Comments - 'बढ़ते क़दम' (संस्मरण/संवादात्मक शैली में) - Open Books Online2024-03-28T22:44:04Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A968375&xn_auth=noमेरी इस रचना पर समय देकर अनुम…tag:openbooks.ning.com,2019-01-09:5170231:Comment:9688442019-01-09T00:18:49.566ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>मेरी इस रचना पर समय देकर अनुमोदन, शुभकामनाओं, विचार साझा और हौसला अफ़ज़ाई हेतु तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब <a href="http://www.openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh" class="fn url">सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप'</a></p>
<p>साहिब और जनाब महेंद्र कुमार साहिब। </p>
<p>मेरी इस रचना पर समय देकर अनुमोदन, शुभकामनाओं, विचार साझा और हौसला अफ़ज़ाई हेतु तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब <a href="http://www.openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh" class="fn url">सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप'</a></p>
<p>साहिब और जनाब महेंद्र कुमार साहिब। </p> आदरणीय शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी.…tag:openbooks.ning.com,2019-01-07:5170231:Comment:9687592019-01-07T14:56:08.447ZMahendra Kumarhttp://openbooks.ning.com/profile/Mahendra
<p>आदरणीय शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी. बेहद ख़ुशी हुई आपका यह संस्मरण पढ़ कर. मेरी दुआ है कि ईश्वर आपकी सभी मनोकामनाएँ पूरी करे. मेरी तरफ़ से दिल से बधाई स्वीकार कीजिए. सादर.</p>
<p>आदरणीय शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी. बेहद ख़ुशी हुई आपका यह संस्मरण पढ़ कर. मेरी दुआ है कि ईश्वर आपकी सभी मनोकामनाएँ पूरी करे. मेरी तरफ़ से दिल से बधाई स्वीकार कीजिए. सादर.</p> आद0 शेख शहज़ाद उस्मानी साहब सा…tag:openbooks.ning.com,2019-01-07:5170231:Comment:9687362019-01-07T03:39:53.899Zनाथ सोनांचलीhttp://openbooks.ning.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 शेख शहज़ाद उस्मानी साहब सादर अभिवादन। बढ़िया संस्मरण लिखा आपने, पीढ़ियों के वैचारिक विभिन्नता को बढ़िया जगह दी आपने। कुछ रोचक तथ्य भी संवादों में आये। बधाई स्वीकार कीजिये</p>
<p>आद0 शेख शहज़ाद उस्मानी साहब सादर अभिवादन। बढ़िया संस्मरण लिखा आपने, पीढ़ियों के वैचारिक विभिन्नता को बढ़िया जगह दी आपने। कुछ रोचक तथ्य भी संवादों में आये। बधाई स्वीकार कीजिये</p>