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Jitendra Upadhyay
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Male
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Allahabad/Uttar Pradesh
Native Place
Allahabad
Profession
Student
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माँ

माँ छोटू के सो जाने के बाद भी उसे देर तक जगाती, किचेन से दूध का एक बड़ा भरा गिलास जबरदस्ती पकड़ाते हुए कहती,जल्दी पी जा नहीं बुढ़िया आ जाएगी.! और छोटू डर के मारे एक ही साँस में पूरा दूध पी जाता ! छोटू बड़ा हो गया है, माँ की अवस्था हो चली है ! माँ बीमार रहती है डॉक्टर ने दवाइयों के साथ दूध पीने को भी कहा है ! माँ दूध नहीं पीती तब छोटू माँ से कहता "माँ जल्दी दूध पी जाओ नहीं बुढ़िया आ जाएगी.! माँ उसके बालपन पे मुस्कराती है और धीरे-धीरे पूरा दूध पी जाती…

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Posted on May 10, 2015 at 4:30pm — 4 Comments

इंसानियत का रिश्ता

लड़का रोज शाम को कानो में लीड लगाकर सड़क के बीचो बीच बने पार्क में वाकिंग करने पहुंच जाता.! और वो बुजुर्ग दम्पति भी रोज शाम को पार्क के बीचो बीच बने बेन्च पे बैठकर घंटो खेलते हुए बच्चो को एक टक निहारते.! कभी -कभी प्यार से बच्चो को पुचकार भी देते तो कभी थपकियाँ देने के बहाने सहला भर लेते.! ऐसा करके उन्हें एक अलग सा सुकून मिलता था ! लड़का भी पार्क के एक कोने में बैठकर हर पल उन बूढी आँखों में एक ख़ुशी की चमक देख खुश भर हो जाता..! हर रोज वो लड़का सोचता आज मै इनसे बात करुगा, पर किस बारे में उनसे मेरा…

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Posted on May 9, 2015 at 4:00pm — 7 Comments

बाँझ माँ

उसकी अपनी कोई संतान नहीं थी लोग उसे बाँझ कहते थे ! उसने (बाँझ) दरवाजे में कुण्डी लगाया ही था, की तभी किसी बच्चे की रोने की आवाज सुन वो वही ठिठक भर गयी ! दरवाजे की कुण्डी खोल हाथ में लालटेन लिए वो आवाज के दिशा में चल पड़ी ! थोड़ी दूर पहुंची ही थी की अचानक सामने का दृश्य देख चौक पड़ी, छोटे से कपडे में लिपटा वो बच्चा भूख से बुरी तरह बिलबिला रहा था ! उसने बच्चे को उठा कर सीने से लगा लिया,बच्चा ममतामयी स्पर्श पा शांत होकर सो गया ! सुबह लोगो ने उसके झोपडी से बच्चे की आवाज सुनी सुनकर सब चौक गए ! सच से…

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Posted on May 7, 2015 at 4:58pm — 9 Comments

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At 12:17pm on May 5, 2015, जितेन्द्र पस्टारिया said…

आपकी मित्रता का स्वागत है ,आदरणीय जीतेन्द्र उपाध्याय जी

सादर!

 
 
 

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मिथिलेश वामनकर updated their profile
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
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"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
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"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
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