"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-102 - Open Books Online2024-03-29T07:10:23Zhttps://openbooks.ning.com/forum/topics/102?commentId=5170231%3AComment%3A967203&feed=yes&xn_auth=no"ओबीओ लाइव तरही मुशायरा"अंक 1…tag:openbooks.ning.com,2018-12-29:5170231:Comment:9676972018-12-29T18:28:19.593ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>"ओबीओ लाइव तरही मुशायरा"अंक 102 को सफ़ल बनाने के लिए सभी ग़ज़लकारों और पाठकों का हार्दिक आभार व धन्यवाद ।</p>
<p>"ओबीओ लाइव तरही मुशायरा"अंक 102 को सफ़ल बनाने के लिए सभी ग़ज़लकारों और पाठकों का हार्दिक आभार व धन्यवाद ।</p> बहुत खूबसूरत ग़ज़ल कही है आपने …tag:openbooks.ning.com,2018-12-29:5170231:Comment:9676962018-12-29T18:27:24.809ZASHFAQ ALI (Gulshan khairabadi)https://openbooks.ning.com/profile/ASHFAQALI
<p>बहुत खूबसूरत ग़ज़ल कही है आपने </p>
<p>इस के लिए मुबारकबाद कुबूल करें</p>
<p>बहुत खूबसूरत ग़ज़ल कही है आपने </p>
<p>इस के लिए मुबारकबाद कुबूल करें</p> आदरणीय राज़ नवादवी जी , हौसला…tag:openbooks.ning.com,2018-12-29:5170231:Comment:9678552018-12-29T18:22:27.401Zanjali guptahttps://openbooks.ning.com/profile/anjaligupta
<p>आदरणीय राज़ नवादवी जी , हौसला अफ़ज़ाई के लिए दिली शुक्रिया</p>
<p>आदरणीय राज़ नवादवी जी , हौसला अफ़ज़ाई के लिए दिली शुक्रिया</p> आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, उत्…tag:openbooks.ning.com,2018-12-29:5170231:Comment:9678542018-12-29T18:21:48.464Zanjali guptahttps://openbooks.ning.com/profile/anjaligupta
<p>आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, उत्साहवर्धन हेतु दिली शुक्रिया</p>
<p>आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, उत्साहवर्धन हेतु दिली शुक्रिया</p> आदरणीय समर कबीर जी, ऐब ए तनाफ…tag:openbooks.ning.com,2018-12-29:5170231:Comment:9680092018-12-29T18:21:15.696ZGanga Dhar Sharma 'Hindustan'https://openbooks.ning.com/profile/GangaDharSharmaHindustan
<p>आदरणीय समर कबीर जी, ऐब ए तनाफुर से जुड़ी मेरी शंका के इतने सरल स्पष्टीकरण के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद...</p>
<p>आदरणीय समर कबीर जी, ऐब ए तनाफुर से जुड़ी मेरी शंका के इतने सरल स्पष्टीकरण के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद...</p> आपका बहुत बहुत शुक्रियाtag:openbooks.ning.com,2018-12-29:5170231:Comment:9680082018-12-29T17:43:01.152ZASHFAQ ALI (Gulshan khairabadi)https://openbooks.ning.com/profile/ASHFAQALI
<p>आपका बहुत बहुत शुक्रिया</p>
<p>आपका बहुत बहुत शुक्रिया</p> आपका बहुत बहुत शुक्रियाtag:openbooks.ning.com,2018-12-29:5170231:Comment:9680072018-12-29T17:42:39.079ZASHFAQ ALI (Gulshan khairabadi)https://openbooks.ning.com/profile/ASHFAQALI
<p>आपका बहुत बहुत शुक्रिया</p>
<p>आपका बहुत बहुत शुक्रिया</p> आपका बहुत बहुत शुक्रियाtag:openbooks.ning.com,2018-12-29:5170231:Comment:9676942018-12-29T17:41:40.910ZASHFAQ ALI (Gulshan khairabadi)https://openbooks.ning.com/profile/ASHFAQALI
<p>आपका बहुत बहुत शुक्रिया</p>
<p>आपका बहुत बहुत शुक्रिया</p> आपका बहुत बहुत शुक्रियाtag:openbooks.ning.com,2018-12-29:5170231:Comment:9678532018-12-29T17:39:14.051ZASHFAQ ALI (Gulshan khairabadi)https://openbooks.ning.com/profile/ASHFAQALI
<p>आपका बहुत बहुत शुक्रिया</p>
<p>आपका बहुत बहुत शुक्रिया</p> आपका बहुत बहुत शुक्रियाtag:openbooks.ning.com,2018-12-29:5170231:Comment:9679142018-12-29T17:38:22.247ZASHFAQ ALI (Gulshan khairabadi)https://openbooks.ning.com/profile/ASHFAQALI
<p>आपका बहुत बहुत शुक्रिया</p>
<p>आपका बहुत बहुत शुक्रिया</p>