For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

उसूल - लघुकथा -

"क्या बात है सर, आज पहली बार आपको व्हिस्की लेते देख रहा हूँ?"

"हाँ घोष बाबू, आज मैं भी कई साल बाद तनाव मुक्त महसूस कर रहा हूँ।"

"मगर सर मैंने आपको कभी हार्ड ड्रिंक लेते नहीं देखा।"

"आप सही कह रहे हैं। मैंने जिस दिन यह कुर्सी संभाली थी, अपने पिता को वचन दिया था कि मैं सेवा निवृत होने तक ड्रिंक नहीं करूंगा। आज रिटायर होने के साथ ही उस बंधन से मुक्त हो गया।"

"लेकिन सर, खैर छोड़िये...........?"

"क्यूँ छोड़िये, आज सब बंधन तोड़ दो। जो भी मन में है बोल दो।"

"सर आप बुरा मान जायेंगे।"

"पिछले सालों में इतना सुनने और सहने की आदत हो गयी है कि अब कुछ बुरा नहीं लगता।"

"आप सही कह रहे हैं।पर मेरा मन आपकी आत्मा को दुखाना नहीं चाहता।"

"दिल खोल कर पूछो, अब उन सारी परिस्थितियों को पार कर चुका हूँ।और वैसे भी तुम तो अपने ही हो।"

"सर मुझे आपके पिछले दिनों लिये गये निर्णयों पर हैरत हो रही है।ये फ़ैसले आपकी विचारधारा, उसूल और चरित्र से मेल नहीं खाते।"

"घोष बाबू, धारा के विरुद्ध तैरने के लिये जिस शारीरिक शक्ति और मानसिक क्षमता की आवश्यकता होती है।वह अब मुझमें नहीं बची।"

"कहीं ऐसा तो नहीं कि आप समझौतावादी विचारधारा को स्वीकार कर लिये।"

"सेवा निवृति के बाद के भविष्य की चिंता तो सभी को होती है।"

मौलिक एवम अप्रकाशित

Views: 454

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on November 22, 2019 at 11:02am

हार्दिक आभार आदरणीय सलीम "रजा" रीवा जी।

Comment by SALIM RAZA REWA on November 21, 2019 at 9:16pm

मुबारकबाद आदरणीय तेजवीर सिंह जी ख़ूबसूरत लघुकथा के लिए बधाई स्वविकारें।

Comment by TEJ VEER SINGH on November 20, 2019 at 7:43pm

हार्दिक आभार आदरणीय समर कबीर साहब जी। आदाब।

Comment by Samar kabeer on November 20, 2019 at 6:32pm

जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,बहुत अच्छी लघुकथा लिखी आपने, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by TEJ VEER SINGH on November 20, 2019 at 1:02pm

हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'  जी।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on November 20, 2019 at 4:25am

आ. भाई तेजवीर जी, सादर अभिवादन। अच्छी कथा हुई है । हार्दिक बधाई ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service