दोहा छंद में शुद्धता की आवश्यकता // --सौरभ - Open Books Online2024-03-28T18:31:51Zhttps://openbooks.ning.com/forum/topics/5170231:Topic:526479?groupUrl=chhand&commentId=5170231%3AComment%3A526866&groupId=5170231%3AGroup%3A156482&feed=yes&xn_auth=noजनाब सौरभ पाण्डेय साहिब आदाब,…tag:openbooks.ning.com,2017-08-16:5170231:Comment:8739782017-08-16T12:39:58.670ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
जनाब सौरभ पाण्डेय साहिब आदाब,बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी के लिये आपका धन्यवाद ।<br />
सरसी छन्द की मिसाल भी पेश कर देते तो आसानी होती,ये इसलिये कहा कि 'कबीर'के यहाँ जो सरसी छन्द हैं,वो दो पदों के हैं, और अन्य में चार पदों का भी सरसी छन्द पाया जाता है,ऐसे में नये सीखने वाले क्या करें,दो पदों में लिखें या चार पदों में ?,कृपया इस पर थोड़ी रौशनी डालने का कष्ट करें ।
जनाब सौरभ पाण्डेय साहिब आदाब,बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी के लिये आपका धन्यवाद ।<br />
सरसी छन्द की मिसाल भी पेश कर देते तो आसानी होती,ये इसलिये कहा कि 'कबीर'के यहाँ जो सरसी छन्द हैं,वो दो पदों के हैं, और अन्य में चार पदों का भी सरसी छन्द पाया जाता है,ऐसे में नये सीखने वाले क्या करें,दो पदों में लिखें या चार पदों में ?,कृपया इस पर थोड़ी रौशनी डालने का कष्ट करें । अनमोदन हेतु हार्दिक धन्यवाद,…tag:openbooks.ning.com,2015-04-26:5170231:Comment:6457932015-04-26T23:18:15.663ZSaurabh Pandeyhttps://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>अनमोदन हेतु हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय..</p>
<p>आप यदि <strong>छन्द-मञ्जरी</strong> को पढ़ जायें तो इस सम्बन्ध में और स्पष्टता बनेगी.</p>
<p>शुभ-शुभ</p>
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<p>अनमोदन हेतु हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय..</p>
<p>आप यदि <strong>छन्द-मञ्जरी</strong> को पढ़ जायें तो इस सम्बन्ध में और स्पष्टता बनेगी.</p>
<p>शुभ-शुभ</p>
<p></p> जय-जय
tag:openbooks.ning.com,2015-04-26:5170231:Comment:6460602015-04-26T23:15:51.400ZSaurabh Pandeyhttps://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>जय-जय</p>
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<p>जय-जय</p>
<p></p> वाकई अगर दोहा छंद लिखने में छ…tag:openbooks.ning.com,2015-04-26:5170231:Comment:6458822015-04-26T18:57:58.785Zमिथिलेश वामनकरhttps://openbooks.ning.com/profile/mw
<p>वाकई अगर दोहा छंद लिखने में छोटी सी भी त्रुटी हुई तो वह दोहा नहीं रह पायेगा बल्कि दूसरा छंद बन जाएगा.</p>
<p>आदरणीय सौरभ सर, इतनी बहुमूल्य जानकारी साझा करने के लिए हार्दिक आभार.</p>
<p>वाकई अगर दोहा छंद लिखने में छोटी सी भी त्रुटी हुई तो वह दोहा नहीं रह पायेगा बल्कि दूसरा छंद बन जाएगा.</p>
<p>आदरणीय सौरभ सर, इतनी बहुमूल्य जानकारी साझा करने के लिए हार्दिक आभार.</p> श्रद्धेय इस उपयोगी जानकारी के…tag:openbooks.ning.com,2014-04-01:5170231:Comment:5268662014-04-01T11:12:19.870Zरमेश कुमार चौहानhttps://openbooks.ning.com/profile/Rameshkumarchauhan
<p>श्रद्धेय इस उपयोगी जानकारी के लिये हार्दिक आभार इन छंदो पर भी प्रयास करके दोहे छंद को परिष्कृत करने के आपके निर्देश का यथा संभव पालन करने का प्रयास करूंगा ।</p>
<p>श्रद्धेय इस उपयोगी जानकारी के लिये हार्दिक आभार इन छंदो पर भी प्रयास करके दोहे छंद को परिष्कृत करने के आपके निर्देश का यथा संभव पालन करने का प्रयास करूंगा ।</p> हार्दिक धन्यवाद भाई विशाल चर्…tag:openbooks.ning.com,2014-03-31:5170231:Comment:5266482014-03-31T10:34:04.446ZSaurabh Pandeyhttps://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>हार्दिक धन्यवाद भाई विशाल चर्चितजी.</p>
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<p>हार्दिक धन्यवाद भाई विशाल चर्चितजी.</p>
<p></p> अत्यन्त उपयोगी जानकारी सर जी…tag:openbooks.ning.com,2014-03-31:5170231:Comment:5264822014-03-31T10:23:13.116ZVISHAAL CHARCHCHIThttps://openbooks.ning.com/profile/VISHAALCHARCHCHIT
<p>अत्यन्त उपयोगी जानकारी सर जी !!!!</p>
<p>अत्यन्त उपयोगी जानकारी सर जी !!!!</p>