थोड़ी हैरान हूं । - Open Books Online2024-03-28T12:45:00Zhttps://openbooks.ning.com/forum/topics/5170231:Topic:713793?groupUrl=complainsujession&commentId=5170231%3AComment%3A714214&groupId=5170231%3AGroup%3A970&feed=yes&xn_auth=noमेरे ख़्याल से आदरणीया राहिला…tag:openbooks.ning.com,2015-11-10:5170231:Comment:7142202015-11-10T07:29:35.951ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
मेरे ख़्याल से आदरणीया राहिला जी यहाँ फेसबुक जैसी टिप्पणियाँ या प्रतिक्रिया नहीं हुआ करतीं । यहाँ उच्च स्तर के पाठकगण मिलना ही रचना व रचनाकार के लिए प्रतिष्ठा की बात है। समय मिलने पर टिप्पणियाँ व समीक्षात्मक टिप्पणी भी की जाती हैं, धीरज रखना होता है ! सादर
मेरे ख़्याल से आदरणीया राहिला जी यहाँ फेसबुक जैसी टिप्पणियाँ या प्रतिक्रिया नहीं हुआ करतीं । यहाँ उच्च स्तर के पाठकगण मिलना ही रचना व रचनाकार के लिए प्रतिष्ठा की बात है। समय मिलने पर टिप्पणियाँ व समीक्षात्मक टिप्पणी भी की जाती हैं, धीरज रखना होता है ! सादर आ० राहिला जी, हालाकि आपकी शिक…tag:openbooks.ning.com,2015-11-10:5170231:Comment:7142142015-11-10T07:23:03.099Zयोगराज प्रभाकरhttps://openbooks.ning.com/profile/YograjPrabhakar
<p>आ० राहिला जी, हालाकि आपकी शिकायत /हैरानी वाजिब है, किन्तु प्रतिक्रिया न मिल पाने की वजह से निराश मत होइए I जुड़े रहिये और स्तरीय साहित्य सृजन करते रहिए, केवल प्रतिक्रिया पाने के लिए ही न लिखें I मुझे विश्वास है कि आपकी रचनाएँ पाठकों का ध्यान अवश्य आकृष्ट करेंगी I वैसे आप स्वयं एक जागरूक पाठक की भूमिका निभाएं और साथियों की रचनायों पर टिप्पणियाँ दें I </p>
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<p>(नोट: ओबीओ कोई ग्रुप नहीं है, एक निरोल साहित्यिक वेबसाईट है I)</p>
<p>आ० राहिला जी, हालाकि आपकी शिकायत /हैरानी वाजिब है, किन्तु प्रतिक्रिया न मिल पाने की वजह से निराश मत होइए I जुड़े रहिये और स्तरीय साहित्य सृजन करते रहिए, केवल प्रतिक्रिया पाने के लिए ही न लिखें I मुझे विश्वास है कि आपकी रचनाएँ पाठकों का ध्यान अवश्य आकृष्ट करेंगी I वैसे आप स्वयं एक जागरूक पाठक की भूमिका निभाएं और साथियों की रचनायों पर टिप्पणियाँ दें I </p>
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<p>(नोट: ओबीओ कोई ग्रुप नहीं है, एक निरोल साहित्यिक वेबसाईट है I)</p>