Comments - दुनिया में सब इश्क़ करें तो कितना अच्छा हो (ग़ज़ल) - Open Books Online2024-03-29T13:45:48Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A999763&xn_auth=noजनाब धर्मेन्द्र कुमार सिंह जी…tag:openbooks.ning.com,2020-01-28:5170231:Comment:10000002020-01-28T09:41:58.843ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब धर्मेन्द्र कुमार सिंह जी आदाब,ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p></p>
<p><span>'अपने साहब इश्क़ करें तो कितना अच्छा हो'</span></p>
<p><span>इस मिसरे में क़ाफ़िया दोष है,सहीह शब्द है "साहिब",देखियेगा </span></p>
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<p>जनाब धर्मेन्द्र कुमार सिंह जी आदाब,ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
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<p><span>'अपने साहब इश्क़ करें तो कितना अच्छा हो'</span></p>
<p><span>इस मिसरे में क़ाफ़िया दोष है,सहीह शब्द है "साहिब",देखियेगा </span></p>
<p></p> आदरणीय धर्मेंद्र सिंह जी, बहु…tag:openbooks.ning.com,2020-01-22:5170231:Comment:9997032020-01-22T14:41:45.765ZShyam Narain Vermahttp://openbooks.ning.com/profile/ShyamNarainVerma
आदरणीय धर्मेंद्र सिंह जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर
आदरणीय धर्मेंद्र सिंह जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर बड़ी रदीफ़ क्या आपने अच्छी गज…tag:openbooks.ning.com,2020-01-21:5170231:Comment:9998172020-01-21T14:00:55.757Zमनोज अहसासhttp://openbooks.ning.com/profile/ManojkumarAhsaas
<p>बड़ी रदीफ़ क्या आपने अच्छी गजल पेश की है मित्र हार्दिक शुभकामनाएं</p>
<p>बड़ी रदीफ़ क्या आपने अच्छी गजल पेश की है मित्र हार्दिक शुभकामनाएं</p> वाह..वाह..क्या कहने
इस बेहतरी…tag:openbooks.ning.com,2020-01-21:5170231:Comment:9998022020-01-21T01:17:49.862Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>वाह..वाह..क्या कहने</p>
<p>इस बेहतरीन गजल के लिए हार्दिक बधाई, आ. भाई सर्मेन्द्र जी ..</p>
<p>वाह..वाह..क्या कहने</p>
<p>इस बेहतरीन गजल के लिए हार्दिक बधाई, आ. भाई सर्मेन्द्र जी ..</p>