Comments - बलि (लघुकथा) - Open Books Online2024-03-29T09:57:00Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A935132&xn_auth=noवाह आदरणीय क्या ही शानदार लघु…tag:openbooks.ning.com,2018-06-22:5170231:Comment:9355292018-06-22T05:58:23.421Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://openbooks.ning.com/profile/brijeshkumar
<p>वाह आदरणीय क्या ही शानदार लघु कथा लिखी है...ये बहुत ही विकराल समस्या है स्पेशली हिन्दू धर्म में जहाँ एक बार शादी के बाद उसे तोडना पाप की तरह देखा जाता जाता है..जीवन में कई गलत निर्णय हो जाते हैं उनमे सुधार किया जाना चाहिए...लेकिन माफ़ी के साथ कहना चाहता हूँ आखरी पंक्ति खटक रही है मुझे...</p>
<p>वाह आदरणीय क्या ही शानदार लघु कथा लिखी है...ये बहुत ही विकराल समस्या है स्पेशली हिन्दू धर्म में जहाँ एक बार शादी के बाद उसे तोडना पाप की तरह देखा जाता जाता है..जीवन में कई गलत निर्णय हो जाते हैं उनमे सुधार किया जाना चाहिए...लेकिन माफ़ी के साथ कहना चाहता हूँ आखरी पंक्ति खटक रही है मुझे...</p> आदरणीय महेन्द्र जी एक सामाजिक…tag:openbooks.ning.com,2018-06-21:5170231:Comment:9354322018-06-21T07:50:31.039ZSushil Sarnahttp://openbooks.ning.com/profile/SushilSarna
<p>आदरणीय महेन्द्र जी एक सामाजिक विषय पर मार्मिक लघु कथा। इस मार्मिक और संदेशप्रद प्रस्तुति के लिए हार्दिकबधाई।</p>
<p>आदरणीय महेन्द्र जी एक सामाजिक विषय पर मार्मिक लघु कथा। इस मार्मिक और संदेशप्रद प्रस्तुति के लिए हार्दिकबधाई।</p> विवाहोपरांत प्रताड़ित लडकियों…tag:openbooks.ning.com,2018-06-21:5170231:Comment:9351982018-06-21T06:50:36.273Zbabitaguptahttp://openbooks.ning.com/profile/babitagupta631
<p>विवाहोपरांत प्रताड़ित लडकियों की मायके वालो के उसके प्रति नजरिये को हालाते वयां करती बेहतरीन लघुकथा,हार्दिक बधाई आदरणीय सर जी .</p>
<p>विवाहोपरांत प्रताड़ित लडकियों की मायके वालो के उसके प्रति नजरिये को हालाते वयां करती बेहतरीन लघुकथा,हार्दिक बधाई आदरणीय सर जी .</p> आदरणीय महेंद्र कुमार जी, नमस…tag:openbooks.ning.com,2018-06-21:5170231:Comment:9351942018-06-21T05:59:31.356ZNeelam Upadhyayahttp://openbooks.ning.com/profile/NeelamUpadhyaya
<p>आदरणीय महेंद्र कुमार जी, नमस्कार। बहुत ही अच्छी और अत्यंत हृदयस्पर्शी लघुकथा । प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें। </p>
<p>आदरणीय महेंद्र कुमार जी, नमस्कार। बहुत ही अच्छी और अत्यंत हृदयस्पर्शी लघुकथा । प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें। </p> प्रभापूर्ण सुंदर लघु कथा के…tag:openbooks.ning.com,2018-06-21:5170231:Comment:9353512018-06-21T05:36:47.226ZShyam Narain Vermahttp://openbooks.ning.com/profile/ShyamNarainVerma
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<tbody><tr><td width="576"> प्रभापूर्ण सुंदर लघु कथा के लिए बधाई </td>
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<p>जनाब महेन्द्र कुमार जी आदाब, आपकी लघुकथाएँ हमेशा मुझे पसन्द आती हैं,ये लघुकथा भी उसी श्रेणी की है, बहुत ख़ूब, इस प्रस्तुति पर दिल से बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब महेन्द्र कुमार जी आदाब, आपकी लघुकथाएँ हमेशा मुझे पसन्द आती हैं,ये लघुकथा भी उसी श्रेणी की है, बहुत ख़ूब, इस प्रस्तुति पर दिल से बधाई स्वीकार करें ।</p>