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शायर की शायरी के लिए जान हैं आँखें.....

आशिक के दिल की ख्वाहिशो अरमान हैं आँखें । 

कुछ दिन से ये लगता है, परेशान हैं आँखें ॥ 

एक दिन तुझे देखा था, किसी राहगुज़र पे । 
उस दिन से उसी राह पे, मेहमान हैं आँखें ॥ 
 
होती हैं मेहरबाँ, तो ये उठकर के हैं गिरतीं । 
हो जाएँ बेमेहर, तो तूफ़ान हैं आँखें ॥ 
 
महबूब की कुर्बत में चमकती हैं ये अक्सर ।     
मौसम हो जुदाई का, तो बेजान हैं आँखें ॥ 
 
आँखों में जो डूबे हैं, वही लिखते हैं ग़ज़लें । 
शायर की शायरी के लिए जान हैं आँखें ॥ 
 
लफ़्ज़ों का एक तूफ़ान, उठा है मेरे दिल में । 
लगता है वीर, फिर से मेहरबान हैं आँखें ॥ 
मौलिक व अप्रकाशित 

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Comment by बृजेश नीरज on September 13, 2013 at 12:58pm

बहुत अच्छा प्रयास है! आपको हार्दिक बधाई!

भाई जी, मैं भी यह विधा सीखना चाहता हूं। आपसे अनुरोध है कि बहर बताने का कष्ट करें जिससे कि इस छात्र को रचना के मानक समझ आ सकें।

भाई जी, एक बात और ये ‘राहगुजर’ शब्द का क्या अर्थ होता है?

सादर!

Comment by डॉ. अनुराग सैनी on September 12, 2013 at 5:01pm

एक दम मस्त और दिल को छू गयी है बहुत ही निगाहेंबान है आँखे , बहुत बधाई आपको 

Comment by बसंत नेमा on September 12, 2013 at 4:34pm

आ0 अनिल जी बहुत सुन्दर है ये आंखे ...... खूब बहुत बहुत बधाई

Comment by अरुन 'अनन्त' on September 11, 2013 at 9:04pm

आदरणीय अनिल भाई जी ग़ज़ल के भाव अच्छे हैं किन्त्तु यदि बहर से अवगत करा देते तो हम सबको सीखने को मिल जाता और कुछ कहने में भी सरलता होती खैर इस प्रस्तुति पर दाद कुबूल फरमाएं.

Comment by Anil Chauhan '' Veer" on September 11, 2013 at 8:18pm

आदरणीय गिरिराज भंडारी जी हार्दिक  शुक्रिया उत्साहवर्धन के लिए


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Comment by गिरिराज भंडारी on September 11, 2013 at 7:23pm

वीर भाई , बढिया गज़ल कही भाई !! बधाई !!

Comment by Anil Chauhan '' Veer" on September 11, 2013 at 3:55pm

आदरणीय annapurna bajpai  जी बहुत बहुत शुक्रिया उत्साहवर्धन के लिए 

Comment by Anil Chauhan '' Veer" on September 11, 2013 at 3:54pm

आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी बहुत बहुत शुक्रिया उत्साहवर्धन के लिए बिलकुल लिखा करूँगा अब से 

Comment by Anil Chauhan '' Veer" on September 11, 2013 at 3:53pm

आदरणीय वीनस केसरी जी बहुत बहुत शुक्रिया आपकी बात ध्यान में रखूँगा  

Comment by annapurna bajpai on September 11, 2013 at 12:56pm

बहुत बढ़िया बधाई आपको आदरणीय वीर जी । 

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"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
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"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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