Comments - पानी-पानी ... - Open Books Online2024-03-28T11:59:41Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A922049&xn_auth=noआदरणीया Neelam Upadhyaya जी…tag:openbooks.ning.com,2018-04-03:5170231:Comment:9231782018-04-03T14:57:18.642ZSushil Sarnahttp://openbooks.ning.com/profile/SushilSarna
<p><span>आदरणीया <a href="http://www.openbooksonline.com/profile/NeelamUpadhyaya" class="fn url">Neelam Upadhyaya</a> जी सृजन अपनी वाह से प्रशंसित करने का दिल से आभार। </span></p>
<p><span>आदरणीया <a href="http://www.openbooksonline.com/profile/NeelamUpadhyaya" class="fn url">Neelam Upadhyaya</a> जी सृजन अपनी वाह से प्रशंसित करने का दिल से आभार। </span></p> आदरणीय सुशील जी, बहुत ही प्र…tag:openbooks.ning.com,2018-04-03:5170231:Comment:9234692018-04-03T10:58:49.416ZNeelam Upadhyayahttp://openbooks.ning.com/profile/NeelamUpadhyaya
<p>आदरणीय सुशील जी, बहुत ही प्रभावशाली रचना । प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई ।</p>
<p>आदरणीय सुशील जी, बहुत ही प्रभावशाली रचना । प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई ।</p> आदरणीय अजय \तिवारी जी सृजन आप…tag:openbooks.ning.com,2018-04-03:5170231:Comment:9234032018-04-03T10:30:22.909ZSushil Sarnahttp://openbooks.ning.com/profile/SushilSarna
<p>आदरणीय अजय \तिवारी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया का आभारी है।</p>
<p>आदरणीय अजय \तिवारी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया का आभारी है।</p> आदरणीय समर कबीर साहिब आदाब ..…tag:openbooks.ning.com,2018-04-03:5170231:Comment:9232612018-04-03T10:30:17.901ZSushil Sarnahttp://openbooks.ning.com/profile/SushilSarna
<p>आदरणीय समर कबीर साहिब आदाब .... प्रस्तुति के भावों को मान देने का दिल से आभार। <br/><br/></p>
<p>आदरणीय समर कबीर साहिब आदाब .... प्रस्तुति के भावों को मान देने का दिल से आभार। <br/><br/></p> आदरणीय शेख़ शहज़ाद उस्मानी साहि…tag:openbooks.ning.com,2018-04-03:5170231:Comment:9232602018-04-03T10:30:05.611ZSushil Sarnahttp://openbooks.ning.com/profile/SushilSarna
<p>आदरणीय शेख़ शहज़ाद उस्मानी साहिब , आदाब। ... सृजन की काव्यात्मक प्रशंसा का दिल से शुक्रिया। <br/><br/></p>
<p>आदरणीय शेख़ शहज़ाद उस्मानी साहिब , आदाब। ... सृजन की काव्यात्मक प्रशंसा का दिल से शुक्रिया। <br/><br/></p> आदरणीया कल्पना भट्ट जी सृजन अ…tag:openbooks.ning.com,2018-04-03:5170231:Comment:9234022018-04-03T10:29:48.042ZSushil Sarnahttp://openbooks.ning.com/profile/SushilSarna
<p>आदरणीया कल्पना भट्ट जी सृजन अपनी वाह से प्रशंसित करने का दिल से आभार। <br/><br/></p>
<p>आदरणीया कल्पना भट्ट जी सृजन अपनी वाह से प्रशंसित करने का दिल से आभार। <br/><br/></p> आदरणीय सुशील जी, इस प्रभावशा…tag:openbooks.ning.com,2018-04-01:5170231:Comment:9227062018-04-01T12:12:34.908ZAjay Tiwarihttp://openbooks.ning.com/profile/AjayTiwari
<p>आदरणीय सुशील जी, इस प्रभावशाली काव्य-प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई.</p>
<p>इसका सघन नियंत्रित शिल्प बहुत अच्छा लगा.</p>
<p>सादर </p>
<p>आदरणीय सुशील जी, इस प्रभावशाली काव्य-प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई.</p>
<p>इसका सघन नियंत्रित शिल्प बहुत अच्छा लगा.</p>
<p>सादर </p> जनाब सुशील सरना जी आदाब,कम शब…tag:openbooks.ning.com,2018-03-31:5170231:Comment:9225962018-03-31T12:27:27.988ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब सुशील सरना जी आदाब,कम शब्दों में बहुत उम्दा कविता,बहुत ख़ूब, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब सुशील सरना जी आदाब,कम शब्दों में बहुत उम्दा कविता,बहुत ख़ूब, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p> बहुत ही महत्वपूर्ण व सारगर्भि…tag:openbooks.ning.com,2018-03-31:5170231:Comment:9222872018-03-31T03:31:49.702ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>बहुत ही महत्वपूर्ण व सारगर्भित क्षणिका सृजन के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद मुहतरम जनाब सुशील सरना जी।</p>
<p>कुछ मेरी पंक्तियां यूं ही :</p>
<p></p>
<p>जब</p>
<p>ख़ून</p>
<p>काम आता है</p>
<p>अपने या</p>
<p>अपने जैसे ख़ून के</p>
<p>ख़ून</p>
<p>कर देता है</p>
<p>दुश्मनी, नाइत्तेफाकी का।</p>
<p></p>
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<p>बहुत ही महत्वपूर्ण व सारगर्भित क्षणिका सृजन के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद मुहतरम जनाब सुशील सरना जी।</p>
<p>कुछ मेरी पंक्तियां यूं ही :</p>
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<p>जब</p>
<p>ख़ून</p>
<p>काम आता है</p>
<p>अपने या</p>
<p>अपने जैसे ख़ून के</p>
<p>ख़ून</p>
<p>कर देता है</p>
<p>दुश्मनी, नाइत्तेफाकी का।</p>
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<p></p> वाह! सुंदर और सार्थक रचना हुई…tag:openbooks.ning.com,2018-03-30:5170231:Comment:9223532018-03-30T13:17:52.097ZKALPANA BHATT ('रौनक़')http://openbooks.ning.com/profile/KALPANABHATT832
<p>वाह! सुंदर और सार्थक रचना हुई है आदरणीय सुशिल सरना जी | हार्दिक बधाई स्वीकारें |</p>
<p>वाह! सुंदर और सार्थक रचना हुई है आदरणीय सुशिल सरना जी | हार्दिक बधाई स्वीकारें |</p>