"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-127 - Open Books Online2024-03-28T08:53:48Zhttps://openbooks.ning.com/forum/topics/127-1?xg_source=activity&feed=yes&xn_auth=no जी, प्रतिभा जी, आपने सही कह…tag:openbooks.ning.com,2021-05-16:5170231:Comment:10597912021-05-16T13:27:59.585ZChetan Prakashhttps://openbooks.ning.com/profile/ChetanPrakash68
<p> जी, प्रतिभा जी, आपने सही कहा ! विषय को दृष्टिगत रखते हुए अच्छा प्रयास है आपका, सु श्री जी !</p>
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<p> जी, प्रतिभा जी, आपने सही कहा ! विषय को दृष्टिगत रखते हुए अच्छा प्रयास है आपका, सु श्री जी !</p>
<p></p> इस सकारात्मक गीत सृजन पर हार्…tag:openbooks.ning.com,2021-05-16:5170231:Comment:10599682021-05-16T12:57:35.276Zpratibha pandehttps://openbooks.ning.com/profile/pratibhapande
<p>इस सकारात्मक गीत सृजन पर हार्दिक बधाई आदरणीय चेतन प्रकाश जी</p>
<p>इस सकारात्मक गीत सृजन पर हार्दिक बधाई आदरणीय चेतन प्रकाश जी</p> आदरणीय चेतन प्रकाश जी
ये एक…tag:openbooks.ning.com,2021-05-16:5170231:Comment:10597902021-05-16T12:52:58.962Zpratibha pandehttps://openbooks.ning.com/profile/pratibhapande
<p>आदरणीय चेतन प्रकाश जी </p>
<p> ये एक छंदमुक्त/ अतुकान्त रचना है।</p>
<p>सादर</p>
<p>आदरणीय चेतन प्रकाश जी </p>
<p> ये एक छंदमुक्त/ अतुकान्त रचना है।</p>
<p>सादर</p> हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्…tag:openbooks.ning.com,2021-05-16:5170231:Comment:10600682021-05-16T12:48:59.005Zpratibha pandehttps://openbooks.ning.com/profile/pratibhapande
<p>हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी</p> आदरणीया, प्रतिभा पांडे जी,…tag:openbooks.ning.com,2021-05-16:5170231:Comment:10601132021-05-16T11:57:06.007ZChetan Prakashhttps://openbooks.ning.com/profile/ChetanPrakash68
<p>आदरणीया, प्रतिभा पांडे जी, नमस्कार ! रचना किस विधा में है, आपने, विदुषी, कुछ नहीं बताया ! सो, सही मूल्यांकन संभव नहीं हुआ, क्षमा करें !</p>
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<p>आदरणीया, प्रतिभा पांडे जी, नमस्कार ! रचना किस विधा में है, आपने, विदुषी, कुछ नहीं बताया ! सो, सही मूल्यांकन संभव नहीं हुआ, क्षमा करें !</p>
<p></p> आ. भाई लक्ष्मण जी सप्रेम व॔…tag:openbooks.ning.com,2021-05-16:5170231:Comment:10597892021-05-16T11:47:35.050ZChetan Prakashhttps://openbooks.ning.com/profile/ChetanPrakash68
<p> आ. भाई लक्ष्मण जी सप्रेम व॔दे ! आप का अतिशय आभार कि आप 'गीत' तक पहुँचे और उसको अनुश॔सा मिली ! </p>
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<p> आ. भाई लक्ष्मण जी सप्रेम व॔दे ! आप का अतिशय आभार कि आप 'गीत' तक पहुँचे और उसको अनुश॔सा मिली ! </p>
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<p></p> आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन।…tag:openbooks.ning.com,2021-05-16:5170231:Comment:10599652021-05-16T06:04:28.768Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'https://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर अच्छा गीत हुआ है । हार्दिक बधाई।</p>
<p>आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर अच्छा गीत हुआ है । हार्दिक बधाई।</p> आ. प्रतिभा बहन सादर अभिवादन।…tag:openbooks.ning.com,2021-05-16:5170231:Comment:10600652021-05-16T05:15:22.564Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'https://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. प्रतिभा बहन सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर अच्छी रचना हुई है । हार्दिक बधाई।</p>
<p>आ. प्रतिभा बहन सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर अच्छी रचना हुई है । हार्दिक बधाई।</p> गीत......
फिर भी हम जीतेंगे…tag:openbooks.ning.com,2021-05-15:5170231:Comment:10599612021-05-15T04:29:18.683ZChetan Prakashhttps://openbooks.ning.com/profile/ChetanPrakash68
<p>गीत...... </p>
<p></p>
<p>फिर भी हम जीतेंगे बाजी.. ! </p>
<p></p>
<p>कोरोना की मार पड़ी है</p>
<p>मौत ताण्डव मचा रही है</p>
<p>हर आदम रोता मिलता है</p>
<p>सोग जिन्दगी मना रही है! </p>
<p></p>
<p>माना अंधेरा जग बहुत है</p>
<p>फिर भी हम जीतेंगे बाजी !! </p>
<p></p>
<p>कुछ दिन में होंगे कामयाब</p>
<p>बना रहेगा माँ का रुआब</p>
<p>वैक्सीन हम लगवाएंगे</p>
<p>मास्क लगे जब बढ़ेगा ताब ! </p>
<p></p>
<p>एक नया सूरज निकलेगा</p>
<p>कि गाँव शहर जलेगी बाती !! </p>
<p></p>
<p>अभी टाल दें ब्याह काज…</p>
<p>गीत...... </p>
<p></p>
<p>फिर भी हम जीतेंगे बाजी.. ! </p>
<p></p>
<p>कोरोना की मार पड़ी है</p>
<p>मौत ताण्डव मचा रही है</p>
<p>हर आदम रोता मिलता है</p>
<p>सोग जिन्दगी मना रही है! </p>
<p></p>
<p>माना अंधेरा जग बहुत है</p>
<p>फिर भी हम जीतेंगे बाजी !! </p>
<p></p>
<p>कुछ दिन में होंगे कामयाब</p>
<p>बना रहेगा माँ का रुआब</p>
<p>वैक्सीन हम लगवाएंगे</p>
<p>मास्क लगे जब बढ़ेगा ताब ! </p>
<p></p>
<p>एक नया सूरज निकलेगा</p>
<p>कि गाँव शहर जलेगी बाती !! </p>
<p></p>
<p>अभी टाल दें ब्याह काज सब</p>
<p>शुभ मुहूर्त सुझाएगा वो रब </p>
<p>दो गज दूरी बनी जरूरत, </p>
<p>माँ प्रबंध हो जायेगा सब ! </p>
<p></p>
<p>कृष्ण रहे अर्जुन के साथी</p>
<p>समय कठिन जीतेंगे बाजी !! </p>
<p></p>
<p>लहर तीसरी भी आनी है</p>
<p>तैयारी करके रखनी है</p>
<p>डाक्टर नर्स विज्ञानी हैं सब</p>
<p>युग के वो राजा रानी हैं! </p>
<p></p>
<p>हे देव तुम्हें मौत भगानी</p>
<p>हार गयी मानवता जब है</p>
<p>जीतेंगे हम हर इक बाजी! !! </p>
<p></p>
<p>शील्ड रहे या कोवैक्सीन</p>
<p>कुरोना की दुश्मन संगीन</p>
<p>बदल हम देंगे वो हर सीन! </p>
<p></p>
<p>हम सब चुन चुन कर मारेंगे </p>
<p>कोरोना खतरनाक बागी !! </p>
<p></p>
<p>फिर भी हम जीतेंगे बाजी !! </p>
<p></p>
<p>मौलिक एवं अप्रकाशित</p>
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<p></p> सादर अभिवादन आदरणीय सौरभ पाण्…tag:openbooks.ning.com,2021-05-15:5170231:Comment:10597852021-05-15T04:26:33.610Zpratibha pandehttps://openbooks.ning.com/profile/pratibhapande
<p>सादर अभिवादन आदरणीय सौरभ पाण्डे जी </p>
<p>सादर अभिवादन आदरणीय सौरभ पाण्डे जी </p>