Comments - "फीका तिलक, मीठी राखियां" (लघुकथा) - Open Books Online2024-03-28T12:15:51Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A946251&xn_auth=noमेरी इस ब्लॉग पोस्ट पर उपस्थि…tag:openbooks.ning.com,2018-09-13:5170231:Comment:9484572018-09-13T15:12:30.180ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>मेरी इस ब्लॉग पोस्ट पर उपस्थित होकर, समय देकर अपनी राय सांझा करने और मेरी हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरमा <strong>अपर्णा शर्मा</strong> साहिबा मुहतरम जनाब <a class="fn url" href="http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami">लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'</a> साहिब, जनाब <strong>विजय निकोरे</strong> साहिब, मुहतरम आशीष यादव साहिब, जनाब <em><strong>समर कबीर</strong></em> साहिब और जनाब <b><span> …</span></b></p>
<p>मेरी इस ब्लॉग पोस्ट पर उपस्थित होकर, समय देकर अपनी राय सांझा करने और मेरी हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरमा <strong>अपर्णा शर्मा</strong> साहिबा मुहतरम जनाब <a href="http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami" class="fn url">लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'</a> साहिब, जनाब <strong>विजय निकोरे</strong> साहिब, मुहतरम आशीष यादव साहिब, जनाब <em><strong>समर कबीर</strong></em> साहिब और जनाब <b><span> </span><a href="http://www.openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh" class="fn url">सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप'</a><span> साहिब।</span></b></p> हार्दिक बधाई आदरणीय शेख उस्मा…tag:openbooks.ning.com,2018-08-28:5170231:Comment:9463982018-08-28T08:45:09.520ZTEJ VEER SINGHhttp://openbooks.ning.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय शेख उस्मानी जी। बेहतरीन लघुकथा।</p>
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय शेख उस्मानी जी। बेहतरीन लघुकथा।</p> जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदा…tag:openbooks.ning.com,2018-08-27:5170231:Comment:9465292018-08-27T12:58:31.194ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,अच्छा पैग़ाम देती उम्दा लघुकथा लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,अच्छा पैग़ाम देती उम्दा लघुकथा लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p> भाईचारे का संदेश देती अच्छी ल…tag:openbooks.ning.com,2018-08-27:5170231:Comment:9463652018-08-27T10:03:43.490ZArpana Sharmahttp://openbooks.ning.com/profile/ArpanaSharma
<p>भाईचारे का संदेश देती अच्छी लघुकथा रची है। </p>
<p>रक्षाबंधन पर्व की बधाई।</p>
<p>भाईचारे का संदेश देती अच्छी लघुकथा रची है। </p>
<p>रक्षाबंधन पर्व की बधाई।</p> लघुकथा आपकी ज़मीन है, लघुकथा प…tag:openbooks.ning.com,2018-08-27:5170231:Comment:9463592018-08-27T08:50:55.204Zvijay nikorehttp://openbooks.ning.com/profile/vijaynikore
<p>लघुकथा आपकी ज़मीन है, लघुकथा पर आपका अधिकार है.... एक के बाद एक इतनी अच्छी लघुकथा आनन्द देती है। हार्दिक बधाई , आदरणीय शेख उस्मानी जी।</p>
<p>लघुकथा आपकी ज़मीन है, लघुकथा पर आपका अधिकार है.... एक के बाद एक इतनी अच्छी लघुकथा आनन्द देती है। हार्दिक बधाई , आदरणीय शेख उस्मानी जी।</p> आद0 शेख शहज़ाद उस्मानी जी सादर…tag:openbooks.ning.com,2018-08-27:5170231:Comment:9464162018-08-27T08:32:40.198Zनाथ सोनांचलीhttp://openbooks.ning.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 शेख शहज़ाद उस्मानी जी सादर अभिवादन। बढ़िया भाई बंधुत्व का संदेश देती लघुकथा लिखी आपने। मैं बनारस से हूँ जहाँ की गंगा जमुनी तहजीब हमें यहीं सिखाती है। यहाँ शिवालय में घण्टा और मस्जिद का अजान एक साथ सुनकर दिव्य अनुभूति होती है। बधाई स्वीकार कीजिये</p>
<p>आद0 शेख शहज़ाद उस्मानी जी सादर अभिवादन। बढ़िया भाई बंधुत्व का संदेश देती लघुकथा लिखी आपने। मैं बनारस से हूँ जहाँ की गंगा जमुनी तहजीब हमें यहीं सिखाती है। यहाँ शिवालय में घण्टा और मस्जिद का अजान एक साथ सुनकर दिव्य अनुभूति होती है। बधाई स्वीकार कीजिये</p> बहुत बेहतरीन कथा हुयी है । बह…tag:openbooks.ning.com,2018-08-27:5170231:Comment:9463462018-08-27T04:46:34.962Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>बहुत बेहतरीन कथा हुयी है । बहुत बहुत बधाई ।</p>
<p>बहुत बेहतरीन कथा हुयी है । बहुत बहुत बधाई ।</p>