Comments - सभी कुछ बता दिया - ग़ज़ल - Open Books Online2024-03-29T10:07:32Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A981214&xn_auth=noवाह,वाहह,लाजवाब ग़ज़ल। सभी अशआर…tag:openbooks.ning.com,2019-04-28:5170231:Comment:9827262019-04-28T16:29:10.984ZHariom Shrivastavahttp://openbooks.ning.com/profile/HariomShrivastava
<p>वाह,वाहह,लाजवाब ग़ज़ल। सभी अशआर अतिसुंदर।</p>
<p>वाह,वाहह,लाजवाब ग़ज़ल। सभी अशआर अतिसुंदर।</p> आदरणीय समर कबीर जी सादर नमस्क…tag:openbooks.ning.com,2019-04-23:5170231:Comment:9815872019-04-23T11:41:45.981Zबसंत कुमार शर्माhttp://openbooks.ning.com/profile/37vrpfxgzfdi8
<p>आदरणीय समर कबीर जी सादर नमस्कार, जी कर देता हूँ ,आपकी हौसलाअफजाई के लिए दिल से शुक्रिया </p>
<p>आदरणीय समर कबीर जी सादर नमस्कार, जी कर देता हूँ ,आपकी हौसलाअफजाई के लिए दिल से शुक्रिया </p> जनाब बसंत कुमार शर्मा जी आदाब…tag:openbooks.ning.com,2019-04-23:5170231:Comment:9816172019-04-23T09:56:31.088ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब बसंत कुमार शर्मा जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p></p>
<p><span>'वंजर जमीन दिल की’ हुई अब हरी-भरी'</span></p>
<p><span>इस मिसरे में 'वंजर' को "बंजर" कर लें ।</span></p>
<p>जनाब बसंत कुमार शर्मा जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
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<p><span>'वंजर जमीन दिल की’ हुई अब हरी-भरी'</span></p>
<p><span>इस मिसरे में 'वंजर' को "बंजर" कर लें ।</span></p>