Comments - एल.ओ.सी (लघुकथा) - Open Books Online2024-03-29T11:13:13Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A980879&xn_auth=noजीवन की आपाधापी में बहुत कुछ…tag:openbooks.ning.com,2019-05-10:5170231:Comment:9834982019-05-10T10:45:52.986ZNita Kasarhttp://openbooks.ning.com/profile/NitaKasar
<p>जीवन की आपाधापी में बहुत कुछ पीछे छूट जाता है वही अतीत आज बन जाता है।बधाई कथा के लिये आद० कल्पना भट्ट जी ।</p>
<p>जीवन की आपाधापी में बहुत कुछ पीछे छूट जाता है वही अतीत आज बन जाता है।बधाई कथा के लिये आद० कल्पना भट्ट जी ।</p> बहना कल्पना भट्ट रौनक़ जी आदाब…tag:openbooks.ning.com,2019-04-23:5170231:Comment:9815792019-04-23T09:38:22.535ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>बहना कल्पना भट्ट रौनक़ जी आदाब,अच्छी लघुकथा हुई है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>बहना कल्पना भट्ट रौनक़ जी आदाब,अच्छी लघुकथा हुई है,बधाई स्वीकार करें ।</p> आदाब। बहुत बढ़िया। हार्दिक बधा…tag:openbooks.ning.com,2019-04-19:5170231:Comment:9810692019-04-19T06:21:52.635ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>आदाब। बहुत बढ़िया। हार्दिक बधाई आदरणीया कल्पना भट्ट साहिबा।</p>
<p></p>
<p>मध्याह्न बारह.बजे वाले चरण में /करती थी/ --- /करता था/; /हो पाई/--/हो पाया/ .. कृपया देख लीजिएगा।</p>
<p>आदाब। बहुत बढ़िया। हार्दिक बधाई आदरणीया कल्पना भट्ट साहिबा।</p>
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<p>मध्याह्न बारह.बजे वाले चरण में /करती थी/ --- /करता था/; /हो पाई/--/हो पाया/ .. कृपया देख लीजिएगा।</p>