"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-101 - Open Books Online2024-03-29T07:36:00Zhttps://openbooks.ning.com/forum/topics/101?commentId=5170231%3AComment%3A963333&feed=yes&xn_auth=no"ओबीओ लाइव तरही मुशायरा"अंक 1…tag:openbooks.ning.com,2018-11-24:5170231:Comment:9633982018-11-24T18:29:08.979ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>"ओबीओ लाइव तरही मुशायरा"अंक 101 को सफ़ल बनाने के लिए सभी ग़ज़लकारों और पाठकों का हार्दिक आभार व धन्यवाद ।</p>
<p>"ओबीओ लाइव तरही मुशायरा"अंक 101 को सफ़ल बनाने के लिए सभी ग़ज़लकारों और पाठकों का हार्दिक आभार व धन्यवाद ।</p> शानदार मुशायरा हुआ बहुत कुछ स…tag:openbooks.ning.com,2018-11-24:5170231:Comment:9633972018-11-24T18:27:15.379Zmirza javed baighttps://openbooks.ning.com/profile/mirzajavedbaig
<p>शानदार मुशायरा हुआ बहुत कुछ सीखने को मिला </p>
<p>मँच के तमाम साथियों को बहुत बहुत मुबारकबाद </p>
<p>शानदार मुशायरा हुआ बहुत कुछ सीखने को मिला </p>
<p>मँच के तमाम साथियों को बहुत बहुत मुबारकबाद </p> निःसंदेह उनका तज़र्बा और जानका…tag:openbooks.ning.com,2018-11-24:5170231:Comment:9634702018-11-24T18:25:57.171Zअजय गुप्ता 'अजेयhttps://openbooks.ning.com/profile/3tuckjroyzywi
<p>निःसंदेह उनका तज़र्बा और जानकारी मुझसे बेहतर है। और उनकी बात मानने में हमारी ही बेहतरी है। मुझे वाक़ई बहुत अच्छा लगा कि उन्होंने मुझे परखने लायक समझा। क्योंकि परख उसी की की जाती है जिसमें कुछ सार नज़र आता है। तो कुछ खुशफ़हमी रख ही सकता हूँ। :))</p>
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<p>ग़ज़ल आपको पसंद आई उसके लिए भी शुक्रिया।</p>
<p>निःसंदेह उनका तज़र्बा और जानकारी मुझसे बेहतर है। और उनकी बात मानने में हमारी ही बेहतरी है। मुझे वाक़ई बहुत अच्छा लगा कि उन्होंने मुझे परखने लायक समझा। क्योंकि परख उसी की की जाती है जिसमें कुछ सार नज़र आता है। तो कुछ खुशफ़हमी रख ही सकता हूँ। :))</p>
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<p>ग़ज़ल आपको पसंद आई उसके लिए भी शुक्रिया।</p> जनाब लक्शमणधामी जी आदाब
ग़ज़ल…tag:openbooks.ning.com,2018-11-24:5170231:Comment:9636322018-11-24T18:25:29.197Zmirza javed baighttps://openbooks.ning.com/profile/mirzajavedbaig
<p>जनाब लक्शमणधामी जी आदाब</p>
<p>ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत मुबारक बाद </p>
<p>जनाब लक्शमणधामी जी आदाब</p>
<p>ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत मुबारक बाद </p> बहुत शुक्रिया आदरणीय मोहम्मद…tag:openbooks.ning.com,2018-11-24:5170231:Comment:9635252018-11-24T18:22:53.610Zanjali guptahttps://openbooks.ning.com/profile/anjaligupta
<p>बहुत शुक्रिया आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ जी। सादर नमन</p>
<p>बहुत शुक्रिया आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ जी। सादर नमन</p> शुक्रिया छोटेलाल जीtag:openbooks.ning.com,2018-11-24:5170231:Comment:9636312018-11-24T18:22:16.649Zअजय गुप्ता 'अजेयhttps://openbooks.ning.com/profile/3tuckjroyzywi
<p>शुक्रिया छोटेलाल जी</p>
<p>शुक्रिया छोटेलाल जी</p> आभार अजय तिवारी जीtag:openbooks.ning.com,2018-11-24:5170231:Comment:9635242018-11-24T18:21:56.774Zअजय गुप्ता 'अजेयhttps://openbooks.ning.com/profile/3tuckjroyzywi
<p>आभार अजय तिवारी जी</p>
<p>आभार अजय तिवारी जी</p> आदरणीय राज़ नवादवी जी, सादर नम…tag:openbooks.ning.com,2018-11-24:5170231:Comment:9636302018-11-24T18:21:46.749Zanjali guptahttps://openbooks.ning.com/profile/anjaligupta
<p>आदरणीय राज़ नवादवी जी, सादर नमन , हौसला अफ़ज़ाई के लिए दिली शुक्रिया</p>
<p>आदरणीय राज़ नवादवी जी, सादर नमन , हौसला अफ़ज़ाई के लिए दिली शुक्रिया</p> शुक्रिया सुरेंद्र जीtag:openbooks.ning.com,2018-11-24:5170231:Comment:9634692018-11-24T18:21:38.214Zअजय गुप्ता 'अजेयhttps://openbooks.ning.com/profile/3tuckjroyzywi
<p>शुक्रिया सुरेंद्र जी</p>
<p>शुक्रिया सुरेंद्र जी</p> सहमत हूँ आपसेtag:openbooks.ning.com,2018-11-24:5170231:Comment:9634682018-11-24T18:20:35.885Zअजय गुप्ता 'अजेयhttps://openbooks.ning.com/profile/3tuckjroyzywi
<p>सहमत हूँ आपसे</p>
<p>सहमत हूँ आपसे</p>