Comments - कविता-हिम्मत तो ज़रा कर - Open Books Online2024-03-28T16:14:04Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A994230&xn_auth=noबहुत-बहुत धन्यवाद आपका ।आपकी…tag:openbooks.ning.com,2019-10-11:5170231:Comment:9943292019-10-11T16:36:23.626Zप्रशांत दीक्षित 'प्रशांत'http://openbooks.ning.com/profile/PrashantDixit
बहुत-बहुत धन्यवाद आपका ।आपकी सराहना से बल मिला है । अभी-अभी बस लिखना चालू किया है और अभी सीख रहा हूँ,इसलिए विधाओं के बारे में ज्यादा नहीं जानता । मेरी इस कविता में मैंने प्रत्येक पंक्ती में 24 मात्राएँ रखी हैं । इसकी पहली दो पंक्तियाँ छोड़कर शेष तो रोला छंद में हैं । आशा है आपका सबका आशीर्वाद जरूर मिलेगा । और जो कमियां हैं वो मुझे मालूम चलेंगी ।
बहुत-बहुत धन्यवाद आपका ।आपकी सराहना से बल मिला है । अभी-अभी बस लिखना चालू किया है और अभी सीख रहा हूँ,इसलिए विधाओं के बारे में ज्यादा नहीं जानता । मेरी इस कविता में मैंने प्रत्येक पंक्ती में 24 मात्राएँ रखी हैं । इसकी पहली दो पंक्तियाँ छोड़कर शेष तो रोला छंद में हैं । आशा है आपका सबका आशीर्वाद जरूर मिलेगा । और जो कमियां हैं वो मुझे मालूम चलेंगी । जनाब प्रशांत दीक्षित जी आदाब,…tag:openbooks.ning.com,2019-10-11:5170231:Comment:9942472019-10-11T14:55:39.121ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब प्रशांत दीक्षित जी आदाब,अच्छी रचना हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>एक निवेदन ये कि कृपया रचना के साथ उसकी विधा भी लिख दिया करें,इससे पाठकों को अपने विचार रखने में आसानी होती है ।</p>
<p>जनाब प्रशांत दीक्षित जी आदाब,अच्छी रचना हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>एक निवेदन ये कि कृपया रचना के साथ उसकी विधा भी लिख दिया करें,इससे पाठकों को अपने विचार रखने में आसानी होती है ।</p>