For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल-उदासी इस क़दर मुझमें उतरती जा रही है

1222      1222      1222      122

ग़मों की दिन-ब-दिन क़िस्मत सँवरती जा रही है
उदासी इस क़दर मुझमें उतरती जा रही है

अभी तो वक़्त है पतझर के आने में,हवा क्यों
चली ऐसी कि मन वीरान करती जा रही है

बहारों ने चमन लूटा मगर बाद-ए-सबा ये 
खिज़ाओं पे हरिक इलज़ाम धरती जा रही है


फ़िराक-ए-यार का मौसम बहुत नज़दीक आया
विसाल-ए-यार की उम्मीद मरती जा रही है

उसे तो भा रही है अब ज़माने की रिवायत
यहाँ अपनी मुहब्बत भी निखरती जा रही है

कोई सूरत नहीं है चाँद के दीदार की 'ब्रज'
शब-ए-ग़म आँसुओं के साथ झरती जा रही है
​(मौलिक एवं अप्रकाशित) ​
बृजेश कुमार 'ब्रज'

Views: 938

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on April 1, 2021 at 10:02pm

आदरणीय सोनांचली जी आपका हार्दिक धन्यवाद...

Comment by नाथ सोनांचली on March 30, 2021 at 5:44pm

आद0 बृजेश कुमार ब्रज जी सादर अभिवादन। बढ़िया ग़ज़ल हुई हैं। बधाई स्वीकार कीजिये

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on March 22, 2021 at 1:28pm

बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीया रचना जी...

Comment by Rachna Bhatia on March 21, 2021 at 9:14am

आदरणीय बृजेश कुमार ब्रज जी,नमस्कार। बेहतरीन ग़ज़ल हुई हर शेर कमाल का है।

हार्दिक बधाई।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on March 20, 2021 at 8:05am

आपका धन्यवाद आदरणीय आज़ी तमाम जी...

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on March 20, 2021 at 8:04am

स्वागत संग आभार आदरणीय अमीरुद्दीन जी...सादर

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on March 20, 2021 at 8:03am

बहुत बहुत आभार आदरणीय धामी जी ध्यानाकर्षित करने के लिए...गूगल कीपैड के बार पंगे कर देता है।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on March 20, 2021 at 8:02am

आदरणीय नाथ सोनांचली जी आपका हार्दिक आभार...

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on March 20, 2021 at 8:01am

आदरणीय समर कबीर जी ग़ज़ल पे आपकी उत्साहवर्धक टिप्पड़ी से अतिप्रसन्नता का अनुभव हुआ...आपसे "ग़ज़ल अच्छी है बृजेश" ये सुनने का प्रयास जारी रहेगा...

Comment by Aazi Tamaam on March 19, 2021 at 7:46pm
सादर प्रणाम आदरणीय ब्रज जी बहुत मधुर ग़ज़ल है

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"इस प्रयास की सराहना हेतु दिल से आभारी हूँ आदरणीय लक्ष्मण जी। बहुत शुक्रिया।"
5 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय दिनेश जी। आभारी हूँ।"
5 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"212 1222 212 1222 रूह को मचलने में देर कितनी लगती है जिस्म से निकलने में देर कितनी लगती है पल में…"
5 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"सादर नमस्कार आ. ऋचा जी। उत्साहवर्धन हेतु दिल से आभारी हूँ। बहुत-बहुत शुक्रिया।"
5 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। इस प्रयास की सराहना हेतु आपका हृदय से आभारी हूँ।  1.…"
5 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, सादर अभिवादन! आपकी विस्तृत टिप्पणी और सुझावों के लिए हृदय से आभारी हूँ। इस सन्दर्भ…"
5 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की इस्लाह क़ाबिले ग़ौर…"
6 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी बहुत शुक्रिया आपका संज्ञान हेतु और हौसला अफ़ज़ाई के लिए  सादर"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मोहतरम बागपतवी साहिब, गौर फरमाएँ ले के घर से जो निकलते थे जुनूँ की मशअल इस ज़माने में वो…"
7 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही है आपने मुबारकबाद पेश करता…"
7 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आ० अमित जी…"
7 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आदरणीय…"
9 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service