Comments - गज़ल - Open Books Online2024-03-28T14:13:44Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A921841&xn_auth=noअच्छी ग़ज़ल कही आदरणीय त्रिपाठी…tag:openbooks.ning.com,2018-03-29:5170231:Comment:9220592018-03-29T15:17:45.771Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://openbooks.ning.com/profile/brijeshkumar
<p>अच्छी ग़ज़ल कही आदरणीय त्रिपाठी जी..</p>
<p>अच्छी ग़ज़ल कही आदरणीय त्रिपाठी जी..</p> हार्दिक बधाई आदरणीय नवीन जी।…tag:openbooks.ning.com,2018-03-29:5170231:Comment:9221552018-03-29T05:42:41.258ZTEJ VEER SINGHhttp://openbooks.ning.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय नवीन जी। बेहतरीन गज़ल।</p>
<p><span>मेरे अहसास का अंदाज तुझको है कहाँ साकी ।</span><br/><span>अगर तू है तो ये दुनियाँ सलामत देख लेते हैं ।।6</span></p>
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय नवीन जी। बेहतरीन गज़ल।</p>
<p><span>मेरे अहसास का अंदाज तुझको है कहाँ साकी ।</span><br/><span>अगर तू है तो ये दुनियाँ सलामत देख लेते हैं ।।6</span></p> आ0 कबीर सर सादर नमन के साथ हा…tag:openbooks.ning.com,2018-03-28:5170231:Comment:9218602018-03-28T16:34:55.990ZNaveen Mani Tripathihttp://openbooks.ning.com/profile/NaveenManiTripathi
<p>आ0 कबीर सर सादर नमन के साथ हार्दिक आभार ।</p>
<p>आ0 कबीर सर सादर नमन के साथ हार्दिक आभार ।</p> जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदा…tag:openbooks.ning.com,2018-03-28:5170231:Comment:9218572018-03-28T16:32:25.629ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>8वें शैर के सानी मिसरे में,'रियाया' ग़लत है,सही शब्द है "रिआया" ,इसी तरह 'रियायत' ग़लत है,सही शब्द है "रिआयत" देखियेगा ।</p>
<p>जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>8वें शैर के सानी मिसरे में,'रियाया' ग़लत है,सही शब्द है "रिआया" ,इसी तरह 'रियायत' ग़लत है,सही शब्द है "रिआयत" देखियेगा ।</p> आ0 मुहम्मद आरिफ़ साहब हार्दिक…tag:openbooks.ning.com,2018-03-28:5170231:Comment:9219522018-03-28T15:11:16.021ZNaveen Mani Tripathihttp://openbooks.ning.com/profile/NaveenManiTripathi
<p>आ0 मुहम्मद आरिफ़ साहब हार्दिक आभार ।</p>
<p>आ0 मुहम्मद आरिफ़ साहब हार्दिक आभार ।</p> भाई सुरेंद्र इंसान जी सप्रेम…tag:openbooks.ning.com,2018-03-28:5170231:Comment:9219502018-03-28T15:10:11.271ZNaveen Mani Tripathihttp://openbooks.ning.com/profile/NaveenManiTripathi
<p>भाई सुरेंद्र इंसान जी सप्रेम नमन । आपको ओबीओ में देख कर बहुत खुशी हुई । आ0 समर कबीर साहब के निर्देशन में लिखने की कोशिश करता रहता हूँ । अभी तो बहुत कुछ सीखना बाकी है । रचना तक आने के लिए एक बार पुनः धन्यवाद ।</p>
<p>भाई सुरेंद्र इंसान जी सप्रेम नमन । आपको ओबीओ में देख कर बहुत खुशी हुई । आ0 समर कबीर साहब के निर्देशन में लिखने की कोशिश करता रहता हूँ । अभी तो बहुत कुछ सीखना बाकी है । रचना तक आने के लिए एक बार पुनः धन्यवाद ।</p> आदरणीय नवीन मणि त्रिपाठी जी स…tag:openbooks.ning.com,2018-03-28:5170231:Comment:9218452018-03-28T13:53:32.272Zsurender insanhttp://openbooks.ning.com/profile/surenderinsan
<p>आदरणीय नवीन मणि त्रिपाठी जी सादर नमन। ग़ज़ल का बेहतरीन प्रयास हुआ है ।दिली दाद कबूल करे जी।</p>
<p>आदरणीय नवीन मणि त्रिपाठी जी सादर नमन। ग़ज़ल का बेहतरीन प्रयास हुआ है ।दिली दाद कबूल करे जी।</p> मेरे अहसास का अंदाज तुझको है…tag:openbooks.ning.com,2018-03-28:5170231:Comment:9219462018-03-28T12:06:59.566ZMohammed Arifhttp://openbooks.ning.com/profile/MohammedArif
<p><span>मेरे अहसास का अंदाज तुझको है कहाँ साकी ।</span><br/><span>अगर तू है तो ये दुनियाँ सलामत देख लेते हैं । वाह!वाह!! बहुत.ही उम्दा शे'र लगा ।</span></p>
<p><span> एक शानदार ग़ज़ल के लिए दिली मुबारकबाद क़ुबूल कीजिए आदरणीय नवीन मणि त्रिपाठी जी ।</span></p>
<p><span> कुछ वर्तनी पर ध्यान दिलाना चाहूँगा जैसे:- बाकी/बाक़ी , जुल्मो/ज़ुल्मों , कयामत/क़यामत ,खबर/ख़बर , जमाने/ज़माने , अंदाज/अंदाज़ , नजरों/नज़रों, गुजरे/गज़रे , मजबूरी/मज़बूरी आदि ।</span></p>
<p><span>मेरे अहसास का अंदाज तुझको है कहाँ साकी ।</span><br/><span>अगर तू है तो ये दुनियाँ सलामत देख लेते हैं । वाह!वाह!! बहुत.ही उम्दा शे'र लगा ।</span></p>
<p><span> एक शानदार ग़ज़ल के लिए दिली मुबारकबाद क़ुबूल कीजिए आदरणीय नवीन मणि त्रिपाठी जी ।</span></p>
<p><span> कुछ वर्तनी पर ध्यान दिलाना चाहूँगा जैसे:- बाकी/बाक़ी , जुल्मो/ज़ुल्मों , कयामत/क़यामत ,खबर/ख़बर , जमाने/ज़माने , अंदाज/अंदाज़ , नजरों/नज़रों, गुजरे/गज़रे , मजबूरी/मज़बूरी आदि ।</span></p>