क्या केजरीवाल का ये तरीका सही है ? - Open Books Online2024-03-29T04:37:30Zhttps://openbooks.ning.com/forum/topics/5170231:Topic:287204?commentId=5170231%3AComment%3A287459&feed=yes&xn_auth=noक्रांति लाने के लिए किसी एक म…tag:openbooks.ning.com,2012-11-07:5170231:Comment:2883032012-11-07T09:20:29.147Zलक्ष्मण रामानुज लडीवालाhttps://openbooks.ning.com/profile/LaxmanPrasadLadiwala
क्रांति लाने के लिए किसी एक मकसद पर (जैसे भ्रष्टाचार उन्मूलन) ध्यान केन्द्रित कर, जनसमर्थन जुटाना आवश्यक है ।<br />
देश की अधिकांश जनता दो बड़े दल कांग्रेस और भा ज पा में से किसी एक का समर्थन और दुसरे का विरोध करती है।<br />
अब यह देखना चाहिए की ज्यादा भ्रष्टाचार/घोटाले कहाँ है,जिस पर फोकस किया जावे । एक बार पूरी ताकत के<br />
साथ एवेम जनक्रांति हेतु जन समर्थन प्राप्त करने के लिए ही प्रयास करना चाहिए । वर्ना सभी दल और उनकी समर्थक<br />
जनता का विरोध सहकर सफलता प्राप्त नहीं की जा सकेंगे ।आदरणीय अन्ना हजारे और बाबा…
क्रांति लाने के लिए किसी एक मकसद पर (जैसे भ्रष्टाचार उन्मूलन) ध्यान केन्द्रित कर, जनसमर्थन जुटाना आवश्यक है ।<br />
देश की अधिकांश जनता दो बड़े दल कांग्रेस और भा ज पा में से किसी एक का समर्थन और दुसरे का विरोध करती है।<br />
अब यह देखना चाहिए की ज्यादा भ्रष्टाचार/घोटाले कहाँ है,जिस पर फोकस किया जावे । एक बार पूरी ताकत के<br />
साथ एवेम जनक्रांति हेतु जन समर्थन प्राप्त करने के लिए ही प्रयास करना चाहिए । वर्ना सभी दल और उनकी समर्थक<br />
जनता का विरोध सहकर सफलता प्राप्त नहीं की जा सकेंगे ।आदरणीय अन्ना हजारे और बाबा रामदेव का भी यही कहना है।<br />
साथ ही स्वामी सुब्रमण्यम जैसे कानूनविद का सहयोग भी वांछित है । क्रांति लाने के लिए किसी एक म…tag:openbooks.ning.com,2012-11-07:5170231:Comment:2883022012-11-07T09:13:30.614Zलक्ष्मण रामानुज लडीवालाhttps://openbooks.ning.com/profile/LaxmanPrasadLadiwala
क्रांति लाने के लिए किसी एक मकसद पर (जैसे भ्रष्टाचार उन्मूलन) ध्यान केन्द्रित कर, जनसमर्थन जुटाना आवश्यक है ।देश की अधिकांश जनता दो बड़े दल कांग्रेस और भा ज पा में से किसी एक का समर्थन और दुसरे का विरोध करती है । अब यह देखना चाहिए की<br />
ज्यादा भ्रष्टाचार/घोटाले कहाँ है,जिस पर फोकस किया जावे । एक बार पूरी ताकत के साथ एवेम जनक्रांति हेतु जन समर्थन प्राप्त करने<br />
के लिए ही प्रयास करना चाहिए । वर्ना सभी दल और उनकी समर्थक जनता का विरोध सहकर सफलता प्राप्त नहीं की जा सकेंगे ।<br />
आदरणीय अन्नाहजारे और बाबा…
क्रांति लाने के लिए किसी एक मकसद पर (जैसे भ्रष्टाचार उन्मूलन) ध्यान केन्द्रित कर, जनसमर्थन जुटाना आवश्यक है ।देश की अधिकांश जनता दो बड़े दल कांग्रेस और भा ज पा में से किसी एक का समर्थन और दुसरे का विरोध करती है । अब यह देखना चाहिए की<br />
ज्यादा भ्रष्टाचार/घोटाले कहाँ है,जिस पर फोकस किया जावे । एक बार पूरी ताकत के साथ एवेम जनक्रांति हेतु जन समर्थन प्राप्त करने<br />
के लिए ही प्रयास करना चाहिए । वर्ना सभी दल और उनकी समर्थक जनता का विरोध सहकर सफलता प्राप्त नहीं की जा सकेंगे ।<br />
आदरणीय अन्नाहजारे और बाबा रामदेव का भी यही कहना है साथ ही स्वामी सुब्रमण्यम जैसे कानूनविद का सहयोग भी वांछित है क्रांति लाने के लिए किसी एक म…tag:openbooks.ning.com,2012-11-07:5170231:Comment:2883642012-11-07T09:09:22.050Zलक्ष्मण रामानुज लडीवालाhttps://openbooks.ning.com/profile/LaxmanPrasadLadiwala
क्रांति लाने के लिए किसी एक मकसद पर (जैसे भ्रष्टाचार उन्मूलन) ध्यान केन्द्रित कर, जनसमर्थन जुटाना आवश्यक है । देश की अधिकांश जनता दो बड़े दल कांग्रेस और भा ज पा में से किसी एक का समर्थन और दुसरे का विरोध करती है । अब यह देखना चाहिए की ज्यादा<br />
भ्रष्टाचार/घोटाले कहाँ है, जिस पर फोकस किया जावे । एक बार पूरी ताकत के साथ एवेम जनक्रांति हेतु जन समर्थन प्राप्त करने के लिए ही प्रयास करना चाहिए । वर्ना सभी दल और उनकी समर्थक जनता का विरोध सहकर सफलता प्राप्त नहीं की जा सकेंगे । आदरणीय अन्ना<br />
हजारे और बाबा…
क्रांति लाने के लिए किसी एक मकसद पर (जैसे भ्रष्टाचार उन्मूलन) ध्यान केन्द्रित कर, जनसमर्थन जुटाना आवश्यक है । देश की अधिकांश जनता दो बड़े दल कांग्रेस और भा ज पा में से किसी एक का समर्थन और दुसरे का विरोध करती है । अब यह देखना चाहिए की ज्यादा<br />
भ्रष्टाचार/घोटाले कहाँ है, जिस पर फोकस किया जावे । एक बार पूरी ताकत के साथ एवेम जनक्रांति हेतु जन समर्थन प्राप्त करने के लिए ही प्रयास करना चाहिए । वर्ना सभी दल और उनकी समर्थक जनता का विरोध सहकर सफलता प्राप्त नहीं की जा सकेंगे । आदरणीय अन्ना<br />
हजारे और बाबा रामदेव का भी यही कहना है । साथ ही स्वामी सुब्रमण्यम जैसे कानूनविद का सहयोग भी वांछित है । मेरा मानना है कि भ्रष्टाचार क…tag:openbooks.ning.com,2012-11-07:5170231:Comment:2882772012-11-07T06:20:36.641Zयोगराज प्रभाकरhttps://openbooks.ning.com/profile/YograjPrabhakar
<p>मेरा मानना है कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध संघर्ष में केजरीवाल जी की नीयत भले ही नेक हो लेकिन उनके काम करने के तरीके से मैं सहमत नहीं हूँ . वे राजनीती छींटाकशी में ज्यादा रूचि दिखा रहे हैं जिससे असली मुद्दा दबता जा रहा है। उन्हें समझना चाहिए कि किसी को बार बार चोर कहने से बंदा खुद साधू नहीं हो जाता। अगर उन्हें अपना क़द बुलंद करना है तो उन्हें स्व जय प्रकाश नारायण की जनक्रांति से सबक सीखना होगा । तहलका डॉट कॉम की तरह केवल मामले को सेंशेशनेलाइज करके वक़्त गंवाना उनकी अपनी निजी साख को भी भयंकर हानि…</p>
<p>मेरा मानना है कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध संघर्ष में केजरीवाल जी की नीयत भले ही नेक हो लेकिन उनके काम करने के तरीके से मैं सहमत नहीं हूँ . वे राजनीती छींटाकशी में ज्यादा रूचि दिखा रहे हैं जिससे असली मुद्दा दबता जा रहा है। उन्हें समझना चाहिए कि किसी को बार बार चोर कहने से बंदा खुद साधू नहीं हो जाता। अगर उन्हें अपना क़द बुलंद करना है तो उन्हें स्व जय प्रकाश नारायण की जनक्रांति से सबक सीखना होगा । तहलका डॉट कॉम की तरह केवल मामले को सेंशेशनेलाइज करके वक़्त गंवाना उनकी अपनी निजी साख को भी भयंकर हानि पहुंचा सकता है।</p> राजेश जी किन्तु ये भी तो सही…tag:openbooks.ning.com,2012-11-06:5170231:Comment:2881652012-11-06T18:48:33.068Zshalini kaushikhttps://openbooks.ning.com/profile/shalinikaushik
<p>राजेश जी किन्तु ये भी तो सही है की केजरीवाल अपने खुलासों को महज रद्दी की टोकरी के लिए न रखें जिस तरह से वे रोज नए खुलासे कर रहे हैं उनके बारे में यही विचार धारा जनता में पनप रही है जनता का मानना है की ये जल्द ही ठन्डे बसते में चली जाएगी उन्हें अपनी कार्यप्रणाली तो सुधारनी होगी देश नए हाथों में जाये ये सही है दमदार हाथों में हो तो देश व् जनता दोनों का भला होगा नहीं तो चार दिन की चांदनी वाला ही हाल होगा .बहस में हिस्सा लेने हेतु आभार </p>
<p>राजेश जी किन्तु ये भी तो सही है की केजरीवाल अपने खुलासों को महज रद्दी की टोकरी के लिए न रखें जिस तरह से वे रोज नए खुलासे कर रहे हैं उनके बारे में यही विचार धारा जनता में पनप रही है जनता का मानना है की ये जल्द ही ठन्डे बसते में चली जाएगी उन्हें अपनी कार्यप्रणाली तो सुधारनी होगी देश नए हाथों में जाये ये सही है दमदार हाथों में हो तो देश व् जनता दोनों का भला होगा नहीं तो चार दिन की चांदनी वाला ही हाल होगा .बहस में हिस्सा लेने हेतु आभार </p> अजय जी किसी ने कहा है मैं अके…tag:openbooks.ning.com,2012-11-06:5170231:Comment:2880622012-11-06T18:43:23.326Zshalini kaushikhttps://openbooks.ning.com/profile/shalinikaushik
<p>अजय जी किसी ने कहा है मैं अकेला ही चला था जानिबे मंजिल की तरफ लोग साथ आते गए और काफिला बनता गया किन्तु केजरीवाल को इस काफिले को संभालना भी आना चाहिए वर्ना इसके हश्र अन्ना आन्दोलन की तरह होने वाला है और एक देश भक्त होने के नाते मैं नहीं चाहती की इस पुनीत कार्य का ये हाल हो.बहस में हिस्सा लेने हेतु आभार </p>
<p>अजय जी किसी ने कहा है मैं अकेला ही चला था जानिबे मंजिल की तरफ लोग साथ आते गए और काफिला बनता गया किन्तु केजरीवाल को इस काफिले को संभालना भी आना चाहिए वर्ना इसके हश्र अन्ना आन्दोलन की तरह होने वाला है और एक देश भक्त होने के नाते मैं नहीं चाहती की इस पुनीत कार्य का ये हाल हो.बहस में हिस्सा लेने हेतु आभार </p> अरुण जी आप सही कह रहे हैं की…tag:openbooks.ning.com,2012-11-06:5170231:Comment:2880602012-11-06T18:38:07.768Zshalini kaushikhttps://openbooks.ning.com/profile/shalinikaushik
<p>अरुण जी आप सही कह रहे हैं की एक बार में ही किसी के प्रयासों को नकारना सही नहीं है किन्तु प्रयास सही दिशा में और सफलता के साथ किये जाने चाहिए.अरविन्द जी जिस तरह रोज नए खुलासे कर रहे हैं और साबित करने के नाम पर कुछ नहीं कर रहे हैं ऐसे में इनसे बोरियत पैदा हो रही है जो की देश में भ्रष्ट लोगों को बड़ी राहत देने की बात है .खिचड़ी पकते पकते पकती है किन्तु ज्यादा पकने पर जल भी जाती है ये ध्यान तो केजरीवाल को रखना ही होगा.बहस में हिस्सा लेने हेतु आभार </p>
<p>अरुण जी आप सही कह रहे हैं की एक बार में ही किसी के प्रयासों को नकारना सही नहीं है किन्तु प्रयास सही दिशा में और सफलता के साथ किये जाने चाहिए.अरविन्द जी जिस तरह रोज नए खुलासे कर रहे हैं और साबित करने के नाम पर कुछ नहीं कर रहे हैं ऐसे में इनसे बोरियत पैदा हो रही है जो की देश में भ्रष्ट लोगों को बड़ी राहत देने की बात है .खिचड़ी पकते पकते पकती है किन्तु ज्यादा पकने पर जल भी जाती है ये ध्यान तो केजरीवाल को रखना ही होगा.बहस में हिस्सा लेने हेतु आभार </p> कम से कम कुछ जांबाज लोगों ने…tag:openbooks.ning.com,2012-11-06:5170231:Comment:2882562012-11-06T16:12:35.153Zrajesh kumarihttps://openbooks.ning.com/profile/rajeshkumari
<p>कम से कम कुछ जांबाज लोगों ने सोई जनता को जगाने का काम तो किया कोई अच्छी ईमारत भी बनती है तो पहले वहां बिछे कूडे करकट को या तो जला दिया जाता है या नीव में दफना दिया जाता है आशा है मेरे कहने का आशय समझ में आ गया होगा शालिनी जी तरीका कोई भी हो अच्छे मकसद के लिए हो रहा है तो हमें उनका समर्थन करना चाहिए अगर वो सरकार बनाना भी चाह रहे हैं तो उसमे बुरा क्या है एक नया विकल्प तो खुल रहा है जनता के पास उनको भी मौका देना चाहिए</p>
<p>कम से कम कुछ जांबाज लोगों ने सोई जनता को जगाने का काम तो किया कोई अच्छी ईमारत भी बनती है तो पहले वहां बिछे कूडे करकट को या तो जला दिया जाता है या नीव में दफना दिया जाता है आशा है मेरे कहने का आशय समझ में आ गया होगा शालिनी जी तरीका कोई भी हो अच्छे मकसद के लिए हो रहा है तो हमें उनका समर्थन करना चाहिए अगर वो सरकार बनाना भी चाह रहे हैं तो उसमे बुरा क्या है एक नया विकल्प तो खुल रहा है जनता के पास उनको भी मौका देना चाहिए</p> बिलकुल सही कहा आपने गणेश जी अ…tag:openbooks.ning.com,2012-11-04:5170231:Comment:2878132012-11-04T19:11:13.597Zshalini kaushikhttps://openbooks.ning.com/profile/shalinikaushik
<p>बिलकुल सही कहा आपने गणेश जी अरविन्द केजरीवाल को महत्वपूर्ण खुलासों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए जिस मामले को सामने लायें उसे साबित कर ही आगे बढ़ना चाहिए ऐसे कई मामले उठाने से कहीं भी प्रभाव वे नहीं ला पाएंगे.और सभी मामले अधर में लटक जायेंगे .बहस में हिस्सा लेने हेतु आभार </p>
<p>बिलकुल सही कहा आपने गणेश जी अरविन्द केजरीवाल को महत्वपूर्ण खुलासों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए जिस मामले को सामने लायें उसे साबित कर ही आगे बढ़ना चाहिए ऐसे कई मामले उठाने से कहीं भी प्रभाव वे नहीं ला पाएंगे.और सभी मामले अधर में लटक जायेंगे .बहस में हिस्सा लेने हेतु आभार </p> शिखा जी आप सही बात पर पहुँ…tag:openbooks.ning.com,2012-11-04:5170231:Comment:2878092012-11-04T19:07:12.913Zshalini kaushikhttps://openbooks.ning.com/profile/shalinikaushik
<p>शिखा जी आप सही बात पर पहुँच रही हैं .बाहर बैठकर शोर मचाना आसान है किन्तु जब अन्दर पहुँचते हैं तब सच्चे मन के व् ईमानदार होते हुए भी बहुत से नेता इसके दलदल में फंसते गए हैं बहस में हिस्सा लेने हेतु आभार </p>
<p>शिखा जी आप सही बात पर पहुँच रही हैं .बाहर बैठकर शोर मचाना आसान है किन्तु जब अन्दर पहुँचते हैं तब सच्चे मन के व् ईमानदार होते हुए भी बहुत से नेता इसके दलदल में फंसते गए हैं बहस में हिस्सा लेने हेतु आभार </p>