Comments - नवगीत- यही सोचता रहा घड़ा - Open Books Online2024-03-28T14:27:55Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A943253&xn_auth=noहृदय से आभार आदरणीय आपकी मनभा…tag:openbooks.ning.com,2018-08-05:5170231:Comment:9431882018-08-05T06:34:02.359Zबसंत कुमार शर्माhttp://openbooks.ning.com/profile/37vrpfxgzfdi8
<p>हृदय से आभार आदरणीय आपकी मनभावन प्रतिक्रिया का , मैंने तो अभी अभी लिखना शुरू किया है, अभी मार्गदर्शन देने की स्थिति में तो बिलकुल नहीं , हाँ नेट पर नवगीत के बारे में प्रचुर साहित्य उपलब्ध हैं.</p>
<p>आप तो स्वयं बहुत अच्छा लिखते हैं विधा कोई भी हो बात दिल से दिल तक जानी चाहिये बस ऐसा मानना है मेरा. स्वागत एवं सादर नमन </p>
<p>हृदय से आभार आदरणीय आपकी मनभावन प्रतिक्रिया का , मैंने तो अभी अभी लिखना शुरू किया है, अभी मार्गदर्शन देने की स्थिति में तो बिलकुल नहीं , हाँ नेट पर नवगीत के बारे में प्रचुर साहित्य उपलब्ध हैं.</p>
<p>आप तो स्वयं बहुत अच्छा लिखते हैं विधा कोई भी हो बात दिल से दिल तक जानी चाहिये बस ऐसा मानना है मेरा. स्वागत एवं सादर नमन </p> आदरणीय बसंत कुमार जी आदाब,
…tag:openbooks.ning.com,2018-08-03:5170231:Comment:9430712018-08-03T15:30:13.082ZMohammed Arifhttp://openbooks.ning.com/profile/MohammedArif
<p>आदरणीय बसंत कुमार जी आदाब,</p>
<p> बहुत ही लाजवाब गीत । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p> नोट:- नवगीत लेखन का मैं भी इच्छुक हूँ । कृपया इसके विधान के बारे में विस्तृत मार्गदर्शन दें ।</p>
<p>आदरणीय बसंत कुमार जी आदाब,</p>
<p> बहुत ही लाजवाब गीत । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p> नोट:- नवगीत लेखन का मैं भी इच्छुक हूँ । कृपया इसके विधान के बारे में विस्तृत मार्गदर्शन दें ।</p>