For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नए ख्वाब दिखाने वाला - ग़ज़ल

2122 1122 1122 22

 

नींद आँखों से मेरी कोई चुराने वाला 

आ गया फिर से नए ख्वाब दिखाने वाला 

 

उन दुकानों पे मिलेंगे तुम्हें झंडे-डंडे  

पास अपने तो है ये काम किराने वाला 

 

जान लेने के लिए लोग खड़े लाइन से 

कोई दिखता ही नहीं जान लुटाने वाला

 

आज रस्ते हैं बहुत, साथ मुसाफिर अनगिन

चाह कर भी न मिला साथ निभाने वाला 

 

जाम हाथों से छलक जाते हैं अक्सर देखा 

बात तब है मिले आँखों से पिलाने वाला 

"मौलिक एवं अप्रकाशित"

Views: 638

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बसंत कुमार शर्मा on September 23, 2019 at 9:54am
आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी सादर नमस्कार, हौसलाफजाई के लिए दिल से शुक्रिया
Comment by बसंत कुमार शर्मा on September 23, 2019 at 9:53am
आदरणीय ब्रजेश कुमार ब्रज जी सादर नमस्कार, हौसलाफजाई के लिए दिल से शुक्रिया
Comment by बसंत कुमार शर्मा on September 23, 2019 at 9:53am
आदरणीय विजय निकोरे जी सादर नमस्कार, हौसलाफजाई के लिए दिल से शुक्रिया
Comment by vijay nikore on September 23, 2019 at 6:12am

अच्छी गज़ल के लिए बधाई, मित्र बसंत जी।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on September 21, 2019 at 12:21pm

वाह वाह आदरणीय शर्मा जी खूब ग़ज़ल कही...

Comment by surender insan on September 20, 2019 at 8:23pm

आदरणीय बसन्त जी अच्छी ग़ज़ल कही आपने । बधाई स्वीकार करें जी।

Comment by बसंत कुमार शर्मा on September 19, 2019 at 9:44pm
आदरणीय समर कबीर जी सादर नमस्कार, आपकी ग़ज़ल पर उपस्थिति से मन प्रसन्न हुआ। सादर नमन आपको इसी तरह हौसलाफजाई करते रहें
Comment by बसंत कुमार शर्मा on September 19, 2019 at 9:42pm
आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी सादर नमस्कार
आपकी हौसलाफजाई को सादर नमन
Comment by Samar kabeer on September 19, 2019 at 12:03pm

जनाब बसंत कुमार शर्मा जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,बधाई स्वीकार करें ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on September 19, 2019 at 5:53am

आ. भाई बसंत जी, बेहतरीन गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

AMAN SINHA posted blog posts
46 minutes ago
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: सही सही बता है क्या

1212 1212सही सही बता है क्याभला है क्या बुरा है क्यान इश्क़ है न चारागरतो दर्द की दवा है क्यालहू सा…See More
47 minutes ago
Sushil Sarna posted blog posts
47 minutes ago
दिनेश कुमार posted blog posts
47 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. प्रतिभा बहन अभिवादन व हार्दिक आभार।"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी. सादर "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। सुन्दर गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
" आदरणीय अशोक जी उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"  कोई  बे-रंग  रह नहीं सकता होता  ऐसा कमाल  होली का...वाह.. इस सुन्दर…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"बहुत सुन्दर दोहावली.. हार्दिक बधाई आदरणीय "
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service