"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-116 - Open Books Online2024-03-29T06:29:44Zhttps://openbooks.ning.com/forum/topics/116-1?commentId=5170231%3AComment%3A1010107&feed=yes&xn_auth=noआदरणीय अशोक भाईजी
हृदय से धन्…tag:openbooks.ning.com,2020-06-14:5170231:Comment:10101422020-06-14T17:58:44.115Zअखिलेश कृष्ण श्रीवास्तवhttps://openbooks.ning.com/profile/1j78r4oio7ulh
<div class="description" id="desc_5170231Comment1009999"><div class="xg_user_generated"><p>आदरणीय अशोक भाईजी</p>
<p>हृदय से धन्यवाद आभार आपका।</p>
</div>
</div>
<div class="description" id="desc_5170231Comment1009999"><div class="xg_user_generated"><p>आदरणीय अशोक भाईजी</p>
<p>हृदय से धन्यवाद आभार आपका।</p>
</div>
</div> हार्दिक आभार आदरणीय अशोक जीtag:openbooks.ning.com,2020-06-14:5170231:Comment:10103182020-06-14T17:32:56.602Zpratibha pandehttps://openbooks.ning.com/profile/pratibhapande
<p>हार्दिक आभार आदरणीय अशोक जी</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय अशोक जी</p> रचना को मान देने के लिये हार्…tag:openbooks.ning.com,2020-06-14:5170231:Comment:10102232020-06-14T17:30:53.399Zpratibha pandehttps://openbooks.ning.com/profile/pratibhapande
<p>रचना को मान देने के लिये हार्दिक आभार आदरणीय अखिलेश जी</p>
<p>रचना को मान देने के लिये हार्दिक आभार आदरणीय अखिलेश जी</p> हार्दिक आभार आदरणीय सतविन्दर…tag:openbooks.ning.com,2020-06-14:5170231:Comment:10100372020-06-14T17:29:30.000Zpratibha pandehttps://openbooks.ning.com/profile/pratibhapande
<p>हार्दिक आभार आदरणीय सतविन्दर भाई</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय सतविन्दर भाई</p> बहुत अच्छी गजल हुई है, हार्दि…tag:openbooks.ning.com,2020-06-14:5170231:Comment:10102222020-06-14T17:26:05.229Zसतविन्द्र कुमार राणाhttps://openbooks.ning.com/profile/28fn40mg3o5v9
<p>बहुत अच्छी गजल हुई है, हार्दिक बधाई आदरणीय</p>
<p>बहुत अच्छी गजल हुई है, हार्दिक बधाई आदरणीय</p> सादर हार्दिक आभार नमन आदरणीयtag:openbooks.ning.com,2020-06-14:5170231:Comment:10103172020-06-14T17:16:30.878Zसतविन्द्र कुमार राणाhttps://openbooks.ning.com/profile/28fn40mg3o5v9
<p>सादर हार्दिक आभार नमन आदरणीय</p>
<p>सादर हार्दिक आभार नमन आदरणीय</p> बिन प्यार यहां जीना मुश्किल त…tag:openbooks.ning.com,2020-06-14:5170231:Comment:10101412020-06-14T16:53:38.465ZAshok Kumar Raktalehttps://openbooks.ning.com/profile/AshokKumarRaktale
<p><span>बिन प्यार यहां जीना मुश्किल तो कहाँ जायें</span><br/><span>तकरार भुला कर अपने दिल को मनाना है.........सत्य कहा है साहब. उम्दा शेर </span></p>
<p></p>
<p>आदरणीय दयाराम मेठानी साहब सादर, प्रदत्त विषय को कोरोना महारोग से जोड़कर खूबसूरत गज़ल कह डाली है आपने. बहुत-बहुत बधाई स्वीकारें. सादर </p>
<p><span>बिन प्यार यहां जीना मुश्किल तो कहाँ जायें</span><br/><span>तकरार भुला कर अपने दिल को मनाना है.........सत्य कहा है साहब. उम्दा शेर </span></p>
<p></p>
<p>आदरणीय दयाराम मेठानी साहब सादर, प्रदत्त विषय को कोरोना महारोग से जोड़कर खूबसूरत गज़ल कह डाली है आपने. बहुत-बहुत बधाई स्वीकारें. सादर </p> सदा के लिए नश्वर जग में, ना क…tag:openbooks.ning.com,2020-06-14:5170231:Comment:10103142020-06-14T16:51:22.292ZAshok Kumar Raktalehttps://openbooks.ning.com/profile/AshokKumarRaktale
<p><span>सदा के लिए नश्वर जग में, ना कोई ठौर ठिकाना है।</span></p>
<p><span>तोड़ सभी से रिश्ते नाते, एक दिवस सबको जाना है॥......यही सच्चाई है. </span></p>
<p>आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त विषय पर आत्म चिंतन को प्रेरित करती सुन्दर प्रस्तुति आपकी. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर </p>
<p><span>सदा के लिए नश्वर जग में, ना कोई ठौर ठिकाना है।</span></p>
<p><span>तोड़ सभी से रिश्ते नाते, एक दिवस सबको जाना है॥......यही सच्चाई है. </span></p>
<p>आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त विषय पर आत्म चिंतन को प्रेरित करती सुन्दर प्रस्तुति आपकी. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर </p> आदरणीया प्रतिभा पांडे जी सादर…tag:openbooks.ning.com,2020-06-14:5170231:Comment:10102212020-06-14T16:48:48.663ZAshok Kumar Raktalehttps://openbooks.ning.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीया प्रतिभा पांडे जी सादर, स्वार्थ में लिप्त इंसान को मैं से बाहर आने का उत्तम सन्देश देता सुन्दर गीत रचा है आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर </p>
<p>आदरणीया प्रतिभा पांडे जी सादर, स्वार्थ में लिप्त इंसान को मैं से बाहर आने का उत्तम सन्देश देता सुन्दर गीत रचा है आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर </p> हम और हमारे दृढ़ होकरचैतन्य भा…tag:openbooks.ning.com,2020-06-14:5170231:Comment:10100362020-06-14T16:46:25.901ZAshok Kumar Raktalehttps://openbooks.ning.com/profile/AshokKumarRaktale
<p><span>हम और हमारे दृढ़ होकर</span><br/><span>चैतन्य भाव फैलाएंगे।</span><br/><span>दुर्धर गतिरोधक शूलों को</span><br/><span>पथ से अविलम्ब हटाएंगे।।....वाह ! वाह ! उत्तम भावना </span></p>
<p>आदरणीय डॉ. छोटेलाल सिंह जी सादर, प्रदत्त विषय को सार्थक करती बहुत सुन्दर रचना आपकी. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर </p>
<p><span>हम और हमारे दृढ़ होकर</span><br/><span>चैतन्य भाव फैलाएंगे।</span><br/><span>दुर्धर गतिरोधक शूलों को</span><br/><span>पथ से अविलम्ब हटाएंगे।।....वाह ! वाह ! उत्तम भावना </span></p>
<p>आदरणीय डॉ. छोटेलाल सिंह जी सादर, प्रदत्त विषय को सार्थक करती बहुत सुन्दर रचना आपकी. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर </p>