लघुकथाकारों के ध्यान योग्य कुछ महत्वपूर्ण बातें - Open Books Online2024-03-28T13:23:35Zhttps://openbooks.ning.com/forum/topics/5170231:Topic:688565?groupUrl=laghukatha&commentId=5170231%3AComment%3A812556&x=1&feed=yes&xn_auth=noलघुकथा कक्षा के अंतर्गत लघुकथ…tag:openbooks.ning.com,2016-11-06:5170231:Comment:8125562016-11-06T11:34:08.176ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
लघुकथा कक्षा के अंतर्गत लघुकथा लेखन सीखने के संबंध में आपके आलेख बार-बार पढ़कर लघुकथा को समझने व अपने लेखन में कमियों को पकड़ने व स्वीकार करने में मदद मिलती है। कुछ सामान्य बातों पर चर्चा चाह रहा हूँ-<br></br>
1- लघुकथा में शीर्षक में आंग्ल भाषा के शब्दों का प्रयोग। इसी तरह विवरण या संवादों में।<br></br>
2- आंचलिक भाषा में लिखे गए संवादों में आये कुछ शब्दों या अभिव्यक्ति के सरल हिन्दी में अर्थ कथा के नीचे लिखने की परम्परा शुरू क्यों न की जाए, कविता या ग़ज़ल के अंत में दिए जाने वाले कठिन शब्दार्थों की…
लघुकथा कक्षा के अंतर्गत लघुकथा लेखन सीखने के संबंध में आपके आलेख बार-बार पढ़कर लघुकथा को समझने व अपने लेखन में कमियों को पकड़ने व स्वीकार करने में मदद मिलती है। कुछ सामान्य बातों पर चर्चा चाह रहा हूँ-<br/>
1- लघुकथा में शीर्षक में आंग्ल भाषा के शब्दों का प्रयोग। इसी तरह विवरण या संवादों में।<br/>
2- आंचलिक भाषा में लिखे गए संवादों में आये कुछ शब्दों या अभिव्यक्ति के सरल हिन्दी में अर्थ कथा के नीचे लिखने की परम्परा शुरू क्यों न की जाए, कविता या ग़ज़ल के अंत में दिए जाने वाले कठिन शब्दार्थों की तरह।<br/>
3- साहित्य/संगीत जगत की तरह लघुकथा लेखन कर्म में एक गुरु-शिष्य की पुरानी परंपरा या अन्तर्जाल के, सोशल मीडिया के युग में मित्रवत गुरु-शिष्य परम्परा का आग़ाज़!<br/>
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4- लघुकथा लेखन संबंधी किसी एक समूह या वेबसाइट से जुड़े रहना या एक-दो से अधिक में संलग्न रहना।<br/>
5--लघुकथा प्रकाशन हेतु अख़बारों/पत्रिकाओं/साझा संग्रहों में प्रेषित करने का क्रेज़/उतावलापन/धैर्य।<br/>
6- प्रकाशित हो चुकी लघुकथा में परिमार्जन या बदलाव।<br/>
7- लघुकथा पर आलोचनात्मक टिप्पणियाँ व उनसे प्रभावित/आहत होना।<br/> दिल से शुक्रिया आ० कल्पना भट्…tag:openbooks.ning.com,2016-04-20:5170231:Comment:7582722016-04-20T10:34:03.369Zयोगराज प्रभाकरhttps://openbooks.ning.com/profile/YograjPrabhakar
<p>दिल से शुक्रिया आ० कल्पना भट्ट जी.</p>
<p>दिल से शुक्रिया आ० कल्पना भट्ट जी.</p> हार्दिक आभार आ० जानकी जी.tag:openbooks.ning.com,2016-04-20:5170231:Comment:7581752016-04-20T10:33:25.314Zयोगराज प्रभाकरhttps://openbooks.ning.com/profile/YograjPrabhakar
<p>हार्दिक आभार आ० जानकी जी.</p>
<p>हार्दिक आभार आ० जानकी जी.</p> अपने सही कहा है सर , इन सब बा…tag:openbooks.ning.com,2016-04-20:5170231:Comment:7580952016-04-20T09:53:16.982ZKALPANA BHATT ('रौनक़')https://openbooks.ning.com/profile/KALPANABHATT832
<p>अपने सही कहा है सर , इन सब बातों का ध्यान रखेंगे | आपका ह्रदय से आभार |</p>
<p>अपने सही कहा है सर , इन सब बातों का ध्यान रखेंगे | आपका ह्रदय से आभार |</p> सुप्रभातम्। अत्यंत गहन और सार…tag:openbooks.ning.com,2015-10-07:5170231:Comment:7050962015-10-07T01:40:20.856ZJanki wahiehttps://openbooks.ning.com/profile/Jankiwahie
सुप्रभातम्। अत्यंत गहन और सारगर्भित जानकारी प्राप्त हुई। हार्दिक अभिनन्दन। बार-बार पथ से भटक ज़ाते है।प्रकाशस्तम्भ की भाँति राह दिखाती हैं।नमन।
सुप्रभातम्। अत्यंत गहन और सारगर्भित जानकारी प्राप्त हुई। हार्दिक अभिनन्दन। बार-बार पथ से भटक ज़ाते है।प्रकाशस्तम्भ की भाँति राह दिखाती हैं।नमन। आदरणीय योगराज जी आप की यें म…tag:openbooks.ning.com,2015-10-03:5170231:Comment:7047632015-10-03T16:04:55.244ZOmprakash Kshatriyahttps://openbooks.ning.com/profile/OmprakashKshatriya
<p>आदरणीय योगराज जी आप की यें महत्वपूर्ण बातें लघुकथाकार ही नहीं, सभी रचनाकारों के काम की है. चाहे वह लघुकथा लिखता हो, चाहे लेख, कहानी या और कुछ. यें महत्वपूर्ण बातें जिन्हें हरेक को याद रखना चाहिए . इन के बिना वह लिख तो सकता है मगर छप नहीं सकता है. छपने के लिए त्त्रुटिहीन लेखन बेहद जरूरी है.</p>
<p>यह आलेख सभी के लिए जरुरी है.</p>
<p>आदरणीय योगराज जी आप की यें महत्वपूर्ण बातें लघुकथाकार ही नहीं, सभी रचनाकारों के काम की है. चाहे वह लघुकथा लिखता हो, चाहे लेख, कहानी या और कुछ. यें महत्वपूर्ण बातें जिन्हें हरेक को याद रखना चाहिए . इन के बिना वह लिख तो सकता है मगर छप नहीं सकता है. छपने के लिए त्त्रुटिहीन लेखन बेहद जरूरी है.</p>
<p>यह आलेख सभी के लिए जरुरी है.</p> लेखन की बारीकियाँ सीखने के सं…tag:openbooks.ning.com,2015-08-21:5170231:Comment:6912092015-08-21T14:54:48.870ZNita Kasarhttps://openbooks.ning.com/profile/NitaKasar
लेखन की बारीकियाँ सीखने के संदर्भ आपका आलेख बेहद मददगार साबित होता है बिल्कुल वैसे ही जैसे नये लेखकों के लिये सीखने की दिशा में ,साहित्य पथ बढ़ने के लिये आपने पथ के कंटक किनारे कर दिये है ।सदा ही आभारी रहंूगी जीवनपर्यन्त ।
लेखन की बारीकियाँ सीखने के संदर्भ आपका आलेख बेहद मददगार साबित होता है बिल्कुल वैसे ही जैसे नये लेखकों के लिये सीखने की दिशा में ,साहित्य पथ बढ़ने के लिये आपने पथ के कंटक किनारे कर दिये है ।सदा ही आभारी रहंूगी जीवनपर्यन्त । मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभा…tag:openbooks.ning.com,2015-08-17:5170231:Comment:6901132015-08-17T19:45:11.178ZArchana Tripathihttps://openbooks.ning.com/profile/ArchanaTripathi
मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आ.योगराज प्रभाकर जी
मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आ.योगराज प्रभाकर जी आदरणीय योगराज प्रभाकर जी, आपन…tag:openbooks.ning.com,2015-08-13:5170231:Comment:6888492015-08-13T18:13:28.104Zविनोद खनगवालhttps://openbooks.ning.com/profile/VinodKhanagwal
आदरणीय योगराज प्रभाकर जी, आपने सही कहा है अब हमें उच्च स्तरीय साहित्य रचने की ओर अग्रसर होना चाहिए। मेरे साथ रहकर जो लेखक 8-10 महीनों से लघुकथाएँ लिख रहे हैं। उनको मैं अब नवांकुर नहीं मानता हूँ उसकी आड़ में वो अपनी कमियों को छुपाने की कोशिश करते हैं और नए होने का नाटक करते हैं। सच तो यह है उनको इतनी जानकारी तो हो ही गई है एक ठीकठाक लघुकथा कैसे लिखी जाती है। उनको अब नए लेखकों को स्तरीय लघुकथाएँ लिखकर उदहारण प्रस्तुत करना चाहिए ना कि अपनी कमियों को नवांकुर की आड़ में छुपाना चाहिए। स्तरीय लेखन तभी…
आदरणीय योगराज प्रभाकर जी, आपने सही कहा है अब हमें उच्च स्तरीय साहित्य रचने की ओर अग्रसर होना चाहिए। मेरे साथ रहकर जो लेखक 8-10 महीनों से लघुकथाएँ लिख रहे हैं। उनको मैं अब नवांकुर नहीं मानता हूँ उसकी आड़ में वो अपनी कमियों को छुपाने की कोशिश करते हैं और नए होने का नाटक करते हैं। सच तो यह है उनको इतनी जानकारी तो हो ही गई है एक ठीकठाक लघुकथा कैसे लिखी जाती है। उनको अब नए लेखकों को स्तरीय लघुकथाएँ लिखकर उदहारण प्रस्तुत करना चाहिए ना कि अपनी कमियों को नवांकुर की आड़ में छुपाना चाहिए। स्तरीय लेखन तभी संभव हो सकता है जब लेखक खुद आत्मचिंतन और आत्ममंथन करे ना कि कुछ भी उल्टा सीधा लिखकर सोचे कि कोई और ही उसकी हर लघुकथा में संशोधन सुझाकर स्तरीय लघुकथा बना देगा।<br />
मैंने अपनी और अपने साथी लेखकों की कमियों को दूर करने का प्रयास शुरू कर दिया है। पूरी-पूरी उम्मीद है अब हमारी तरफ से स्तरीय साहित्य ही पढने को मिलेगा। आदरणीय सर, चरण स्पर्श| बहुत ह…tag:openbooks.ning.com,2015-08-13:5170231:Comment:6887052015-08-13T18:05:15.268ZDr. Chandresh Kumar Chhatlanihttps://openbooks.ning.com/profile/ChandreshKumarChhatlani
<p>आदरणीय सर, चरण स्पर्श| बहुत ही प्रभावी तरीके से आपने बता दिया कि इन कमियों के कितने बड़े असर हो सकते हैं| हम सभी नवोदित रचनाकारों के लिए तो यह आलेख वरदान स्वरुप है| नमन आपको सर|</p>
<p>आदरणीय सर, चरण स्पर्श| बहुत ही प्रभावी तरीके से आपने बता दिया कि इन कमियों के कितने बड़े असर हो सकते हैं| हम सभी नवोदित रचनाकारों के लिए तो यह आलेख वरदान स्वरुप है| नमन आपको सर|</p>