For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल - इस तरफ इंसान कड़की में

बह्र - फाइलातुन फाइलातुन फा
2122 2122 2

इस तरफ इंसान कड़की में
उस तरफ भगवान कड़की में

एक पल को भी नहीं भटका
राह से ईमान कड़की में

लाक डाउन में गई रोजी
सब बिके सामान कड़की में

ज़िन्दगी रफ्तार से दौड़े
हैं नहीं आसान कड़की में

हैं बहुत बीमार हफ्तों से
घर में अम्मी जान कड़की में

भूल बैठे सब हंसी ठठ्ठा
गुम हुई मुस्कान कड़की में

क्या कहें बरसात से पहले
ढह गया दालान कड़की में

मौलिक अप्रकाशित

Views: 413

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on May 25, 2020 at 1:58pm

आदरणीय डा़.छोटेलाल सिंह जी ग़ज़ल सराहना एवं उत्साहवर्धन के लिये हार्दिक धन्यवाद

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on May 25, 2020 at 1:56pm

आदरणीय समर कबीर साहब बहुत बहुत धन्यवाद ग़ज़ल सराहना एवं उत्साह वर्धन के लिये।

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on May 25, 2020 at 8:57am

गुम हुई मुस्कान कड़की में,आदरणीय राम अवध जी यथार्थ को जमी पर लाकर रख दिया आपने ,सच्चाई को बयां करती इस शानदार गजल के लिए बहुत बहुत बधाई

Comment by Samar kabeer on May 25, 2020 at 6:27am

जनाब राम अवध जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल हुई है, बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on May 23, 2020 at 4:33pm

आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी ग़ज़ल सराहना एवं उत्साह वर्धन के लिए सादर आभार।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on May 23, 2020 at 4:24pm

आ. भाई राम अवध जी, उम्दा गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय ज़ैफ़ जी आदाब, उम्दा ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ।"
34 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय ज़ैफ़ जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
41 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जनाब आज़ी तमाम साहिब आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया। भाई-चारा का…"
41 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय संजय शुक्ला जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
47 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी, ऐसा करना मुनासिब होगा। "
1 hour ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ बधाई स्वीकार करें"
1 hour ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ इस्लाह भी ख़ूब हुई आ अमित जी की"
1 hour ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी आ रिचा अच्छी ग़ज़ल हुई है इस्लाह के साथ अच्छा सुधार किया आपने"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय संजय जी सादर नमस्कार। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु हार्दिक बधाई आपको ।"
1 hour ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Sanjay Shukla जी, बहुत आभार आपका। ज़र्रा-नवाज़ी का शुक्रिया।"
1 hour ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Euphonic Amit जी, बहुत आभार आपका। ज़र्रा-नवाज़ी का शुक्रिया।"
1 hour ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Dinesh Kumar जी, अच्छी ग़ज़ल कही आपने, बधाई है। "
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service