Comments - प्यार - Open Books Online2024-03-28T20:36:04Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A994147&xn_auth=noआदरणीय, प्रणाम, बहुत ही सुंदर…tag:openbooks.ning.com,2019-10-12:5170231:Comment:9941652019-10-12T11:57:11.323ZShyam Narain Vermahttp://openbooks.ning.com/profile/ShyamNarainVerma
आदरणीय, प्रणाम, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर
आदरणीय, प्रणाम, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर जनाब डॉ. गोपाल नारायण श्रीवास…tag:openbooks.ning.com,2019-10-11:5170231:Comment:9940622019-10-11T14:57:17.069ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब डॉ. गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी आदाब,अच्छी रचना हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब डॉ. गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी आदाब,अच्छी रचना हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p> वादियों से गुजरते हुए
चीख उठत…tag:openbooks.ning.com,2019-10-11:5170231:Comment:9940542019-10-11T13:18:29.647ZSushil Sarnahttp://openbooks.ning.com/profile/SushilSarna
<p>वादियों से गुजरते हुए</p>
<p>चीख उठती है</p>
<p>मेरी आत्मा-</p>
<p>“तुम मेरे हो “</p>
<p>और स्तब्ध हो उठता है</p>
<p>वह अदना सा फूल <br/> .... वाह आदरणीय अंतर्मन के भावों का एक अदना सा फूल के साथ सम्बन्ध चित्रित किया है , अद्भुत,और अनुपम है। इस भावात्मक सृजन के लिए दिल से बधाई आदरणीय डॉ गोपाल जी। सादर ...</p>
<p>वादियों से गुजरते हुए</p>
<p>चीख उठती है</p>
<p>मेरी आत्मा-</p>
<p>“तुम मेरे हो “</p>
<p>और स्तब्ध हो उठता है</p>
<p>वह अदना सा फूल <br/> .... वाह आदरणीय अंतर्मन के भावों का एक अदना सा फूल के साथ सम्बन्ध चित्रित किया है , अद्भुत,और अनुपम है। इस भावात्मक सृजन के लिए दिल से बधाई आदरणीय डॉ गोपाल जी। सादर ...</p>