Comments - तरही ग़ज़ल : साफ छुपते भी नहीं सामने आते भी नहीं - Open Books Online2024-03-28T12:52:03Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A946720&xn_auth=noआदरणीय रवि शुक्ल जी, शेर दर श…tag:openbooks.ning.com,2018-10-24:5170231:Comment:9578402018-10-24T17:24:22.983ZBalram Dhakarhttp://openbooks.ning.com/profile/BalramDhakar
<p>आदरणीय रवि शुक्ल जी, शेर दर शेर के साथ दिली मुबारक़बाद क़ुबूल फ़रमाएं। बहुत खूब ग़ज़ल हुई है।</p>
<p>सादर।</p>
<p>आदरणीय रवि शुक्ल जी, शेर दर शेर के साथ दिली मुबारक़बाद क़ुबूल फ़रमाएं। बहुत खूब ग़ज़ल हुई है।</p>
<p>सादर।</p> वाह वाह, उम्दा गजल आदरणीय रवि…tag:openbooks.ning.com,2018-10-11:5170231:Comment:9526002018-10-11T14:23:37.341Zसतविन्द्र कुमार राणाhttp://openbooks.ning.com/profile/28fn40mg3o5v9
<p style="text-align: right;">वाह वाह, उम्दा गजल आदरणीय रवि सर</p>
<p style="text-align: right;">वाह वाह, उम्दा गजल आदरणीय रवि सर</p> वाह आदरणीय शुक्ला जी बहुत ही…tag:openbooks.ning.com,2018-10-07:5170231:Comment:9523102018-10-07T09:53:31.127Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://openbooks.ning.com/profile/brijeshkumar
<p>वाह आदरणीय शुक्ला जी बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल कही है..</p>
<p>वाह आदरणीय शुक्ला जी बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल कही है..</p> आदरणीय रवि शुक्ल जी, आपकी ग़ज़ल…tag:openbooks.ning.com,2018-09-21:5170231:Comment:9495712018-09-21T09:00:38.211ZSaurabh Pandeyhttp://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीय रवि शुक्ल जी, आपकी ग़ज़ल के हर शेर पर दाद दे रहा हूँ. उपयुक्त सुझावों से शेर और निखर कर सामने आ रहे हैं. </p>
<p>शुभ-शुभ</p>
<p></p>
<p>आदरणीय रवि शुक्ल जी, आपकी ग़ज़ल के हर शेर पर दाद दे रहा हूँ. उपयुक्त सुझावों से शेर और निखर कर सामने आ रहे हैं. </p>
<p>शुभ-शुभ</p>
<p></p> आदरणीय बसंत कुमार जी ग़ज़ल पर…tag:openbooks.ning.com,2018-09-02:5170231:Comment:9478092018-09-02T18:09:11.902ZRavi Shuklahttp://openbooks.ning.com/profile/RaviShukla
<p>आदरणीय बसंत कुमार जी ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति से उत्साहित हूं आपका बहुत-बहुत धन्यवाद</p>
<p>आदरणीय बसंत कुमार जी ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति से उत्साहित हूं आपका बहुत-बहुत धन्यवाद</p> आदरणीय लक्ष्मण जी गजल की सराह…tag:openbooks.ning.com,2018-09-02:5170231:Comment:9476642018-09-02T18:08:40.191ZRavi Shuklahttp://openbooks.ning.com/profile/RaviShukla
<p>आदरणीय लक्ष्मण जी गजल की सराहना के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद</p>
<p>आदरणीय लक्ष्मण जी गजल की सराहना के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद</p> आदरणीय अजय तिवारी जी ग़ज़ल पर…tag:openbooks.ning.com,2018-09-02:5170231:Comment:9478082018-09-02T18:08:17.778ZRavi Shuklahttp://openbooks.ning.com/profile/RaviShukla
<p>आदरणीय अजय तिवारी जी ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति से बहुत खुशी हुई शेर आपको पसंद आया बहुत-बहुत धन्यवाद</p>
<p>आदरणीय अजय तिवारी जी ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति से बहुत खुशी हुई शेर आपको पसंद आया बहुत-बहुत धन्यवाद</p> आदरणीय समर साहब आदाब गजल को आ…tag:openbooks.ning.com,2018-09-02:5170231:Comment:9478072018-09-02T18:07:47.279ZRavi Shuklahttp://openbooks.ning.com/profile/RaviShukla
<p>आदरणीय समर साहब आदाब गजल को आपका आशीर्वाद मिला तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं दोनों शेर पर जो आपने इस्लाह दी उसे मूल प्रति में सही कर लिया है पुनः बहुत-बहुत धन्यवाद</p>
<p>आदरणीय समर साहब आदाब गजल को आपका आशीर्वाद मिला तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं दोनों शेर पर जो आपने इस्लाह दी उसे मूल प्रति में सही कर लिया है पुनः बहुत-बहुत धन्यवाद</p> आदरणीय सुरेंद्र नाथ जी ग़ज़ल…tag:openbooks.ning.com,2018-09-02:5170231:Comment:9477672018-09-02T18:06:25.718ZRavi Shuklahttp://openbooks.ning.com/profile/RaviShukla
<p>आदरणीय सुरेंद्र नाथ जी ग़ज़ल आपको पसंद आई इसकी सराहना के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद</p>
<p>आदरणीय सुरेंद्र नाथ जी ग़ज़ल आपको पसंद आई इसकी सराहना के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद</p> आदरणीय सत्यम जी ग़ज़ल पर आपकी…tag:openbooks.ning.com,2018-09-02:5170231:Comment:9475882018-09-02T18:05:53.358ZRavi Shuklahttp://openbooks.ning.com/profile/RaviShukla
<p>आदरणीय सत्यम जी ग़ज़ल पर आपकी सराहना का बहुत-बहुत धन्यवाद</p>
<p>आदरणीय सत्यम जी ग़ज़ल पर आपकी सराहना का बहुत-बहुत धन्यवाद</p>