Comments - ग़ज़ल (क्या ख़ता कोई रशके क़मर हो गई) - Open Books Online2024-03-29T06:55:44Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A942308&xn_auth=noमुहतरम जनाब विजय निको रे साहि…tag:openbooks.ning.com,2018-08-01:5170231:Comment:9431232018-08-01T17:35:19.789ZTasdiq Ahmed Khanhttp://openbooks.ning.com/profile/TasdiqAhmedKhan
<p>मुहतरम जनाब विजय निको रे साहिब, ग़ज़ल पर आपकी खूबसूरत प्रतिक्रिया और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया I </p>
<p>मुहतरम जनाब विजय निको रे साहिब, ग़ज़ल पर आपकी खूबसूरत प्रतिक्रिया और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया I </p> हर शेर के लिए दाद देता हूँ...…tag:openbooks.ning.com,2018-08-01:5170231:Comment:9430142018-08-01T08:51:32.988Zvijay nikorehttp://openbooks.ning.com/profile/vijaynikore
<p>हर शेर के लिए दाद देता हूँ....</p>
<p>खासकर यह...</p>
<p>//<span>ग़म तबाही का तुमको नहीं है अगर</span><br/><span>आँख क्यूँ देख कर मुझको तर हो गई //</span></p>
<p><span>दिल से बधाई , जनाब तस्दीक़ अहमद साहिब।</span></p>
<p>हर शेर के लिए दाद देता हूँ....</p>
<p>खासकर यह...</p>
<p>//<span>ग़म तबाही का तुमको नहीं है अगर</span><br/><span>आँख क्यूँ देख कर मुझको तर हो गई //</span></p>
<p><span>दिल से बधाई , जनाब तस्दीक़ अहमद साहिब।</span></p> जनाब नवीन साहिब , ग़ज़ल पर आ…tag:openbooks.ning.com,2018-07-31:5170231:Comment:9426762018-07-31T16:44:30.401ZTasdiq Ahmed Khanhttp://openbooks.ning.com/profile/TasdiqAhmedKhan
<p>जनाब नवीन साहिब , ग़ज़ल पर आपकी सुंदर प्रतिक्रिया और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया I </p>
<p>जनाब नवीन साहिब , ग़ज़ल पर आपकी सुंदर प्रतिक्रिया और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया I </p> मुहतरम जनाब समर साहिब आ दाब,…tag:openbooks.ning.com,2018-07-31:5170231:Comment:9428712018-07-31T16:44:00.039ZTasdiq Ahmed Khanhttp://openbooks.ning.com/profile/TasdiqAhmedKhan
<p>मुहतरम जनाब समर साहिब आ दाब, ग़ज़ल पर आपकी खूबसूरत प्रतिक्रिया और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया I </p>
<p>मुहतरम जनाब समर साहिब आ दाब, ग़ज़ल पर आपकी खूबसूरत प्रतिक्रिया और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया I </p> जनाब shyam नारायण साहिब, ग़ज़…tag:openbooks.ning.com,2018-07-31:5170231:Comment:9429382018-07-31T16:43:15.138ZTasdiq Ahmed Khanhttp://openbooks.ning.com/profile/TasdiqAhmedKhan
<p>जनाब shyam नारायण साहिब, ग़ज़ल में आपकी शिर्कत और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया I </p>
<p>जनाब shyam नारायण साहिब, ग़ज़ल में आपकी शिर्कत और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया I </p> जनाब सुशील सरना साहिब, ग़ज़ल…tag:openbooks.ning.com,2018-07-31:5170231:Comment:9427722018-07-31T16:42:32.812ZTasdiq Ahmed Khanhttp://openbooks.ning.com/profile/TasdiqAhmedKhan
<p>जनाब सुशील सरना साहिब, ग़ज़ल पसंद करने और आपकी हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया I </p>
<p>जनाब सुशील सरना साहिब, ग़ज़ल पसंद करने और आपकी हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया I </p> बदगुमानी इसी बात पर हो गयी …tag:openbooks.ning.com,2018-07-31:5170231:Comment:9428502018-07-31T16:12:10.345ZNaveen Mani Tripathihttp://openbooks.ning.com/profile/NaveenManiTripathi
<p>बदगुमानी इसी बात पर हो गयी </p>
<p>आ0 तस्दीक अहमद साहब बहुत खूब ग़ज़ल हुई बधाई स्वीकार करें </p>
<p>बदगुमानी इसी बात पर हो गयी </p>
<p>आ0 तस्दीक अहमद साहब बहुत खूब ग़ज़ल हुई बधाई स्वीकार करें </p> जनाब तस्दीक़ अहमद साहिब आदाब,ब…tag:openbooks.ning.com,2018-07-31:5170231:Comment:9427262018-07-31T13:09:30.691ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब तस्दीक़ अहमद साहिब आदाब,बहुत उम्दा ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।</p>
<p>जनाब तस्दीक़ अहमद साहिब आदाब,बहुत उम्दा ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।</p> बेहद उम्दा ...बहुत बहुत बधाई…tag:openbooks.ning.com,2018-07-31:5170231:Comment:9425802018-07-31T12:05:40.942ZShyam Narain Vermahttp://openbooks.ning.com/profile/ShyamNarainVerma
<table width="576">
<tbody><tr><td width="576">बेहद उम्दा ...बहुत बहुत बधाई आप को आदरणीय | सादर </td>
</tr>
</tbody>
</table>
<table width="576">
<tbody><tr><td width="576">बेहद उम्दा ...बहुत बहुत बधाई आप को आदरणीय | सादर </td>
</tr>
</tbody>
</table> वाह आदरणीय वाह बहुत ही खूबसूर…tag:openbooks.ning.com,2018-07-31:5170231:Comment:9426182018-07-31T09:55:06.209ZSushil Sarnahttp://openbooks.ning.com/profile/SushilSarna
<p>वाह आदरणीय वाह बहुत ही खूबसूरत अहसासों को पिरोया है आपने इस बेहतरीन ग़ज़ल में। हार्दिक बधाई।</p>
<p>वाह आदरणीय वाह बहुत ही खूबसूरत अहसासों को पिरोया है आपने इस बेहतरीन ग़ज़ल में। हार्दिक बधाई।</p>