मामा जीती गेया - Open Books Online2024-03-28T12:54:12Zhttps://openbooks.ning.com/forum/topics/5170231:Topic:302290?groupUrl=Punjabi_sahitya&commentId=5170231%3AComment%3A303688&x=1&feed=yes&xn_auth=noप्रदीप जी शुक्रिया
मामे प्र…tag:openbooks.ning.com,2012-12-26:5170231:Comment:3036882012-12-26T06:03:32.440ZDeepak Sharma Kuluvihttps://openbooks.ning.com/profile/DeepakKuluvi
<p><span>प्रदीप जी शुक्रिया </span></p>
<div>मामे प्राया : दो प्रकार के होते है एक प्यारे प्यारे दूसरे कंस मामा ............. यह हैं तीसरे वाले इसमें राजनीती वाले,पुलिस वाले,चुस्त चालाक सभी आते हैं .................... </div>
<p><span>प्रदीप जी शुक्रिया </span></p>
<div>मामे प्राया : दो प्रकार के होते है एक प्यारे प्यारे दूसरे कंस मामा ............. यह हैं तीसरे वाले इसमें राजनीती वाले,पुलिस वाले,चुस्त चालाक सभी आते हैं .................... </div> अजी तुसी तो कमाल कित्ता
मामा…tag:openbooks.ning.com,2012-12-24:5170231:Comment:3033692012-12-24T07:36:31.390ZPRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHAhttps://openbooks.ning.com/profile/PRADEEPKUMARSINGHKUSHWAHA
<p>अजी तुसी तो कमाल कित्ता </p>
<p>मामा द माल अपने हत्थ कित्ता </p>
<p>टोपू लगा के करदा मौज </p>
<p>साडे नाल खिंचवा लो जी इक पोज </p>
<p>बधाइयाँ जी सादर </p>
<p>अजी तुसी तो कमाल कित्ता </p>
<p>मामा द माल अपने हत्थ कित्ता </p>
<p>टोपू लगा के करदा मौज </p>
<p>साडे नाल खिंचवा लो जी इक पोज </p>
<p>बधाइयाँ जी सादर </p>