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"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग-1)

साथियों,
"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -1) अत्यधिक डाटा दबाव के कारण पृष्ठ जम्प आदि की शिकायत प्राप्त हो रही है जिसके कारण "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2) तैयार किया गया है, अनुरोध है कि कृपया भाग -1 में केवल टिप्पणियों को पोस्ट करें एवं अपनी ग़ज़ल भाग -2 में पोस्ट करें.....

कृपया मुशायरे सम्बंधित अधिक जानकारी एवं मुशायरा भाग 2 में प्रवेश हेतु नीचे दी गयी लिंक क्लिक करें 

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2)

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आ. नादिर खान साहेब 
ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई 

ये भी उसका फरेब है नादिर

मुस्कुराकर मना गया है मुझे.. ये शेर ग़ज़ल रंग में डूबा हुआ है ... क्या बात 
पुन: बधाई 

जनाब नादिर ख़ान साहिब आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।

मै जिसे जाँ नशीं समझता था

अपना कातिल बता गया है मुझे'

ये शैर मुझे भर्ती का लगा ।

जिस्म में सिर्फ दर्द बाकी है'

इस मिसरे में ऐब-ए-तनाफ़ुर देखें ।

जब भी यादों का कारवाँ निकला'

इस मिसरे में 'निकला' की जगह "गुज़रा" शब्द उचित होगा ।

बेहतरीन मतले और बेहतरीन गिरही शे'अर के साथ बेहतरीन ग़ज़ल के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद मुहतरम जनाब नादिर ख़ान साहिब। वाह :

//माँ असर है तेरी दुआओं का, सब्र करना तो आ गया है मुझे//

माँ असर है तेरी दुआओं का

सब्र करना तो आ गया है मुझे। बहुत ही लाजवाब गिरहा का मिसरा और शे'र । 

              ..शे'र दर शे'र दाद के साथ दिली मुबारकबाद आदरणीय नादिर खान जी ।

मोहतरम नादिर खान साहिब, बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है। गिरह भी कमाल की है। तहेदिल से मुबारकबाद आपको

अच्छी ग़ज़ल है आदरणीय नादिर जी। आख़िरी शेर ख़ूब हुआ है। हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए। सादर।

भाई नादिर खान जी, उम्दा ग़ज़ल कही है। आ० समर कबीर साहिब की बेशक़ीमती सलाह का संज्ञान लें। और शेअर दर शेअर मेरी दिली मुबारकबाद स्वीकार करें। 

आदरणीय नादिर साहब, आपकी एक लगनशील कोशिश सामने है. विद्वदजनों के कहे का संज्ञान लेतु हुए अभ्यास में निरंतरता बनाए रखें. हार्दिक शुभकामनाएँ और आयोजन में शिरकत करने के लिए बधाइयाँ

आद० नादिर खान जी बहुत उम्दा ग़ज़ल हुई है दिल से दाद हाज़िर है 

रात गुज़रेगी आज तो भारी

ज़िक्र उनका रुला गया है मुझे

 

ये भी उसका फरेब है नादिर

मुस्कुराकर मना गया है मुझे

 इन दोनों के लिए विशेष दाद 

आदरणीय नादिर साहब, उम्दा गजल हुई। बधाइयाँ।

माँ असर है तेरी दुआओं का

सब्र करना तो आ गया है मुझे

 इस अशआर ने दिल को छू लिया, वाह !!!

ये भी उसका फरेब है नादिर

मुस्कुराकर मना गया है मुझे  बहुत खूब ! 

हार्दिक बधाई आदरणीय नादिर खान जी इस उम्दा ग़ज़ल के लिए|

आदरणीय नादिर साहब. अच्छे अशआर हुए हैं. हार्दिक बधाई 

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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक 143 in the group चित्र से काव्य तक
"जी, सादर आभार।"
Sunday

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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक 143 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय."
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक 143 in the group चित्र से काव्य तक
"सादर"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक 143 in the group चित्र से काव्य तक
"बात तो उचित है. आप संशोधित रचना यहीं, इसी आयोजन में पोस्ट कर दें, आदरणीय."
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक 143 in the group चित्र से काव्य तक
"अवश्य, आदरणीय."
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अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक 143 in the group चित्र से काव्य तक
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक 143 in the group चित्र से काव्य तक
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"रचना पर उपस्थिति तथा मूल्यवान सुझावों के लिए आपका अति आभार है सौरभ जी। आपका मार्गदर्शन तथा प्रशंसा…"
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"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी रचना पर उपस्तिथि और सराहना के लिये हार्दिक आभार। "
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