Comments - उपेक्षा (लघुकथा ) - Open Books Online2024-03-29T02:08:20Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A989458&xn_auth=noगहन और भावपूर्ण लघुकथा ! वाह !tag:openbooks.ning.com,2019-11-26:5170231:Comment:9969362019-11-26T15:36:44.115ZHarish Chandra Lohumihttp://openbooks.ning.com/profile/HarishChandraLohumi
<p>गहन और भावपूर्ण लघुकथा ! वाह !</p>
<p>गहन और भावपूर्ण लघुकथा ! वाह !</p> आदरणीय गोपाल सर . इस मर्मस्पर…tag:openbooks.ning.com,2019-11-26:5170231:Comment:9969292019-11-26T08:04:45.055ZDr Ashutosh Mishrahttp://openbooks.ning.com/profile/DrAshutoshMishra
<p><span style="font-size: 8pt;">आदरणीय गोपाल सर . इस मर्मस्पर्शी लघु कथा के लिए तहे दिल बधाई सादर प्रणाम के साथ </span></p>
<p><span style="font-size: 8pt;">आदरणीय गोपाल सर . इस मर्मस्पर्शी लघु कथा के लिए तहे दिल बधाई सादर प्रणाम के साथ </span></p> नदी नही हम माँ कहते है उनकी प…tag:openbooks.ning.com,2019-08-09:5170231:Comment:9900632019-08-09T10:20:07.690ZNita Kasarhttp://openbooks.ning.com/profile/NitaKasar
<p>नदी नही हम माँ कहते है उनकी पीड़ा की सुंदर अभिव्यक्ति है कथा में ।बधाई आपको आद०गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी ।</p>
<p>नदी नही हम माँ कहते है उनकी पीड़ा की सुंदर अभिव्यक्ति है कथा में ।बधाई आपको आद०गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी ।</p> अग्रज आ० निकोर जी को सादर प्र…tag:openbooks.ning.com,2019-08-08:5170231:Comment:9897432019-08-08T06:06:58.236Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttp://openbooks.ning.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
<p>अग्रज आ० निकोर जी को सादर प्रणाम I </p>
<p>अग्रज आ० निकोर जी को सादर प्रणाम I </p> आओ शून्य आकांक्षी जी , अनुग्र…tag:openbooks.ning.com,2019-08-08:5170231:Comment:9900272019-08-08T06:05:55.726Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttp://openbooks.ning.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
<p>आओ शून्य आकांक्षी जी , अनुग्रहीत हूँ I </p>
<p>आओ शून्य आकांक्षी जी , अनुग्रहीत हूँ I </p> आ० तेजवीर सिंह जी. सादर सादर…tag:openbooks.ning.com,2019-08-08:5170231:Comment:9898332019-08-08T06:04:24.790Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttp://openbooks.ning.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
<p>आ० तेजवीर सिंह जी. सादर सादर सादर I </p>
<p>आ० तेजवीर सिंह जी. सादर सादर सादर I </p> आ० विनय कुमार जी , हौसला अफजा…tag:openbooks.ning.com,2019-08-08:5170231:Comment:9900262019-08-08T06:03:26.533Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttp://openbooks.ning.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
<p>आ० विनय कुमार जी , हौसला अफजाई का शुक्रिया I </p>
<p>आ० विनय कुमार जी , हौसला अफजाई का शुक्रिया I </p> आ० समर कबीर साहब , बहुत बहुत…tag:openbooks.ning.com,2019-08-08:5170231:Comment:9899422019-08-08T06:02:33.128Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttp://openbooks.ning.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
<p>आ० समर कबीर साहब , बहुत बहुत धन्यवाद I </p>
<p>आ० समर कबीर साहब , बहुत बहुत धन्यवाद I </p> आ० प्रभा जी , बहुत बहुत आभार…tag:openbooks.ning.com,2019-08-08:5170231:Comment:9898312019-08-08T06:01:43.867Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttp://openbooks.ning.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
<p>आ० प्रभा जी , बहुत बहुत आभार I </p>
<p>आ० प्रभा जी , बहुत बहुत आभार I </p> आपकी कलम जो भी लिखती है अच्छा…tag:openbooks.ning.com,2019-08-07:5170231:Comment:9897292019-08-07T04:40:10.637Zvijay nikorehttp://openbooks.ning.com/profile/vijaynikore
<p>आपकी कलम जो भी लिखती है अच्छा लिखती है। हार्दिक बधाई, आदरणीय गोपाल नारायन जी।</p>
<p>आपकी कलम जो भी लिखती है अच्छा लिखती है। हार्दिक बधाई, आदरणीय गोपाल नारायन जी।</p>