p> </p>
<p>2212 2212 2212 22 रज़ज़ का ही कोई रूप किसी ने ईज़ाद किया होगा, मान्य रूप में ऐसी कोई बह्र मेरी जानकारी में नहीं है।</p>
<p>यही स्थिति 122 22 122 22 122 की है जिसमें 5 रुक्न शंकास्पद हैं। बह्र में 1, 2, 3, 4, 6 या 8 रुक्न एक पंक्ति में होते हैं, 5 रुक्न मैं तो पहली बार देख रहा हूँ इसलिये किसीका प्रयोग भर लगता है ये। अगर इसे 1222 2122 2212 2 भी करें तो कोई मान्य बह्र नहीं दिख रही। आप मूल शेर भेजें तो कुछ बात बने। संभावना यही है कि इसमें कुछ मात्रायें गिराने की स्थिति बन रही होगी और आपने यथावत् रख दी हैं।</p> नमस्कार
कुछ जिज्ञासाएँ ,
221…tag:openbooks.ning.com,2011-07-03:5170231:Comment:1012142011-07-03T05:24:42.092Zआवाज शर्माhttps://openbooks.ning.com/profile/1pa4joknxdyuu
नमस्कार<br />
कुछ जिज्ञासाएँ ,<br />
<br />
2212 2212 2212 22 मेँ यह 22 को क्या नाम दिया जाए ?<br />
2122 2122 2122 22 मेँ फिर ?<br />
122 22 122 22 122 यिसको किस तरह नामाकरण करेँ ?<br />
हिन्दीभाषी न होने से मेरी भाषा मेँ अगर कोही कमजोरी आई तो माफ किजिएगा ।
नमस्कार<br />
कुछ जिज्ञासाएँ ,<br />
<br />
2212 2212 2212 22 मेँ यह 22 को क्या नाम दिया जाए ?<br />
2122 2122 2122 22 मेँ फिर ?<br />
122 22 122 22 122 यिसको किस तरह नामाकरण करेँ ?<br />
हिन्दीभाषी न होने से मेरी भाषा मेँ अगर कोही कमजोरी आई तो माफ किजिएगा । तिलक जी बहुत बहुत धन्यवाद.
tag:openbooks.ning.com,2011-07-02:5170231:Comment:1007172011-07-02T06:34:57.470ZRajeev Bharolhttps://openbooks.ning.com/profile/RajeevBharol
<p>तिलक जी बहुत बहुत धन्यवाद.</p>
<p> </p>
<p>तिलक जी बहुत बहुत धन्यवाद.</p>
<p> </p> एडमिन जी, आपका बहुत शुक्रिया.…tag:openbooks.ning.com,2011-06-26:5170231:Comment:981102011-06-26T21:34:15.317ZShanno Aggarwalhttps://openbooks.ning.com/profile/ShannoAggarwal
एडमिन जी, आपका बहुत शुक्रिया...हम जैसों को बहुत मदद मिलेगी इस जानकारी से.
एडमिन जी, आपका बहुत शुक्रिया...हम जैसों को बहुत मदद मिलेगी इस जानकारी से. बहुत बहुत धन्यवाद तिलकराज कपू…tag:openbooks.ning.com,2011-06-26:5170231:Comment:976902011-06-26T15:17:12.627Zधर्मेन्द्र कुमार सिंहhttps://openbooks.ning.com/profile/249pje3yd1r3m
बहुत बहुत धन्यवाद तिलकराज कपूर जी का इस जानकारी को हमसे साझा करने के लिए।
बहुत बहुत धन्यवाद तिलकराज कपूर जी का इस जानकारी को हमसे साझा करने के लिए।