Comments - विवशतायें (लघुकथा) : - Open Books Online2024-03-28T18:39:21Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A980823&xn_auth=noआदाब। मेरी इस रचना पर भी समय…tag:openbooks.ning.com,2019-04-30:5170231:Comment:9833072019-04-30T13:14:19.123ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p><span>आदाब। मेरी इस रचना पर भी समय देकर अपनी राय से अवगत कराने और मुझे यूं प्रोत्साहित करने के लिए हार्दिक धन्यवाद आदरणीया नीता कसार साहिबा।</span></p>
<p><span>आदाब। मेरी इस रचना पर भी समय देकर अपनी राय से अवगत कराने और मुझे यूं प्रोत्साहित करने के लिए हार्दिक धन्यवाद आदरणीया नीता कसार साहिबा।</span></p> फिर कोई उपाय भी नही था जीवन ब…tag:openbooks.ning.com,2019-04-22:5170231:Comment:9816072019-04-22T10:43:33.805ZNita Kasarhttp://openbooks.ning.com/profile/NitaKasar
<p>फिर कोई उपाय भी नही था जीवन बचाने की विवशता थी ,आनलाइन,आफलाइन बस मूकदर्शक थे विवशता ऐसी भी ।बधाई कथा के लिये आद० शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी ।</p>
<p>फिर कोई उपाय भी नही था जीवन बचाने की विवशता थी ,आनलाइन,आफलाइन बस मूकदर्शक थे विवशता ऐसी भी ।बधाई कथा के लिये आद० शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी ।</p> आदाब। मेरी इस रचना के अवलोकन…tag:openbooks.ning.com,2019-04-19:5170231:Comment:9809972019-04-19T06:28:51.503ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p><span>आदाब। मेरी इस रचना के अवलोकन और प्रोत्साहक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय समर कबीर साहिब, आदरणीय तेजवीर सिंह साहिब और आदरणीय तस्दीक़ अहमद ख़ान साहिब।</span></p>
<p><span>आदाब। मेरी इस रचना के अवलोकन और प्रोत्साहक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय समर कबीर साहिब, आदरणीय तेजवीर सिंह साहिब और आदरणीय तस्दीक़ अहमद ख़ान साहिब।</span></p> हार्दिक बधाई आदरणीय शेख उस्मा…tag:openbooks.ning.com,2019-04-16:5170231:Comment:9807952019-04-16T14:10:40.037ZTEJ VEER SINGHhttp://openbooks.ning.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय शेख उस्मानी साहब जी।बेहतरीन लघुकथा।</p>
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय शेख उस्मानी साहब जी।बेहतरीन लघुकथा।</p> जनाब शहज़ाद उस्मानी साहिब आ द…tag:openbooks.ning.com,2019-04-16:5170231:Comment:9807912019-04-16T12:28:06.611ZTasdiq Ahmed Khanhttp://openbooks.ning.com/profile/TasdiqAhmedKhan
<p>जनाब शहज़ाद उस्मानी साहिब आ दाब, सीख देती उम्दा लघुकथा हुई है मुबारकबाद क़ुबुल फरमाएं l </p>
<p>जनाब शहज़ाद उस्मानी साहिब आ दाब, सीख देती उम्दा लघुकथा हुई है मुबारकबाद क़ुबुल फरमाएं l </p> जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदा…tag:openbooks.ning.com,2019-04-16:5170231:Comment:9809452019-04-16T09:29:59.758ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,अच्छी लघुकथा लिखी आपने,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,अच्छी लघुकथा लिखी आपने,बधाई स्वीकार करें ।</p>