"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-149 - Open Books Online2024-03-29T10:31:38Zhttps://openbooks.ning.com/forum/topics/149-1?commentId=5170231%3AComment%3A1100690&xg_source=activity&feed=yes&xn_auth=noअच्छी रचना हुई है आशीष जी। बह…tag:openbooks.ning.com,2023-03-12:5170231:Comment:11008042023-03-12T16:44:58.904Zअजय गुप्ता 'अजेयhttps://openbooks.ning.com/profile/3tuckjroyzywi
<p>अच्छी रचना हुई है आशीष जी। बहुत सुंदर पंक्तियाँ</p>
<p>अच्छी रचना हुई है आशीष जी। बहुत सुंदर पंक्तियाँ</p> सुखों का छोड़कर सागर
गमों की…tag:openbooks.ning.com,2023-03-12:5170231:Comment:11008902023-03-12T14:57:29.189Zआशीष यादवhttps://openbooks.ning.com/profile/Ashishyadav
<p>सुखों का छोड़कर सागर</p>
<p>गमों की भूल कर दुनियां </p>
<p>तू मेरे साथ हो ली है</p>
<p>खुशी हमने संजोली है</p>
<p>यही तो अपनी होली है</p>
<p></p>
<p>मेरा हर रंग तुझपे है</p>
<p>तेरा हर रंग मुझपे है</p>
<p>"तुम्हारे और मेरे" की</p>
<p>जगह 'हम' ने समो ली है</p>
<p>हमारी ऐसी होली है</p>
<p></p>
<p></p>
<p>मेरी चाहत मोहब्बत हो</p>
<p>तेरी चाहत मोहब्बत हो</p>
<p>मोहब्बत सारे रोगों की</p>
<p>सुनो एक मीठी गोली है</p>
<p>यही हम सब की होली है </p>
<p></p>
<p>मौलिक और अप्रकाशित </p>
<p></p>
<p>सुखों का छोड़कर सागर</p>
<p>गमों की भूल कर दुनियां </p>
<p>तू मेरे साथ हो ली है</p>
<p>खुशी हमने संजोली है</p>
<p>यही तो अपनी होली है</p>
<p></p>
<p>मेरा हर रंग तुझपे है</p>
<p>तेरा हर रंग मुझपे है</p>
<p>"तुम्हारे और मेरे" की</p>
<p>जगह 'हम' ने समो ली है</p>
<p>हमारी ऐसी होली है</p>
<p></p>
<p></p>
<p>मेरी चाहत मोहब्बत हो</p>
<p>तेरी चाहत मोहब्बत हो</p>
<p>मोहब्बत सारे रोगों की</p>
<p>सुनो एक मीठी गोली है</p>
<p>यही हम सब की होली है </p>
<p></p>
<p>मौलिक और अप्रकाशित </p>
<p></p> आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवाद…tag:openbooks.ning.com,2023-03-12:5170231:Comment:11009362023-03-12T14:33:08.228Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'https://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।</p>
<p>आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।</p> आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवाद…tag:openbooks.ning.com,2023-03-12:5170231:Comment:11008022023-03-12T14:30:27.520Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'https://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुन्दर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।</p>
<p>आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुन्दर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।</p> अहा, क्या सुंदर चित्रण। मन मो…tag:openbooks.ning.com,2023-03-12:5170231:Comment:11008012023-03-12T13:00:33.800Zअजय गुप्ता 'अजेयhttps://openbooks.ning.com/profile/3tuckjroyzywi
<p>अहा, क्या सुंदर चित्रण। मन मोह लिया एक-एक पंक्ति ने। बहुत खूब रचना अखिलेश जी।</p>
<p>अहा, क्या सुंदर चित्रण। मन मोह लिया एक-एक पंक्ति ने। बहुत खूब रचना अखिलेश जी।</p> बहुत आभार भाई लक्ष्मण जी।tag:openbooks.ning.com,2023-03-12:5170231:Comment:11009322023-03-12T12:58:54.000Zअजय गुप्ता 'अजेयhttps://openbooks.ning.com/profile/3tuckjroyzywi
<p>बहुत आभार भाई लक्ष्मण जी।</p>
<p>बहुत आभार भाई लक्ष्मण जी।</p> उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लि…tag:openbooks.ning.com,2023-03-12:5170231:Comment:11008002023-03-12T12:58:32.901Zअजय गुप्ता 'अजेयhttps://openbooks.ning.com/profile/3tuckjroyzywi
<p>उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए आभार भाई अखिलेश जी। आपके सुझाव उत्तम और अनुकरणीय हैं। बहुत बहुत आभार</p>
<p>उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए आभार भाई अखिलेश जी। आपके सुझाव उत्तम और अनुकरणीय हैं। बहुत बहुत आभार</p> आदरणीय लक्ष्मण भाईजी
एक आम व्…tag:openbooks.ning.com,2023-03-12:5170231:Comment:11006902023-03-12T04:05:53.620Zअखिलेश कृष्ण श्रीवास्तवhttps://openbooks.ning.com/profile/1j78r4oio7ulh
<p>आदरणीय लक्ष्मण भाईजी</p>
<p>एक आम व्यक्ति की मजबूरियों का सुंदर वर्णन किया है इस होली गीत मं। <span> हार्दिक बधाई एवं होली की शुभकामनाएँ।</span></p>
<p>आदरणीय लक्ष्मण भाईजी</p>
<p>एक आम व्यक्ति की मजबूरियों का सुंदर वर्णन किया है इस होली गीत मं। <span> हार्दिक बधाई एवं होली की शुभकामनाएँ।</span></p> आदरणीय अजय भाईजी
आपकी रचनायें…tag:openbooks.ning.com,2023-03-12:5170231:Comment:11006892023-03-12T04:01:34.621Zअखिलेश कृष्ण श्रीवास्तवhttps://openbooks.ning.com/profile/1j78r4oio7ulh
<p>आदरणीय अजय भाईजी</p>
<p>आपकी रचनायें लम्बी होते हुए भी पाठक रोचक लगती हैं। पारिवारिक होली सार्वजनिक होली उत्साह उमंग सब का वर्णन किया है आपने । हार्दिक बधाई एवं होली की शुभकामनाएँ।</p>
<p>भुजंग प्रयात आधारित है इसलिए गलतियाँ महत्वपूर्ण नहीं है फिर भी निम्न पँक्तियों को संशोशित करने में आप पूर्ण सक्षम हैं ..</p>
<p><span>लिए मोर्चा एक टोली खड़ी थी ,,,, </span></p>
<p><span>डिगाया नहीं हौंसला देवरों ने ..... दिखा खूब ही हौसला देवरों में।<br></br>रवैया रखा सख्त ही तेवरों में .... रवैया रखा सख्त ही…</span></p>
<p>आदरणीय अजय भाईजी</p>
<p>आपकी रचनायें लम्बी होते हुए भी पाठक रोचक लगती हैं। पारिवारिक होली सार्वजनिक होली उत्साह उमंग सब का वर्णन किया है आपने । हार्दिक बधाई एवं होली की शुभकामनाएँ।</p>
<p>भुजंग प्रयात आधारित है इसलिए गलतियाँ महत्वपूर्ण नहीं है फिर भी निम्न पँक्तियों को संशोशित करने में आप पूर्ण सक्षम हैं ..</p>
<p><span>लिए मोर्चा एक टोली खड़ी थी ,,,, </span></p>
<p><span>डिगाया नहीं हौंसला देवरों ने ..... दिखा खूब ही हौसला देवरों में।<br/>रवैया रखा सख्त ही तेवरों में .... रवैया रखा सख्त ही तेवरों में॥</span></p>
<p><span> सादर </span>. </p> कलियुग भी द्वापर काल लगे
----…tag:openbooks.ning.com,2023-03-12:5170231:Comment:11009292023-03-12T03:25:52.918Zअखिलेश कृष्ण श्रीवास्तवhttps://openbooks.ning.com/profile/1j78r4oio7ulh
<p><span style="font-size: 12pt;">कलियुग भी द्वापर काल लगे</span></p>
<p><span style="font-size: 12pt;">-----------------------------------</span></p>
<p></p>
<p><span style="font-size: 12pt;">होली में रंग गुलाल लगे।</span></p>
<p><span style="font-size: 12pt;">सतरंगी सबके गाल लगे॥</span></p>
<p><span style="font-size: 12pt;"> </span></p>
<p><span style="font-size: 12pt;">इस रंग भंग की मस्ती में।</span></p>
<p><span style="font-size: 12pt;">मस्तानी सबकी चाल लगे॥…</span></p>
<p></p>
<p><span style="font-size: 12pt;">कलियुग भी द्वापर काल लगे</span></p>
<p><span style="font-size: 12pt;">-----------------------------------</span></p>
<p></p>
<p><span style="font-size: 12pt;">होली में रंग गुलाल लगे।</span></p>
<p><span style="font-size: 12pt;">सतरंगी सबके गाल लगे॥</span></p>
<p><span style="font-size: 12pt;"> </span></p>
<p><span style="font-size: 12pt;">इस रंग भंग की मस्ती में।</span></p>
<p><span style="font-size: 12pt;">मस्तानी सबकी चाल लगे॥</span></p>
<p><span style="font-size: 12pt;"> </span></p>
<p><span style="font-size: 12pt;">खेलो खाओ खूब खिलाओ।</span></p>
<p><span style="font-size: 12pt;">हमें भी होली कमाल लगे॥</span></p>
<p><span style="font-size: 12pt;"> </span></p>
<p><span style="font-size: 12pt;">वृन्दावन मथुरा बरसाना।</span></p>
<p><span style="font-size: 12pt;">होली यहाँ की धमाल लगे॥</span></p>
<p><span style="font-size: 12pt;"> </span></p>
<p><span style="font-size: 12pt;">जो फाग ढोल पर नाच रहे।</span></p>
<p><span style="font-size: 12pt;">सब गोप गोपियाँ ग्वाल लगे॥</span></p>
<p><span style="font-size: 12pt;"> </span></p>
<p><span style="font-size: 12pt;">कुछ राधा हैं कुछ कृष्ण बनें।</span></p>
<p><span style="font-size: 12pt;">कलियुग भी द्वापर काल लगे॥</span></p>
<p><span style="font-size: 12pt;">......................... </span></p>
<p><span style="font-size: 12pt;">मौलिक अप्रकाशित</span></p>