Comments - विधाता छंद-रामबली गुप्ता - Open Books Online2024-03-29T13:21:42Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A911686&xn_auth=noसुन्दर छन्द लिखे हैं. बधाई। आ…tag:openbooks.ning.com,2018-02-14:5170231:Comment:9138972018-02-14T04:10:59.139Zvijay nikorehttp://openbooks.ning.com/profile/vijaynikore
<p>सुन्दर छन्द लिखे हैं. बधाई। आपकी आँखों की <span>तकलीफ के बारे में सुन कर दुख हुआ... आशा है कि आप शीघ्र अच्छे हो जाएँगे।</span></p>
<p>सुन्दर छन्द लिखे हैं. बधाई। आपकी आँखों की <span>तकलीफ के बारे में सुन कर दुख हुआ... आशा है कि आप शीघ्र अच्छे हो जाएँगे।</span></p> हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण ध…tag:openbooks.ning.com,2018-02-13:5170231:Comment:9139602018-02-13T20:52:51.643Zरामबली गुप्ताhttp://openbooks.ning.com/profile/RAMBALIGUPTA
<p>हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी</p> समर भाई साहब सादर प्रणाम। आजक…tag:openbooks.ning.com,2018-02-13:5170231:Comment:9138052018-02-13T20:52:08.651Zरामबली गुप्ताhttp://openbooks.ning.com/profile/RAMBALIGUPTA
<p>समर भाई साहब सादर प्रणाम। आजकल कुछ अस्वस्थ हूँ और आँखों में भी तकलीफ है इसलिए समय से प्रतिक्रिया न दे सका। आपकी सराहना एवं प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से आभार।</p>
<p></p>
<p>इस छंद में -1222 1222 , 1222 1222 के वह्र में लिखा जाता है। प्रत्येक पद यही वह्र रहेगा किन्तु 14 मात्रा के बाद यति होनी चाहिए। प्रत्येक छंद में कुल चार पद होते हैं।</p>
<p>समर भाई साहब सादर प्रणाम। आजकल कुछ अस्वस्थ हूँ और आँखों में भी तकलीफ है इसलिए समय से प्रतिक्रिया न दे सका। आपकी सराहना एवं प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से आभार।</p>
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<p>इस छंद में -1222 1222 , 1222 1222 के वह्र में लिखा जाता है। प्रत्येक पद यही वह्र रहेगा किन्तु 14 मात्रा के बाद यति होनी चाहिए। प्रत्येक छंद में कुल चार पद होते हैं।</p> आद0 आरिफ़ जी देर से प्रतिक्रिय…tag:openbooks.ning.com,2018-02-13:5170231:Comment:9138032018-02-13T20:43:21.199Zरामबली गुप्ताhttp://openbooks.ning.com/profile/RAMBALIGUPTA
<p>आद0 आरिफ़ जी देर से प्रतिक्रिया देने के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ। दरअसल आँखों में थोड़ी दिक्कत होने की वजह से मोबाइल देखना नही हो पा रहा। इसलिए समय से प्रतिक्रिया नही दे पाया। अभी भी कुछ दिक्कत है ही। प्रयास पर आपकी प्रशंसा एवं प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार</p>
<p>आद0 आरिफ़ जी देर से प्रतिक्रिया देने के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ। दरअसल आँखों में थोड़ी दिक्कत होने की वजह से मोबाइल देखना नही हो पा रहा। इसलिए समय से प्रतिक्रिया नही दे पाया। अभी भी कुछ दिक्कत है ही। प्रयास पर आपकी प्रशंसा एवं प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार</p> आ. भाई रामबली जी, सुंदर छंद ह…tag:openbooks.ning.com,2018-02-02:5170231:Comment:9124412018-02-02T14:27:28.534Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई रामबली जी, सुंदर छंद हुए हैं । हार्दिक बधाई ।</p>
<p>आ. भाई रामबली जी, सुंदर छंद हुए हैं । हार्दिक बधाई ।</p> जनाब रामबली गुप्ता जी आदाब,बह…tag:openbooks.ning.com,2018-02-01:5170231:Comment:9122932018-02-01T12:26:00.363ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब रामबली गुप्ता जी आदाब,बहुत उम्दा छन्द लिखे आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>छन्द विधान लिख देते तो कुछ कहने में आसानी होती ।</p>
<p>जनाब रामबली गुप्ता जी आदाब,बहुत उम्दा छन्द लिखे आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>छन्द विधान लिख देते तो कुछ कहने में आसानी होती ।</p> आदरणीय रामबली गुप्ता जी आदाब,…tag:openbooks.ning.com,2018-02-01:5170231:Comment:9122802018-02-01T02:29:37.422ZMohammed Arifhttp://openbooks.ning.com/profile/MohammedArif
<p>आदरणीय रामबली गुप्ता जी आदाब,</p>
<p> सबके कल्याण और अच्छी मनोकामना से युक्त बेहतरीन विधाता छंद । हार्दिक बधाई स्वीकार करें । काश! छांदसिक विधान भी लिख दिया होता ।</p>
<p>आदरणीय रामबली गुप्ता जी आदाब,</p>
<p> सबके कल्याण और अच्छी मनोकामना से युक्त बेहतरीन विधाता छंद । हार्दिक बधाई स्वीकार करें । काश! छांदसिक विधान भी लिख दिया होता ।</p>