Comments - ग़ज़ल "एक दिन मिल जायेगा सब ख़ाक में" - Open Books Online2024-03-29T16:00:52Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A921944&xn_auth=noबहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है भाई, बध…tag:openbooks.ning.com,2018-04-11:5170231:Comment:9243852018-04-11T16:06:21.493ZNilesh Shevgaonkarhttp://openbooks.ning.com/profile/NileshShevgaonkar
<p>बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है भाई, बधाई </p>
<p>बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है भाई, बधाई </p> आदरणीय अजय तिवारी साहब सादर न…tag:openbooks.ning.com,2018-04-11:5170231:Comment:9243842018-04-11T15:56:26.408Zsurender insanhttp://openbooks.ning.com/profile/surenderinsan
<p>आदरणीय अजय तिवारी साहब सादर नमन जी। इस बेहद सार्थक टिप्पणी के लिये बहुत बहुत शुक्रिया जी। ओस पर विचार करूँगा जी।</p>
<p>आदरणीय अजय तिवारी साहब सादर नमन जी। इस बेहद सार्थक टिप्पणी के लिये बहुत बहुत शुक्रिया जी। ओस पर विचार करूँगा जी।</p>
आदरणीय तेजवीर सिंह जी साद…tag:openbooks.ning.com,2018-04-11:5170231:Comment:9245582018-04-11T15:51:17.143Zsurender insanhttp://openbooks.ning.com/profile/surenderinsan
<p> </p>
<p><span>आदरणीय तेजवीर सिंह जी</span> सादर नमन जी। बहुत बहुत शुक्रिया और आभार जी। </p>
<p> </p>
<p><span>आदरणीय तेजवीर सिंह जी</span> सादर नमन जी। बहुत बहुत शुक्रिया और आभार जी। </p> आ. भाई नवीन जी, अच्छी गजल हुई…tag:openbooks.ning.com,2018-04-01:5170231:Comment:9227012018-04-01T11:11:35.682Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई नवीन जी, अच्छी गजल हुई है हार्दिक बधाई ।</p>
<p>आ. भाई नवीन जी, अच्छी गजल हुई है हार्दिक बधाई ।</p> बढ़िया रचना के लिए ह्रदय से बध…tag:openbooks.ning.com,2018-03-30:5170231:Comment:9222332018-03-30T08:59:12.887ZDr Ashutosh Mishrahttp://openbooks.ning.com/profile/DrAshutoshMishra
<p>बढ़िया रचना के लिए ह्रदय से बधाई आदरणीय सादर </p>
<p>बढ़िया रचना के लिए ह्रदय से बधाई आदरणीय सादर </p> अच्छी ग़ज़ल कही आदरणीय..tag:openbooks.ning.com,2018-03-29:5170231:Comment:9219902018-03-29T15:15:15.813Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://openbooks.ning.com/profile/brijeshkumar
<p>अच्छी ग़ज़ल कही आदरणीय..</p>
<p>अच्छी ग़ज़ल कही आदरणीय..</p> आदरणीय सुरेन्द्र जी, अच्छी ग़ज़…tag:openbooks.ning.com,2018-03-29:5170231:Comment:9221692018-03-29T12:04:06.284ZAjay Tiwarihttp://openbooks.ning.com/profile/AjayTiwari
<p>आदरणीय सुरेन्द्र जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है.हार्दिक बधाई.</p>
<p>जैसे गैर जरूरी शब्द शेर को कमजोर करते है वैसे ही गैर जरूरी शेर ग़ज़ल को कमजोर करते है. पांचवे शेर पर इस नज़रिए से सोचियेगा. काफिये के बारे में आदरणीय समर साहब कह चुके हैं.</p>
<p>सादर </p>
<p>आदरणीय सुरेन्द्र जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है.हार्दिक बधाई.</p>
<p>जैसे गैर जरूरी शब्द शेर को कमजोर करते है वैसे ही गैर जरूरी शेर ग़ज़ल को कमजोर करते है. पांचवे शेर पर इस नज़रिए से सोचियेगा. काफिये के बारे में आदरणीय समर साहब कह चुके हैं.</p>
<p>सादर </p> हार्दिक बधाई आदरणीय सुरेन्द्र…tag:openbooks.ning.com,2018-03-29:5170231:Comment:9219672018-03-29T05:35:50.307ZTEJ VEER SINGHhttp://openbooks.ning.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय सुरेन्द्र जी। बेहतरीन गज़ल।</p>
<p><span>बस यही ख्वाहिश रही "इंसान" की।</span><br/><span>वो बिखर जाए वतन की ख़ाक में।।</span></p>
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय सुरेन्द्र जी। बेहतरीन गज़ल।</p>
<p><span>बस यही ख्वाहिश रही "इंसान" की।</span><br/><span>वो बिखर जाए वतन की ख़ाक में।।</span></p> जी सुरेन्द्र भाई आदरणीय समर स…tag:openbooks.ning.com,2018-03-29:5170231:Comment:9220442018-03-29T04:16:46.063Zsurender insanhttp://openbooks.ning.com/profile/surenderinsan
<p>जी सुरेन्द्र भाई आदरणीय समर साहब की टिप्पणी का तो इंतजार रहता है । उसे अपनी तरफ से दरुस्त किया है।ग़ज़ल को पसंद करने और हौसला अफजाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया आपका।</p>
<p>जी सुरेन्द्र भाई आदरणीय समर साहब की टिप्पणी का तो इंतजार रहता है । उसे अपनी तरफ से दरुस्त किया है।ग़ज़ल को पसंद करने और हौसला अफजाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया आपका।</p> आद0 सुरेन्दर इंसान जी सादर अभ…tag:openbooks.ning.com,2018-03-29:5170231:Comment:9218722018-03-29T02:57:07.234Zनाथ सोनांचलीhttp://openbooks.ning.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 सुरेन्दर इंसान जी सादर अभिवादन। बढिया ग़ज़ल कही आपने। शैर दर शैर बधाई कुबूल करें।</p>
<p>आली जनाब आद0 समर साहब की बातों को संज्ञान लीजियेगा। सादर</p>
<p></p>
<p>आद0 सुरेन्दर इंसान जी सादर अभिवादन। बढिया ग़ज़ल कही आपने। शैर दर शैर बधाई कुबूल करें।</p>
<p>आली जनाब आद0 समर साहब की बातों को संज्ञान लीजियेगा। सादर</p>
<p></p>