aapke prem ke liye aabhari hun bahut bahut aabhaar evm dhnyavaadआपका स्नेह, दुलार, आशीष एवं आत्मीयता की सुगंध का झोंका मेरे जीवन में नया उजाला लाएगा ...ऐसा मुझे भरोसा है ........आपकी कृपादृष्टि के लिए कृतज्ञ हूँ
आये आपके घर खुशियों की डोली ,हमारी तरफ से आपको हैप्पी होली . आदरणीय धन्यवाद , आपकी हौसला अफजाई मेरी कविता के पौधे में खाद का काम कर रहे हैं . एक बार फिर धन्यवाद"
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लक्ष्मण रामानुज लडीवाला's Comments
Comment Wall (59 comments)
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जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएँ आपको आदरणीय लडीवाला जी
आदरणीय लडीवाला जी
आपको जन्मदिवस के अवसर पर ढेरो शुभ कामनाये i आप चिरायु हो और स्वस्थ रहें i
सदस्य कार्यकारिणीगिरिराज भंडारी said…
आदरणीय लक्ष्मण भाई , आपका बहुत्बहुत आभार !!
आदरणीय लक्षमण सर जी सादर धन्यवाद आपका स्नेह और आशीष यूँ ही बनाये रखिये
लक्ष्मण भाई- सप्रेम राधे- राधे । सही सलाह एवं गीत को दिल से पसंद करने के लिए हार्दिक् धन्यवाद ॥
आदरणीय लडीवाला सर प्रणाम , रचना पसंद करने के लिए आपका तहेदिल से आभार और धन्यवाद !
आदरणीय लक्ष्मण प्रसाद जी हार्दिक आभार.
abhar laxman ji
aapke prem ke liye aabhari hun bahut bahut aabhaar evm dhnyavaad आपका स्नेह, दुलार, आशीष एवं आत्मीयता की सुगंध का झोंका मेरे जीवन में नया उजाला लाएगा ...ऐसा मुझे भरोसा है ........आपकी कृपादृष्टि के लिए कृतज्ञ हूँ
सादर
आदरणीय लक्ष्मण जी, हांलाकि मुझे दोहों का कुछ ख़ास ज्ञान नहीं है मगर क्या खूब कहा है आपने-
'बहका बहका दिख रहा, खुद का ही व्यवहार
जैसे सब कुछ ख़त्म है, मन मेरा लाचार | '
बधाई हो!
आदरणीय लक्ष्मण प्रसाद जी... शुभकामनाओं के लिए सादर धन्यवाद ... आपको भी मेरी मंगलकामनाएं
आदरणीय इसी तरह आशीर्वाद बनाए रखें
हार्दिक आभार
आपके प्रोत्साहन भरे भावों के लिए शुक्रिया
शुभ प्रभात
आभार...
राजस्थान में मूल ही रह गया है अब
पैदाईश तो छत्तीसगढ़ की है
मैं अचानक ही यहाँ आ गई...
लिखती-विखती तो कुछ हूँ नहीं
बस पढ़ती हूँ...और पसंदीदा रचनाओं को अपनी धरोहर बना लेती हूँ
सादर
यशोदा
मेरे बागीचेः
http://nayi-purani-halchal.blogspot.com/
http://yashoda4.blogspot.in/
http://4yashoda.blogspot.in/
http://yashoda04.blogspot.in/
आदरणीय श्री लक्ष्मण जी ,
आप का बहुत ही आभार ,
आपसे स्नेह एवम् मार्गदर्शन मिलता रहेगा
मित्रता के मायने ही , भावनाओं का आदान - प्रदान है ,
अभी सीख रहा हूँ , आपकी टिप्पणी का इंतजार रहेगा , .
सादर ,
ळ्क्षमण जी आपने प्रेम की सम्पूर्ण अभिव्यक्ति की है बहुत उत्तम है. मैं भी आपकी इन बातों से पूर्ण
सहमत हूँ भौतिक रूप से कोई पास रहे .....यह जरूरी तो नहीं..यह बात सच है.
लक्ष्मण जी आपने तो कितने सरल शब्दों सुखसागर का दर्शन करा दिया . आप पर कृष्ण की अपार कृपा है.
अति सुंदर .
आये आपके घर खुशियों की डोली ,हमारी तरफ से आपको हैप्पी होली . आदरणीय धन्यवाद , आपकी हौसला अफजाई मेरी कविता के पौधे में खाद का काम कर रहे हैं . एक बार फिर धन्यवाद"
लक्षमण जी
आपकी इस कविता को " थार एक्सप्रेस " में प्रकाशित करने की अनुमति चाहता हूँ . अच्छी प्रस्तुती के लिए साधुवाद .
आपने मेरी मित्रता स्वीकार की इसके लिए धन्यवाद। आपके संग बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। कृपया मेरे BLOGS को पढ़ कर मुझे अपनी राय अवश्य दें।
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