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कुहकत बाड़ी "माई भोजपुरी", बीच बाज़ार मे,
मत बाटs हमरा के यू.पी. अऊर बिहार मे,
ममता तड़प उठsल मतलबी समाज मे,
मत बाटs हमरा के यू.पी. अऊर बिहार मे,

माई भाषा बोलला मे, लाज बा तोहके आवत,
ए.सी. वाली क़ोठरी मे बईठ, बात बाड़s बनावत,
अँगरेज़ी बोली के,लागल बाड़s,भोजपुरी के विकास मे,
मत बाटs हमरा के यू.पी. अऊर बिहार मे,

घर मे बवाल करईबs, भोजपूरियन मे मार करईबs,
सरस्वती के अपमान करईबs, सुर से संग्राम करईबs,
महुवा मे व्हिश्की डाल, जहर बनावेलs बेकार मे,
मत बाटs हमरा के यू.पी.अऊर बिहार मे,

आँख से लोर चुवेला, कोई नइखे पोछे वाला,
आपसे मे लड़े सब, कोई नइखे रोके वाला,
आँचारा मे दाग लगईलs, दूध बा सुखार मे,
मत बाटs हमरा के यू.पी. अऊर बिहार मे,

कुहकत बाड़ी "माई भोजपुरी", बीच बाज़ार मे,
मत बाटs हमरा के यू.पी. अऊर बिहार मे,
ममता तड़प उठsल मतलबी समाज मे,
मत बाटs हमरा के यू.पी. अऊर बिहार मे,

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Replies to This Discussion

बागी बेटा
आशीर्वाद
अच्छा लिखा थोड़ा थोड़ा समझ आयी
धन्यवाद
आपकी गुड्डो दादी चिकागो से
दादी आपका आशीर्वाद सर्वोपरी है, बहुत बहुत धन्यवाद,
गणेश जी ,
प्रणाम बेहतरीन अभिव्यक्ति की है आपने अपने कविता '' कुहकत बाड़ी "माई भोजपुरी", के माध्यम से इस कविता में आपने यह बताने का प्रयास किया है , की भोजपुरी केवल क्षेत्रीयता में ही सीमित न रहे बल्कि उसके विकास के लिए हमे उसे रास्ट्रीय अस्तर पर लाना होगा | तथा इसके लिए हमे स्वयं भी प्रयासरत होना होगा | कविता की ये पंक्ति ज्यादा अच्छी लगी की {माई भाषा बोलला मे, लाज बा तोहके आवत,
ए.सी. वाली क़ोठरी मे बईठ, बात बाड़s बनावत,
अँगरेज़ी बोली के,लागल बाड़s,भोजपुरी के विकास मे,
मत बाटs हमरा के यू.पी. अऊर बिहार मे,} आपने भोजपुरी के विकास में अंग्रेजी बोलने वाले के उपर करारा व्यंग किया है , बढिया कविता के लिए आपको बधाई | धन्यवाद
पूजा जी, आपका बहुत बहुत धन्यवाद, महुआ टी. वी. पर आ रहल कार्यक्रम सुर संग्राम के ध्यान मे रखके इ गीत हम लिखले बानी जेके स्वर देके गावल जा सकत बा,
नोट खातिर चोट देके बटलन भोजपुरिया ,
पहिलही से इ मजबूर रहे बाट देले नेहिया ,
न जाने कहिया ख़तम होई इनकर पागलपन ,
की समाज के पहिचानिहन भुलिहन रुपैया ,
धन्यवाद गुरु जी, आपके आशीर्वाद बहुत खाश होला हमारा खातिर,
घर मे बवाल करईबs, भोजपूरियन मे मार करईबs,
सरस्वती के अपमान करईबs, सुर से संग्राम करईबs,
महुवा मे व्हिश्की डाल, जहर बनावेलs बेकार मे,
मत बाटs हमरा के यू.पी.अऊर बिहार मे,

बागी जी । बड़ाई करे खातिर शब्द नइखे मिलत । वाह ! केतना सहजता से एतना गंभीर विषय के संप्रेषण रउरा कर दिहले बानी । बहुत बढ़िया ।
नीलम दीदी धन्यवाद मान बढ़ावे खातिर, बाद बहिन के आशीर्वाद छोट भाई के आ वोकर गीत के मिलल, धन्य हो गईल दुनो ,
मति रोआ मति रोआ माई भोजपुरिया हो ,
तहरो नालायक बेटा के बाटे मजबुरिया हो ,
उल्लू बना के उहो पईसा कमायेला ला ,
उहो बुरबकवा के खाली पईसे बुझाये ला ,
लगावालास कड़ोरो उहो समझा मजबुरिया हो ,
मति रोआ मति रोआ माई भोजपुरिया हो ,

भोजपुरिया के नाम पर इ नाके कटवात बा ,
बहुते उजुल फुजूल भासा इ सुनावत बा ,
कबो न बुझात बा इ का कहे चाहत बा ,
झुठे मुठे के इहो बिकासे में लागल बा ,
अइसन जे करबा ना माफ़ करी भोजपुरिया हो ,
मति रोआ मति रोआ माई भोजपुरिया हो ,
बहुत खूब गुरु जी, बढ़िया अभिव्यक्ति देहनी रौआ,
Shree Ganesh Ji, aap ki kavita'' कुहकत बाड़ी "माई भोजपुरी", padakar mera maan gadgad ho gaya.
Mujhe ye samajh me nahi aata ki, aap ki tarif karu ya aap ki kavita ki.
Tarif to dono ki karani padegi...Aap ki jitani bhi tarif ki jay kaam hi hogi.
Bahut hi kabile tarif hai aap ki ye kavita...
Ma Saraswati ki kripa aap par sadaiv bana rahe...
Jai Matru Bhumi...Jai Bhraat Shanti...
धन्यवाद भाई शैलेश्वर जी, मुझे भी समझ मे नहीं आता की मैं आप लोगो के स्नेह का कर्ज कैसे चूका पाउँगा, पुनः आपका आभार ,

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