For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हादसा : लघुकथा : हरि प्रकाश दुबे

“ए बच्ची सुन,यहाँ जेल में किससे मिलने आई है !”

“जी सरकार ,अपने पिताजी से !”

“ पर तू तो भले घर की लगती है, और तेरा बाप जेल में, क्या हुआ था ?”

“साहब एक हादसा हो गया था !”

“कैसा हादसा ,कब ?

“ जी ,सब कहतें हैं मेरे पैदा होने के समय !”

© हरि प्रकाश दुबे

"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 629

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on April 2, 2015 at 9:05am

अजीब हादसा ...लघुकथा का निचोड़ ! सादर!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on April 1, 2015 at 11:37pm

आदरणीय हरिप्रकाश भाई जी सफल लघुकथा पर हार्दिक बधाई निवेदित है सादर 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 1, 2015 at 4:54pm

इस सशक्त एवं श्लाघनीय प्रयास के लिए हृदयतल से बधाइयाँ, आदरणीय हरि प्रकाशजी.
लघुकथा समस्त विशेषताओं के साथ सामने आयी है.
शुभ-शुभ

Comment by shree suneel on April 1, 2015 at 4:00pm
आदरणीय हरि प्रकाश जी,अच्छी लघु-कथा के लिए बधाईयां. अंतिम पंक्ति ने कमाल का प्रभाव पैदा किया है.
फिर से हार्दिक बधाईयां.
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 1, 2015 at 8:49am

बहुत खूब. चंद पंक्तियों में कमाल कर दिया आपने आदरनिय हरिप्रकाश जी. हार्दिक बधाई स्वीकारें

Comment by Dr. Vijai Shanker on March 31, 2015 at 9:23pm
सुन्दर लघु-कथा की प्रस्तुति, बधाई , आदरणीय हरी प्रकाश दुबे जी , सादर।
Comment by Shyam Mathpal on March 31, 2015 at 7:32pm

आ.हरि प्रकाश दुबेजी. अति लघुकथा. अंत रहस्यमई ?

हार्दिक बधाई .

Comment by Shyam Narain Verma on March 31, 2015 at 4:47pm
इस अच्छी लघु कथा के लिए बधाई, आदरणीय
Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on March 31, 2015 at 4:32pm

सुन्दर लघुकथा पर हार्दिक बधाईयां आदरणीय!

Comment by VIRENDER VEER MEHTA on March 31, 2015 at 3:22pm

"मेरे पैदा होने के समय "  बस यही वो शब्द है जो पाठक को बार बार सोचने के लिए विवश कर देते है ....        आदरणीय हरी प्रकाश        दुबेजी .बेहतरीन कथा, बधाई स्वीकार करे.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185

परम आत्मीय स्वजन, ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 185 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
3 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, प्रस्तुति पर आपसे मिली शुभकामनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद ..  सादर"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

आदमी क्या आदमी को जानता है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ कर तरक्की जो सभा में बोलता है बाँध पाँवो को वही छिप रोकता है।। * देवता जिस को…See More
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Monday
Sushil Sarna posted blog posts
Nov 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Nov 5
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

देवता क्यों दोस्त होंगे फिर भला- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
Nov 5

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
Nov 2
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Nov 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Oct 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Oct 31

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service