फ्रेंडशिप डे का मतलब - Open Books Online2024-03-28T08:51:42Zhttps://openbooks.ning.com/forum/topics/5170231:Topic:12206?feed=yes&xn_auth=noतिवारी जी प्रणाम !
हम इस देश…tag:openbooks.ning.com,2010-08-24:5170231:Comment:163182010-08-24T15:00:53.318ZGirraj Kishore Sharmahttps://openbooks.ning.com/profile/GirrajKishoreSharma
तिवारी जी प्रणाम !<br />
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हम इस देश के वासी अभी तक फ़ैसला नहीं कर पाए हैं कि भारत की प्राचीन सभ्यता और संस्कारों को किस दिन छोडे, और कब से पश्चमी सभ्यता का अनुकरण करें !<br />
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जनरेशन गैप है आज सभी लड्के, लड़कियाँ स्कूल कालेजों मे हिन्दी से ज़्यादा अँग्रेज़ी की आशिक हैं अपनी बेहतरी के लिए, संयुक्त परिवार बिखर गये हैं "लव-इन-रिलेशन-टूगेदर" क़ानून ने रही सही भारतीय सभ्यता पर सवालिया निशान लगा दिया है ! इसलिए "राखी" से ज़्यादा महत्व "फ्रेण्ड्शिप, वैलेन्टईन डे" ले चुका है समाज़ को राह दिखाने वाला आए उसका…
तिवारी जी प्रणाम !<br />
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हम इस देश के वासी अभी तक फ़ैसला नहीं कर पाए हैं कि भारत की प्राचीन सभ्यता और संस्कारों को किस दिन छोडे, और कब से पश्चमी सभ्यता का अनुकरण करें !<br />
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जनरेशन गैप है आज सभी लड्के, लड़कियाँ स्कूल कालेजों मे हिन्दी से ज़्यादा अँग्रेज़ी की आशिक हैं अपनी बेहतरी के लिए, संयुक्त परिवार बिखर गये हैं "लव-इन-रिलेशन-टूगेदर" क़ानून ने रही सही भारतीय सभ्यता पर सवालिया निशान लगा दिया है ! इसलिए "राखी" से ज़्यादा महत्व "फ्रेण्ड्शिप, वैलेन्टईन डे" ले चुका है समाज़ को राह दिखाने वाला आए उसका इंतज़ार है ! गीत:
हर दिन मैत्री दिवस मनाये…tag:openbooks.ning.com,2010-08-08:5170231:Comment:131012010-08-08T06:09:08.101Zsanjiv verma 'salil'https://openbooks.ning.com/profile/sanjivvermasalil
गीत:<br />
हर दिन मैत्री दिवस मनायें.....<br />
संजीव 'सलिल'<br />
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हर दिन मैत्री दिवस मनायें.....<br />
*<br />
होनी-अनहोनी कब रुकती?<br />
सुख-दुःख नित आते-जाते हैं.<br />
जैसा जो बीते हैं हम सब<br />
वैसा फल हम नित पाते हैं.<br />
फिर क्यों एक दिवस मैत्री का?<br />
कारण कृपया, मुझे बतायें<br />
हर दिन मैत्री दिवस मनायें.....<br />
*<br />
मन से मन की बात रुके क्यों?<br />
जब मन हो गलबहियाँ डालें.<br />
अमराई में झूला झूलें,<br />
पत्थर मार इमलियाँ खा लें.<br />
धौल-धप्प बिन मजा नहीं है<br />
हँसी-ठहाके रोज लगायें.<br />
हर दिन मैत्री दिवस मनायें.....<br />
*<br />
बिरहा चैती आल्हा कजरी<br />
झांझ…
गीत:<br />
हर दिन मैत्री दिवस मनायें.....<br />
संजीव 'सलिल'<br />
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हर दिन मैत्री दिवस मनायें.....<br />
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होनी-अनहोनी कब रुकती?<br />
सुख-दुःख नित आते-जाते हैं.<br />
जैसा जो बीते हैं हम सब<br />
वैसा फल हम नित पाते हैं.<br />
फिर क्यों एक दिवस मैत्री का?<br />
कारण कृपया, मुझे बतायें<br />
हर दिन मैत्री दिवस मनायें.....<br />
*<br />
मन से मन की बात रुके क्यों?<br />
जब मन हो गलबहियाँ डालें.<br />
अमराई में झूला झूलें,<br />
पत्थर मार इमलियाँ खा लें.<br />
धौल-धप्प बिन मजा नहीं है<br />
हँसी-ठहाके रोज लगायें.<br />
हर दिन मैत्री दिवस मनायें.....<br />
*<br />
बिरहा चैती आल्हा कजरी<br />
झांझ मंजीरा ढोल बुलाते.<br />
सीमेंटी जंगल में फँसकर-<br />
क्यों माटी की महक भुलाते?<br />
लगा अबीर, गायें कबीर<br />
छाछ पियें मिल भंग चढ़ायें.<br />
हर दिन मैत्री दिवस मनायें.....<br />
* Manoj Bhaiya ,Thanks for this…tag:openbooks.ning.com,2010-08-01:5170231:Comment:123232010-08-01T17:19:44.323ZEr. Ganesh Jee "Bagi"https://openbooks.ning.com/profile/GaneshJee
Manoj Bhaiya ,Thanks for this information, realy nice,
Manoj Bhaiya ,Thanks for this information, realy nice, आपका कहना भी सही है , मगर मैं…tag:openbooks.ning.com,2010-08-01:5170231:Comment:122592010-08-01T13:14:15.259ZABHISHEK TIWARIhttps://openbooks.ning.com/profile/ABHISHEKTIWARI
आपका कहना भी सही है , मगर मैं ये कहना चाहता हूँ की क्या हमे अपने दोस्तों को याद करने के लिए किसी दिन विशेष की ज़रूरत है ?क्या हम अपने दोस्तों को ऐसे नही याद कर सकते हैं?
आपका कहना भी सही है , मगर मैं ये कहना चाहता हूँ की क्या हमे अपने दोस्तों को याद करने के लिए किसी दिन विशेष की ज़रूरत है ?क्या हम अपने दोस्तों को ऐसे नही याद कर सकते हैं? अभिषेक जी ओपन बुक्स ऑनलाइन के…tag:openbooks.ning.com,2010-08-01:5170231:Comment:122532010-08-01T12:12:59.253ZEr. Ganesh Jee "Bagi"https://openbooks.ning.com/profile/GaneshJee
अभिषेक जी ओपन बुक्स ऑनलाइन के मंच से आप ने एक बहुत ही बढ़िया मुद्दे को उठाया है, यह सही बात है कि दोस्ती किसी विशेष दिन कि मोहताज नहीं होती , यह सब बाजारवाद है, न्यू इयर, valentine डे , x-माक्स डे , फ्रेंडशिप डे आदि पर अरबो रुपये का व्यवसाय होता है, मोबाइल कंपनिया करोड़ो का वारा न्यारा करती हैं,<br />
हां इसका सार्थक पहलू यह है कि हम इसी बहाने अपने सभी दोस्तों को याद कर लेते है,
अभिषेक जी ओपन बुक्स ऑनलाइन के मंच से आप ने एक बहुत ही बढ़िया मुद्दे को उठाया है, यह सही बात है कि दोस्ती किसी विशेष दिन कि मोहताज नहीं होती , यह सब बाजारवाद है, न्यू इयर, valentine डे , x-माक्स डे , फ्रेंडशिप डे आदि पर अरबो रुपये का व्यवसाय होता है, मोबाइल कंपनिया करोड़ो का वारा न्यारा करती हैं,<br />
हां इसका सार्थक पहलू यह है कि हम इसी बहाने अपने सभी दोस्तों को याद कर लेते है,