"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-11 (विषय: साथी) - Open Books Online2024-03-29T15:59:14Zhttps://openbooks.ning.com/forum/topics/11?commentId=5170231%3AComment%3A746188&feed=yes&xn_auth=noकथा - साहित्य में शब्द के पीछ…tag:openbooks.ning.com,2016-02-29:5170231:Comment:7464872016-02-29T18:30:03.506Zkanta royhttps://openbooks.ning.com/profile/kantaroy
कथा - साहित्य में शब्द के पीछे इशारे को समझ कर मर्म तक पहुँचना बहुत बड़ी बात होती है ।<br></br>
लघुकथा के एक - एक शब्द में कई - कई इशारे छुपे होते है । पाठक वर्ग में विभिन्न तरह के लोग होते है , जैसे कि कुछ पाठक सतही तौर पर कथा को पढकर निकल जाते है तो कुछ ठहर कर एकबार में जो समझ में आया अपना दृष्टिकोण रख देते है ।<br></br>
लेकिन मेरा मानना है कि लघुकथा लेखकों के लिए इस तरह का पाठकिय दृष्टिकोण सही नहीं है ।<br></br>
आपको कथा के मर्म को समझने की चेष्टा जरूर करना चाहिए , क्योंकि बतौर लेखक सिर्फ कथा लिखना और…
कथा - साहित्य में शब्द के पीछे इशारे को समझ कर मर्म तक पहुँचना बहुत बड़ी बात होती है ।<br/>
लघुकथा के एक - एक शब्द में कई - कई इशारे छुपे होते है । पाठक वर्ग में विभिन्न तरह के लोग होते है , जैसे कि कुछ पाठक सतही तौर पर कथा को पढकर निकल जाते है तो कुछ ठहर कर एकबार में जो समझ में आया अपना दृष्टिकोण रख देते है ।<br/>
लेकिन मेरा मानना है कि लघुकथा लेखकों के लिए इस तरह का पाठकिय दृष्टिकोण सही नहीं है ।<br/>
आपको कथा के मर्म को समझने की चेष्टा जरूर करना चाहिए , क्योंकि बतौर लेखक सिर्फ कथा लिखना और पोस्ट करना ही उद्देश्य नहीं हो । कथा पर आपका आकलन आपके अवलोकन की धारणा को उजागर करती है ।<br/>
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जहाँ तक बात है कथा की स्पष्टता की तो वह बेहद जरूरी पक्ष है लेखन के मद्देनजर लेकिन इतना भी स्पष्ट नहीं हो कि लेखनी में सर्जनात्मकता ही नष्ट हो जाये ।<br/>
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शब्द , अर्थ और वाक्य पर उसके प्रमुख तत्वों का विश्लेषण कर कथ्य को पकड़ने की कोशिश किया जाना चाहिए ।<br/>
महज़ बाह्य पक्ष का अवलोकन करने भर से सबको ही बचने की कोशिश करना बेहद जरूरी है ।<br/>
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लेखनी के बाह्य पक्ष को जरा सा कुरेद कर कथा की गहराई नहीं मापा जा सकता है ।<br/>
गहन स्तर पर चिंतन कर मर्म को समझने की कोशिश करनी चाहिए । सादर क्या aकहने आदरणीय, प्रत्येक ल…tag:openbooks.ning.com,2016-02-29:5170231:Comment:7465852016-02-29T18:29:25.345ZEr. Ganesh Jee "Bagi"https://openbooks.ning.com/profile/GaneshJee
<p>क्या aकहने आदरणीय, प्रत्येक लघुकथा गोष्ठी में आप आपनी लघुकथा के द्वारा एक मानक स्थापित कर देते हैं, दंगाइयों का कोई मजहब नही होता, बहुत ही सुन्दर लघुकथा, बहुत बहुत बधाई आदरणीय योगराज जी.</p>
<p>क्या aकहने आदरणीय, प्रत्येक लघुकथा गोष्ठी में आप आपनी लघुकथा के द्वारा एक मानक स्थापित कर देते हैं, दंगाइयों का कोई मजहब नही होता, बहुत ही सुन्दर लघुकथा, बहुत बहुत बधाई आदरणीय योगराज जी.</p> लीक से हटकर कुछ नया लिखने पर…tag:openbooks.ning.com,2016-02-29:5170231:Comment:7464862016-02-29T18:29:13.176ZDr. Chandresh Kumar Chhatlanihttps://openbooks.ning.com/profile/ChandreshKumarChhatlani
<p>लीक से हटकर कुछ नया लिखने पर कुछ तो सहना पड़ता ही है आदरणीय शेख <span>शहज़ाद उस्मानी जी साहब, लेकिन रचनाकार का धर्म भी तो निभाना है|</span></p>
<p>लीक से हटकर कुछ नया लिखने पर कुछ तो सहना पड़ता ही है आदरणीय शेख <span>शहज़ाद उस्मानी जी साहब, लेकिन रचनाकार का धर्म भी तो निभाना है|</span></p> ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठो अंक 1…tag:openbooks.ning.com,2016-02-29:5170231:Comment:7467772016-02-29T18:25:53.021Zयोगराज प्रभाकरhttps://openbooks.ning.com/profile/YograjPrabhakar
<p>ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठो अंक 11 मे प्रतिभागिता हेतु सभी सुधि साथिओं का हार्दिक आभार। अगले अंक में 30 से 31 मार्च 2016 को पुन: भेंट होगी। जय ओबीओ, जय माँ भारती.</p>
<p>ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठो अंक 11 मे प्रतिभागिता हेतु सभी सुधि साथिओं का हार्दिक आभार। अगले अंक में 30 से 31 मार्च 2016 को पुन: भेंट होगी। जय ओबीओ, जय माँ भारती.</p> लघुकथा का यह प्रयास आपको ठीक…tag:openbooks.ning.com,2016-02-29:5170231:Comment:7467762016-02-29T18:25:51.214ZDr. Chandresh Kumar Chhatlanihttps://openbooks.ning.com/profile/ChandreshKumarChhatlani
<p>लघुकथा का यह प्रयास आपको ठीक लगा और इसके मर्म तक जाकर अपनी टिप्पणी द्वारा मेरे उत्साहवर्धन हेतु आपका सादर आभार, आदरणीय वीर मेहता भाई जी|</p>
<p>लघुकथा का यह प्रयास आपको ठीक लगा और इसके मर्म तक जाकर अपनी टिप्पणी द्वारा मेरे उत्साहवर्धन हेतु आपका सादर आभार, आदरणीय वीर मेहता भाई जी|</p> लघुकथा के इस प्रयास को पसंद क…tag:openbooks.ning.com,2016-02-29:5170231:Comment:7464852016-02-29T18:24:03.787ZDr. Chandresh Kumar Chhatlanihttps://openbooks.ning.com/profile/ChandreshKumarChhatlani
<p>लघुकथा के इस प्रयास को पसंद करने और उस पर अपनी टिप्पणी द्वारा मेरे मनोबल को उच्च करने हेतु आपका हृदयतल से आभारी हूँ आदरणीया राजेश कुमारी जी </p>
<p>लघुकथा के इस प्रयास को पसंद करने और उस पर अपनी टिप्पणी द्वारा मेरे मनोबल को उच्च करने हेतु आपका हृदयतल से आभारी हूँ आदरणीया राजेश कुमारी जी </p> रचना को पसंद करने और उस पर अप…tag:openbooks.ning.com,2016-02-29:5170231:Comment:7467752016-02-29T18:23:30.012ZDr. Chandresh Kumar Chhatlanihttps://openbooks.ning.com/profile/ChandreshKumarChhatlani
<p>रचना को पसंद करने और उस पर अपनी टिप्पणी द्वारा मेरे मनोबल को उच्च करने हेतु आपका हृदयतल से आभारी हूँ आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी</p>
<p>रचना को पसंद करने और उस पर अपनी टिप्पणी द्वारा मेरे मनोबल को उच्च करने हेतु आपका हृदयतल से आभारी हूँ आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी</p> सराहना हेतु बहुत बहुत आभार आद…tag:openbooks.ning.com,2016-02-29:5170231:Comment:7464842016-02-29T18:23:13.361ZEr. Ganesh Jee "Bagi"https://openbooks.ning.com/profile/GaneshJee
<p>सराहना हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी.</p>
<p>सराहना हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी.</p> रचना को पसंद करने और उस पर अप…tag:openbooks.ning.com,2016-02-29:5170231:Comment:7465842016-02-29T18:22:48.610ZDr. Chandresh Kumar Chhatlanihttps://openbooks.ning.com/profile/ChandreshKumarChhatlani
<p>रचना को पसंद करने और उस पर अपनी स्नेहिल टिप्पणी हेतु आपका हृदयतल से आभारी हूँ आदरणीय सतविन्द्र कुमार जी</p>
<p>रचना को पसंद करने और उस पर अपनी स्नेहिल टिप्पणी हेतु आपका हृदयतल से आभारी हूँ आदरणीय सतविन्द्र कुमार जी</p> सराहना हेतु आभार आदरणीया रश्म…tag:openbooks.ning.com,2016-02-29:5170231:Comment:7465832016-02-29T18:22:29.369ZEr. Ganesh Jee "Bagi"https://openbooks.ning.com/profile/GaneshJee
<p>सराहना हेतु आभार आदरणीया रश्मि तारिका जी.</p>
<p>सराहना हेतु आभार आदरणीया रश्मि तारिका जी.</p>