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KALPANA BHATT ('रौनक़')
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KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to Admin's discussion खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...
"ओम शान्ति।"
Dec 28, 2023
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on KALPANA BHATT ('रौनक़')'s blog post डर के आगे (लघुकथा)
"आ. कल्पना बहन, सादर अभिवादन। अच्छी कथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Oct 1, 2023
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-102 (विषय: आरंभ)
"अच्छी रचना हुई है जनाब शहज़ाद उस्मानी जी। बधाई स्वीकारें"
Sep 29, 2023
Sushil Sarna commented on KALPANA BHATT ('रौनक़')'s blog post डर के आगे (लघुकथा)
"वाह बहुत सुंदर और सार्थक प्रस्तुति आदरणीया जी । लघु कथा की लम्बाई कुछ अधिक लगी । सादर नमन"
Sep 29, 2023
KALPANA BHATT ('रौनक़') added a discussion to the group बाल साहित्य
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सोमू का संकल्प (बाल-कथा)

सोमू तड़के ही उठ गया था। वैसे तो वह रोज ही सूरज उगने के पहले उठ जाता था, अपने नित्यकार्य से निवृत्त होकर स्कूल जाता था। पर आज तो छुट्टी थी, और छुट्टी के दिन उसकी सुबह की दिनचर्या कुछ अलग होती थी। वह अपने दोस्तों के साथ हाथ में कुछ खाली बोरियों को लेकर निकल पड़ता था और सड़क पर चलते हुए कचरा, पन्नी, थ्रेश इत्यादि बिनकर उपयुक्त कचरे के डिब्बे में डाल देता था। उसको जब किसी ने पूछा, "बच्चे, तुम कचरा क्यों उठाते हो? यह कार्य तो नगर-निगम वालों का होता है।" उसने तपाक से उत्तर दिया, "अंकल जी, जब हम कचरा…See More
Sep 28, 2023
KALPANA BHATT ('रौनक़') commented on Dr. Vijai Shanker's blog post क्षणिकायें 01/23 - डॉ० विजय शंकर
"सुंदर अभिव्यक्ति हुई है डॉ विजय शंकर जी। बधाई स्वीकारें"
Sep 26, 2023
KALPANA BHATT ('रौनक़') commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .राजनीति
"सुंदर दोहे हुए है आदरणीय सुशील सरना जी । बधाई स्वीकारें।"
Sep 26, 2023
KALPANA BHATT ('रौनक़') posted a blog post

डर के आगे (लघुकथा)

. पिंकी के बारे में उसको यह पता चला था कि वह बहुत बीमार रही और काफ़ी समय तक अस्पताल में रही। उसको कुछ समझ नहीं आ रहा था परंतु जब पिंकी को स्कूल में देखा तो वह चहक उठी। वह पिंकी से लिपट गयी और कुछ पूछने को थी कि पिंकी ने जमकर उसका हाथ पकड़ लिया। पूरे दिन दोनों में से कोई न बोला। स्कूल खत्म होने पर दोनों एक साथ हाथ पकड़ कर बाहर निकले तब पिंकी के पापा-मम्मी को उनकी कार में खड़े पाया। चुप्पी तोड़ते हुए पिंकी ने धीरे से कहा, "घर चलोगी?" तान्या ने पिंकी की मम्मी से उनका मोबाइल माँगा और कॉल लगाया। इस बीच…See More
Sep 26, 2023
KALPANA BHATT ('रौनक़') posted a blog post

भविष्य निधि (लघुकथा)

                                                    एक सर्वेक्षण-कर्ता की डायरी दिनांक :- ३० अक्तूबर, २०२१  बॉस ने ‘वर्तमान ऑनलाइन शिक्षा-प्रणाली की सार्थकता और उपयोगिता’ पर  सर्वेक्षण कर अगले वर्ष के फ़रवरी माह तक रिपोर्ट जमा  करने हेतु कहा है|”दिनांक:- ४ नवम्बर, २०२१.तय किया है कि उपर्युक्त विषय हेतु मैं वरिष्ठ-नागरिकों, बच्चों के अभिभावक, युवा वर्ग, एवं बच्चों से मिलूँगा | और कुछ मित्रों और सहयोगियों से दूर दराज़ गाँव, रेड-लाइट ऐरिया, बी.पी.एल. के नीचे आ रहे विद्यार्थी गण एवं विशेष बच्चों  पर…See More
Sep 19, 2023
विनय कुमार replied to KALPANA BHATT ('रौनक़')'s discussion पुस्तक समीक्षा: सुर्ख़ लाल रंग (कहानी संग्रह) in the group पुस्तक समीक्षा
"बहुत बहुत धन्यवाद आ कल्पना भट्ट जी, जिस तरह से आपने इस पुस्तक की बृहद और सारगर्भित समीक्षा की है उसके लिए मैं आभारी हूँ"
Sep 18, 2023
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-155
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर धन्यवाद आपकी टिप्पणी हेतु ।। "
Sep 18, 2023
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-155
"सम्पादित किये हुए हाइकु कुछ हाइकु १. पहेली बना  सुलझ नहीं पाया  मेरा जीवन २. आईना देखे  सामने रहकर  मेरा जीवन  ३. बहती नदी  कल-कल करती  मेरा जीवन| ४. सावन झड़ी  अश्रु बन बहती  मेरा जीवन  ५. मोहन…"
Sep 17, 2023
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-155
"धन्यवाद आदरणीय अजय जी।"
Sep 17, 2023
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-155
"जी आदरणीय आप सही कह रहें हैं। इनको सुधार लूँगी। सादर। "
Sep 17, 2023
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-155
"कुछ हाइकु १. पहली बना  सुलझ नहीं पाया  मेरा जीवन २. आईना देखे  सामने रहकर  मेरा जीवन  ३. बहती नदी  कल-कल करती  मेरा जीवन| ४. सावन झड़ी  अश्रु बन बहती  मेरा जीवन  ५. मोहन रंग  भिगोकर…"
Sep 17, 2023
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-155
"सुन्दर ग़ज़ल हुई है आदरणीय दयाराम मेठानी जी | बधाई स्वीकारें| "
Sep 17, 2023

Profile Information

Gender
Female
City State
BHOPAL
Native Place
MUMBAI
Profession
house wife
About me
was a teacher for about 20 Years. Recently resigned. I am M.A in English,B.Ed ,LLB.. . interested in literature

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डर के आगे (लघुकथा)

. पिंकी के बारे में उसको यह पता चला था कि वह बहुत बीमार रही और काफ़ी समय तक अस्पताल में रही। उसको कुछ समझ नहीं आ रहा था परंतु जब पिंकी को स्कूल में देखा तो वह चहक उठी। वह पिंकी से लिपट गयी और कुछ पूछने को थी कि पिंकी ने जमकर उसका हाथ पकड़ लिया। पूरे दिन दोनों में से कोई न बोला। स्कूल खत्म होने पर दोनों एक साथ हाथ पकड़ कर बाहर निकले तब पिंकी के पापा-मम्मी को उनकी कार में खड़े पाया। चुप्पी तोड़ते हुए पिंकी ने धीरे से कहा, "घर चलोगी?" तान्या ने पिंकी की मम्मी से उनका मोबाइल माँगा और कॉल लगाया। इस…

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Posted on September 26, 2023 at 1:49pm — 2 Comments

एहसास (कविता)

बदलते मौसम-से बदल गए 

बढाते हुए कदम और आगे बढ़ गए 

कौन कहता है कि हरजाई हो 

बदलना था तुमको और तुम बदल गए|

छूट गए गलियारे कितने ही! 

रूठ गए सुखद पल उतने ही 

अब बहार आये लगता नहीं है 

 क्यारियाँ महके लगता नहीं है| 

नहीं! नहीं! कुछ अलग नहीं हुआ है 

दुनिया का दस्तूर ही तो निभाया है 

भावनाओं का कुचलना स्वाभाविक था 

यूँ कदम-तले रौंद देना ही ठीक था | 

खुश हैं गलियारे तुम्हारे करीब…

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Posted on April 17, 2023 at 6:35pm

गाँव की धरती (कविता)

गाँव की धरती

गाँव की छवि अति निराली

शहर से छटा उसकी है न्यारी

गगनचुंबी से मुक्त धरा है होती

खुले आकाश सँग बातें ज्यादा है होती ।

सुबह सवेरे गाय बैल जगाते

दुग्ध धोने अपने ग्वाल को पुकारते

रुनझुन करती आती श्यामा

खुश हो जाती घर में दादी माँ

हल लेकर खेतो को निकलते

मेहनतकश पुरुष पसीना बहाते

बरगद नीम की छाँव तले बैठकर

खाते रोटी अचार चटनी प्याज मिलकर

हँसी ठट्ठा औ कोलाहल होता

हर घर से अपनापन है मिलता

सब कोई चाचा…

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Posted on April 27, 2022 at 10:26pm — 8 Comments

भविष्य निधि (लघुकथा)

                                                    एक सर्वेक्षण-कर्ता की डायरी 

दिनांक :- ३० अक्तूबर, २०२१  

बॉस ने ‘वर्तमान ऑनलाइन शिक्षा-प्रणाली की सार्थकता और उपयोगिता’ पर  सर्वेक्षण कर अगले वर्ष के फ़रवरी माह तक रिपोर्ट जमा  करने हेतु कहा है|”

दिनांक:- ४ नवम्बर, २०२१.

तय किया है कि उपर्युक्त विषय हेतु मैं वरिष्ठ-नागरिकों, बच्चों के अभिभावक, युवा वर्ग, एवं बच्चों से मिलूँगा…

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Posted on March 9, 2022 at 5:00pm — 1 Comment

Comment Wall (5 comments)

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At 10:51pm on August 8, 2017, श्याम किशोर सिंह 'करीब' said…

संदेशात्मक लघुकथा। सहज चित्रण के लिए बधाई।

KALPANA BHATT

At 1:55pm on May 17, 2016, Dr Ashutosh Mishra said…

आदरणीया कल्पना जी महीने की सक्रिय सदस्य चुने जाने पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें सादर 

At 1:26pm on May 16, 2016,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

आदरणीया 

श्रीमती कल्पना भट्ट जी,
सादर अभिवादन,
यह बताते हुए मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है कि ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार में विगत माह आपकी सक्रियता को देखते हुए OBO प्रबंधन ने आपको "महीने का सक्रिय सदस्य" (Active Member of the Month) घोषित किया है, बधाई स्वीकार करें | प्रशस्ति पत्र उपलब्ध कराने हेतु कृपया अपना पता एडमिन ओ बी ओ को उनके इ मेल admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध करा दें | ध्यान रहे मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई है |
हम सभी उम्मीद करते है कि आपका सहयोग इसी तरह से पूरे OBO परिवार को सदैव मिलता रहेगा |
सादर ।
आपका
गणेश जी "बागी"
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
ओपन बुक्स ऑनलाइन

At 11:34am on May 15, 2016, Rahila said…
बहुत शुक्रिया आदरणीया दी! आपने मुझे दोस्ती के काबिल समझा ।
At 2:10pm on May 1, 2016, pratibha pande said…

आपकी मित्रता मेरे लिए अमूल्य है , धन्यवाद आदरणीया कल्पना जी 

 
 
 

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
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Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
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