"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-17 (विषय: विरासत) - Open Books Online2024-03-28T17:33:34Zhttps://openbooks.ning.com/forum/topics/17-1?commentId=5170231%3AComment%3A796208&feed=yes&xn_auth=noहा हा हा tag:openbooks.ning.com,2016-08-31:5170231:Comment:7970792016-08-31T18:24:50.002Zमिथिलेश वामनकरhttps://openbooks.ning.com/profile/mw
<p>हा हा हा </p>
<p>हा हा हा </p> अफसर अपने निक्मपन को अपनी बपौ…tag:openbooks.ning.com,2016-08-31:5170231:Comment:7971652016-08-31T18:24:42.765ZArchana Tripathihttps://openbooks.ning.com/profile/ArchanaTripathi
अफसर अपने निक्मपन को अपनी बपौती समझते हैं इसका बढ़िया चित्रण के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय विजय शंकर जी
अफसर अपने निक्मपन को अपनी बपौती समझते हैं इसका बढ़िया चित्रण के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय विजय शंकर जी पुनः स्पष्ट करने हेतु आभार आप…tag:openbooks.ning.com,2016-08-31:5170231:Comment:7972662016-08-31T18:24:16.162Zमिथिलेश वामनकरhttps://openbooks.ning.com/profile/mw
<p>पुनः स्पष्ट करने हेतु आभार आपका </p>
<p>पुनः स्पष्ट करने हेतु आभार आपका </p> आदरणीय मिथिलेश सर, आपने अपना…tag:openbooks.ning.com,2016-08-31:5170231:Comment:7971642016-08-31T18:23:12.796ZMahendra Kumarhttps://openbooks.ning.com/profile/Mahendra
<p>आदरणीय मिथिलेश सर, आपने अपना अमूल्य समय निकाला इसके लिए आपका हृदय तल से आभार! </p>
<p><span>//क्या सचमुच आपने लघुकथा उस व्यक्ति के दृष्टिकोण से लिखी है?// नहीं। यह लघुकथा उस व्यक्ति के दृष्टिकोण से नहीं लिखी गयी है लेकिन वह एक महत्त्वपूर्ण पात्र अवश्य है। लघुकथा के शिल्प के विषय में मुझे यहीं से जानकारी मिली है। 'डंक मारना' लघुकथा की विशेषता होती है यह तो समझ में आ रहा है लेकिन उसका स्पष्ट और सकारात्मक सन्देश छोड़ना समझ में नहीं आ रहा है। हो सकता है धीरे-धीरे चीजें मुझे स्पष्ट हो सकें। आपके…</span></p>
<p>आदरणीय मिथिलेश सर, आपने अपना अमूल्य समय निकाला इसके लिए आपका हृदय तल से आभार! </p>
<p><span>//क्या सचमुच आपने लघुकथा उस व्यक्ति के दृष्टिकोण से लिखी है?// नहीं। यह लघुकथा उस व्यक्ति के दृष्टिकोण से नहीं लिखी गयी है लेकिन वह एक महत्त्वपूर्ण पात्र अवश्य है। लघुकथा के शिल्प के विषय में मुझे यहीं से जानकारी मिली है। 'डंक मारना' लघुकथा की विशेषता होती है यह तो समझ में आ रहा है लेकिन उसका स्पष्ट और सकारात्मक सन्देश छोड़ना समझ में नहीं आ रहा है। हो सकता है धीरे-धीरे चीजें मुझे स्पष्ट हो सकें। आपके अमूल्य मत के लिए बहुत-बहुत आभारी हूँ।आपका हृदय से धन्यवाद, सादर!</span></p> सादर आभार आदरणीय विनय कुमार स…tag:openbooks.ning.com,2016-08-31:5170231:Comment:7970782016-08-31T18:20:59.857ZDr. Chandresh Kumar Chhatlanihttps://openbooks.ning.com/profile/ChandreshKumarChhatlani
<div class="description" id="desc_5170231Comment796702"><div class="xg_user_generated"><p>सादर आभार आदरणीय विनय कुमार सिंह जी सर, लघुकथा के इस प्रयास पर आपने अपना अमूल्य समय देकर अपनी प्रतिक्रिया द्वारा मेरा उत्साहवर्धन किया| </p>
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<div class="description" id="desc_5170231Comment796702"><div class="xg_user_generated"><p>सादर आभार आदरणीय विनय कुमार सिंह जी सर, लघुकथा के इस प्रयास पर आपने अपना अमूल्य समय देकर अपनी प्रतिक्रिया द्वारा मेरा उत्साहवर्धन किया| </p>
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</div> आदरणीय योगराज सर, मार्गदर्शन…tag:openbooks.ning.com,2016-08-31:5170231:Comment:7972652016-08-31T18:19:00.771Zमिथिलेश वामनकरhttps://openbooks.ning.com/profile/mw
<p>आदरणीय योगराज सर, मार्गदर्शन हेतु निवेदन हैं. सादर </p>
<p>आदरणीय योगराज सर, मार्गदर्शन हेतु निवेदन हैं. सादर </p> वाह सशक्त निर्णय को प्रदर्शित…tag:openbooks.ning.com,2016-08-31:5170231:Comment:7971632016-08-31T18:17:16.191ZArchana Tripathihttps://openbooks.ning.com/profile/ArchanaTripathi
वाह सशक्त निर्णय को प्रदर्शित करती प्रभावशाली कथा ,बेटी का यही जज्बा उसे पिता की विरासत का हकदार बनाता हैं।हार्दिक बधाई आदरणीय
वाह सशक्त निर्णय को प्रदर्शित करती प्रभावशाली कथा ,बेटी का यही जज्बा उसे पिता की विरासत का हकदार बनाता हैं।हार्दिक बधाई आदरणीय हार्दिक धन्यवाद आपका tag:openbooks.ning.com,2016-08-31:5170231:Comment:7972642016-08-31T18:15:01.092Zमिथिलेश वामनकरhttps://openbooks.ning.com/profile/mw
<p>हार्दिक धन्यवाद आपका </p>
<p>हार्दिक धन्यवाद आपका </p> रचना को मान एवं अपना बहुमूल्य…tag:openbooks.ning.com,2016-08-31:5170231:Comment:7972632016-08-31T18:13:48.175Zयोगराज प्रभाकरhttps://openbooks.ning.com/profile/YograjPrabhakar
<p>रचना को मान एवं अपना बहुमूल्य समय देने हेतु सभी साथियों का एहसानमंद हूँ.. </p>
<p>रचना को मान एवं अपना बहुमूल्य समय देने हेतु सभी साथियों का एहसानमंद हूँ.. </p> उम्दा एवम् उत्साहवर्धन करती ट…tag:openbooks.ning.com,2016-08-31:5170231:Comment:7970062016-08-31T18:13:07.203ZArchana Tripathihttps://openbooks.ning.com/profile/ArchanaTripathi
उम्दा एवम् उत्साहवर्धन करती टिप्पणी के लिए हार्दिक धन्यवाद आदरणीय राजेश कुमारी जी ,आपका मार्गदर्शन सदैव अपेक्षित
उम्दा एवम् उत्साहवर्धन करती टिप्पणी के लिए हार्दिक धन्यवाद आदरणीय राजेश कुमारी जी ,आपका मार्गदर्शन सदैव अपेक्षित