आपकी सराहाना के लिए धन्यवाद । मै काफी दिनों से कंप्यूटर पर बैठा नहीं था और मोबाइल पर आजकल ओबोओ खुलता नहीं है इस लिए मै आपकी टिप्पड़ी आज ही पढ़ पाया हूँ।
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
UMASHANKER MISHRA's Comments
Comment Wall (13 comments)
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online
धन्यवाद
आपने मेरी कविता की जो सराहना की है वह मेरे लिए अनमोल है ।
मेरी रचना पढने के लिए धन्यवाद । आपकी टिप्पड़ी से मन में प्रसन्नता हुई
आपकी सराहाना के लिए धन्यवाद । मै काफी दिनों से कंप्यूटर पर बैठा नहीं था और मोबाइल पर आजकल ओबोओ खुलता नहीं है इस लिए मै आपकी टिप्पड़ी आज ही पढ़ पाया हूँ।
आदरणीय उमाशंकर सर जी सादर प्रणाम
ग़ज़ल को पसंद करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद सहित सादर आभार
उमाशंकर भाई आपकी इतनी विस्तृत और आत्मीय प्रतिकृया पढ़ कर बहुत खुशी हुई...आपकी ज़र्रानवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्र गुजार हूँ ! साभार!
उमाशंकर भाई नमस्कार ! जन्मदिन पर आपकी बधाइयाँ और आशीर्वाद मिला। बहुत अच्छा लगा। आपको बहुत बहुत धन्यवाद !!
आपने तो पूरी गाथा ही कह दी प्रभु............
प्रणाम आपके अविरल और अगाध स्नेह को
धन्यवाद
___सादर
बहुत बहुत धन्यवाद आपको उमाशंकर जी !आपका आशीर्वाद मिला अच्छा लगा!
उमाशंकर जी आपकी सुंदर प्रतिकृया और बधाइयों के लिए आपका बहुत बहुत आभार !
आपका हार्दिक स्वागत है आदरणीय उमा शंकर जी.
सदस्य कार्यकारिणीअरुण कुमार निगम said…
उमाशंकर मिश्रा जी, ओबीओ में स्वागत है....
Welcome to
Open Books Online
Sign Up
or Sign In
कृपया ध्यान दे...
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
6-Download OBO Android App Here
हिन्दी टाइप
देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...
साधन - 1
साधन - 2
Latest Blogs
मकर संक्रांति
नए साल में - गजल -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
भाग्य और गर्भ काल ( दोहा दसक)-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
जाने तुमको क्या क्या कहता
दोहा दसक- बेटी -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
दोहा सप्तक - नाम और काम- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
जमा है धुंध का बादल
शीत- दोहा दसक-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
दोहा पंचक. . . . .जीवन
दोहा पंचक. . . संघर्ष
सूरज सजीले साल का
नूतन वर्ष
नये साल में-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
राम पाना कठिन शेष जीवन में पर -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
जिन्दगी भर बे-पता रहना -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
दोहा पंचक. . . रोटी
दोहा पंचक. . . . .
एक बूँद
कमियाँ बुरी लगती हैं
दोहा पंचक. . . . .व्यवहार
Latest Activity
मकर संक्रांति
नए साल में - गजल -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'